पाठ 34
हम कैसे दिखा सकते हैं कि हमें यहोवा से प्यार है?
जब से आप बाइबल अध्ययन करने लगे हैं, क्या परमेश्वर के लिए आपका प्यार बढ़ा है? क्या आप इस प्यार को और बढ़ाना चाहते हैं? अगर आप ऐसा करेंगे, तो यकीन रखिए कि यहोवा आपसे और भी ज़्यादा प्यार करेगा और आपका अच्छा खयाल रखेगा। पर सवाल यह है कि आप कैसे दिखा सकते हैं कि आप यहोवा से प्यार करते हैं?
1. हम कैसे दिखा सकते हैं कि हमें यहोवा से प्यार है?
हम यहोवा की आज्ञा मानकर दिखा सकते हैं कि हमें उससे प्यार है। (1 यूहन्ना 5:3 पढ़िए।) यहोवा किसी के साथ ज़बरदस्ती नहीं करता कि वह उसकी आज्ञा माने। इसके बजाय, उसने हममें से हरेक पर छोड़ा है कि हम उसकी बात मानेंगे या नहीं। ऐसा क्यों? क्योंकि वह चाहता है कि हम ‘दिल से उसके आज्ञाकारी बनें।’ (रोमियों 6:17) इसका मतलब है, हम प्यार की वजह से उसकी आज्ञा मानें, न कि किसी दबाव या मजबूरी में आकर। लेकिन इसके लिए यहोवा की पसंद-नापसंद जानना ज़रूरी है। इसी बारे में हम इस किताब के भाग 3 और 4 में सीखेंगे। जब हम उन कामों को करेंगे जो यहोवा को पसंद हैं और उन कामों से दूर रहेंगे जो उसे नापसंद हैं, तो हम दिखाएँगे कि हमें यहोवा से प्यार है।
2. कभी-कभी यह दिखाना क्यों मुश्किल हो सकता है कि हमें यहोवा से प्यार है?
बाइबल में लिखा है, ‘नेक जन पर बहुत-सी विपत्तियाँ आती हैं।’ (भजन 34:19) ऐसी कुछ विपत्तियाँ या मुश्किलें क्या हैं? हम सबको अपनी कमज़ोरियों से लड़ना पड़ता है। इसके अलावा, हमें शायद पैसों की तंगी झेलनी पड़े, अन्याय सहना पड़े या किसी और मुश्किल का सामना करना पड़े। इन हालात में यहोवा की आज्ञा मानना मुश्किल लग सकता है और गलत रास्ता अपनाना ज़्यादा आसान लग सकता है। लेकिन फिर भी जब हम यहोवा की बात मानते हैं, तो हम दिखाते हैं कि हम सबसे ज़्यादा यहोवा से प्यार करते हैं। हम यह भी साबित करते हैं कि हम यहोवा के वफादार हैं। बदले में यहोवा भी हमसे वफादारी निभाएगा। वह हमें कभी अकेला नहीं छोड़ेगा।—भजन 4:3 पढ़िए।
और जानिए
यहोवा के लिए यह बात क्यों मायने रखती है कि आप उसकी आज्ञा मानें? यहोवा के वफादार रहने में क्या बात आपकी मदद कर सकती है? आइए जानें।
3. शैतान ने आप पर इलज़ाम लगाया है
बाइबल से पता चलता है कि शैतान ने परमेश्वर के सेवक अय्यूब पर एक इलज़ाम लगाया। उसने वह इलज़ाम उन सभी लोगों पर भी लगाया जो यहोवा की सेवा करना चाहते हैं। अय्यूब 1:1, 6–2:10 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
शैतान के हिसाब से अय्यूब क्यों यहोवा की आज्ञा मानता था?—अय्यूब 1:9-11 देखिए।
शैतान ने सभी इंसानों और आपके बारे में भी क्या दावा किया है?—अय्यूब 2:4 देखिए।
अय्यूब 27:5ख पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
अय्यूब ने कैसे साबित किया कि वह यहोवा से सच्चा प्यार करता है?
4. यहोवा का दिल खुश कीजिए
नीतिवचन 27:11 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
यहोवा को कैसा लगता है जब आप बुद्धिमानी से काम लेते हैं और उसकी आज्ञा मानते हैं? उसे ऐसा क्यों लगता है?
5. आप यहोवा के वफादार रह सकते हैं
यहोवा के लिए प्यार हमें उभारेगा कि हम उसके बारे में दूसरों को बताएँ। यहोवा के लिए वफादारी हमें उभारेगी कि हम उसके बारे में तब भी बताएँ जब ऐसा करना मुश्किल हो। वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
क्या आपको कभी यहोवा के बारे में दूसरों को बताना मुश्किल लगा है?
वीडियो में ग्रेसन ने किस तरह अपने डर पर काबू पाया?
यहोवा के वफादार रहना तब आसान हो जाता है जब हम उन बातों से प्यार करते हैं जिनसे यहोवा प्यार करता है और उन बातों से नफरत करते हैं जिनसे यहोवा को नफरत है। भजन 97:10 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
अब तक आपने जो सीखा उसके मुताबिक, यहोवा को किन बातों से प्यार है और किन बातों से नफरत?
आप क्या कर सकते हैं ताकि आप अच्छी बातों से प्यार करना और बुरी बातों से नफरत करना सीखें?
6. यहोवा की आज्ञा मानने से हमारा भला होता है
यहोवा की बात मानने से हमेशा फायदा होता है। यशायाह 48:17, 18 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
क्या आप मानते हैं कि यहोवा हमसे जो करने के लिए कहता है, उसमें हमारी ही भलाई है? आप ऐसा क्यों मानते हैं?
अब तक आपने बाइबल के बारे में और सच्चे परमेश्वर यहोवा के बारे में जो कुछ सीखा है, उससे आपको क्या फायदा हुआ है?
कुछ लोग कहते हैं: “मैं जो भी करूँ ईश्वर को कोई फर्क नहीं पड़ता।”
आप कौन-सा वचन दिखाकर बताएँगे कि हमारे कामों से यहोवा को फर्क पड़ता है?
अब तक हमने सीखा
जब आप यहोवा की आज्ञा मानते हैं और मुश्किलों में भी उसके वफादार रहते हैं, तो आप दिखाते हैं कि आप उससे प्यार करते हैं।
आप क्या कहेंगे?
आपने अय्यूब से क्या सीखा?
आप कैसे साबित कर सकते हैं कि आप यहोवा से प्यार करते हैं?
यहोवा के वफादार रहने में क्या बात आपकी मदद कर सकती है?
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