गीत 16
परमेश्वर के राज में पनाह लो!
1. सच्-चे दिल-वा-लों य-हो-वा को ढूँ-ढो
न-म्र ब-नो, च-लो नेक रा-ह पे।
जब ज़-मीं पे भड़-के कोप य-हो-वा का
मि-ले-गी हि-फ़ा-ज़त तुम्-हें।
(कोरस)
एक ही उम्-मीद है य-हो-वा का राज
जल्-दी लो इस-में प-नाह।
आ-शी-षें तुम-को मि-लें-गी ह-ज़ा-रों
याह का मा-नो हर का-हा।
2. जो सच्-चा-ई और इं-साफ़ के हैं प्या-से
कर लें क़-बूल वो म-सी-हा का राज।
जल्द ना र-हे-गा ज़ुल्-मी, ना सि-तम-गर
सब दे-खें-गे सच्-चा इं-साफ़।
(कोरस)
एक ही उम्-मीद है य-हो-वा का राज
जल्-दी लो इस-में प-नाह।
आ-शी-षें तुम-को मि-लें-गी ह-ज़ा-रों
याह का मा-नो हर का-हा।
3. दे-खो क़-रीब है छुट-का-रा ह-मा-रा
दिख-ते स-बूत ह-में राज है आ-या।
र-ह-नु-मा-ई क़-बूल क-रो याह की
तुम चल-ना साथ उस-के स-दा।
(कोरस)
एक ही उम्-मीद है य-हो-वा का राज
जल्-दी लो इस-में प-नाह।
आ-शी-षें तुम-को मि-लें-गी ह-ज़ा-रों
याह का मा-नो हर का-हा।
(भज. 59:16; नीति. 18:10; 1 कुरिं. 16:13 भी देखिए।)