गीत 58
खोजें शांति चाहनेवालों को!
1. ‘दे इस जहाँ को शांति का पैगाम!’
हुकुम याह का हमें देके
किया खुद यीशु ने ये काम।
प्यार वो करता था याह की “भेड़ों” से,
सुबह से शाम उन्हें ढूँढ़ा,
दर-ब-दर चल के।
हम भी खबर देते यहाँ,
छँट जाएगी गम की घटा,
बरसाएगा जल्द हम पे बरकतें याह।
(कोरस)
खोजें उन्हें
जो दिल से शांति पाना चाहते।
दें हम संदेश,
सुलह और दोस्ती याह से कर लें।
कोई कसर
ना छोड़ें हम।
2. लाख चाहें तो भी वक्त रुके नहीं,
रुकें हम भी भला कैसे,
है सब की जान बहुत कीमती।
प्यार कहता हमसे, ‘जा, दोबारा मिल,
लगा मरहम, पाएँ चैन वो,
फिर से जाएँ खिल।’
मिले जब भी नेक-दिल कोई,
भर जाती है दिल में खुशी,
ऐसी खुशी पाने को हम हैं बेताब।
(कोरस)
खोजें उन्हें
जो दिल से शांति पाना चाहते।
दें हम संदेश,
सुलह और दोस्ती याह से कर लें।
कोई कसर
ना छोड़ें हम।
(यशा. 52:7; मत्ती 28:19, 20; लूका 8:1; रोमि. 10:10 भी देखें।)