परिवारो, कलीसिया के साथ परमेश्वर की स्तुति कीजिए
“सभाओं में मैं यहोवा को धन्य कहा करूंगा।”— भजन २६:१२.
१. घर में प्रार्थना करने और स्टडी करने के अलावा हमारी उपासना का एक और मुख्य भाग कौन-सा है?
यहोवा की उपासना का मतलब सिर्फ घर पर बैठकर प्रार्थना करना और बाइबल पढ़ना नहीं है। उसकी उपासना के लिए हमें परमेश्वर की कलीसिया के सभी कामों में हिस्सा लेना भी ज़रूरी है। पुराने ज़माने में इस्राएल की जाति से कहा गया था कि परमेश्वर की व्यवस्था सीखने के लिए “क्या पुरुष, क्या स्त्री, क्या बालक, . . . सब लोगों को इकट्ठा करना,” ताकि वे लोग सीखकर उसके मार्ग पर चलते रहें। (व्यवस्थाविवरण ३१:१२; यहोशू ८:३५) पुरनियों से और “जवानों और कुमारियों” से भी कहा गया था कि वे यहोवा के नाम की स्तुति करने के लिए इकट्ठा हों। (भजन १४८:१२, १३) यहोवा के बारे में सीखने और उसके नाम की स्तुति करने के लिए आज मसीही कलीसिया में भी वैसी ही व्यवस्था की गयी है। दुनिया-भर में, किंगडम हॉल में पुरुष, स्त्री और बच्चे सभाओं में आते हैं और उसमें बेझिझक भाग लेते हैं, और उन्हें भाग लेने में बहुत खुशी मिलती है।—इब्रानियों १०:२३-२५.
२. (क) बच्चे सभाओं का आनंद ले सकें इसके लिए तैयारी करना क्यों बहुत ही ज़रूरी है? (ख) किसका आदर्श बच्चों के लिए ज़रूरी है?
२ बेशक, छोटे बच्चों को कलीसिया के सभी कामों में हिस्सा लेने की आदत डालना कोई आसान काम नहीं है। कुछ बच्चे अपने माँ-बाप के साथ सभाओं में आते तो हैं, लेकिन सभाओं का पूरा-पूरा फायदा नहीं उठाते। सो, इसकी वज़ह क्या हो सकती है? यह बात तो सच है कि ज़्यादातर बच्चे किसी एक बात पर बहुत ज़्यादा देर तक ध्यान नहीं दे सकते, और इसलिए वे बोर हो जाते हैं। लेकिन इस समस्या को सुलझाने के लिए सभाओं की तैयारी बहुत फायदेमंद हो सकती है। अगर बच्चों ने तैयारी नहीं की है, तो सभाओं में उनका ठीक से ध्यान नहीं होगा और वे अच्छी तरह भाग नहीं ले पाएँगे। (नीतिवचन १५:२३) तैयारी किए बगैर वे आध्यात्मिक रूप से न तो प्रगति कर पाएँगे और न ही खुशी हासिल कर पाएँगे। (१ तीमुथियुस ४:१२, १५) तो फिर उनकी मदद करने के लिए क्या किया जा सकता है? सबसे पहले तो खुद माता-पिता को पूछना चाहिए कि क्या हम खुद सभाओं के लिए तैयारी करते हैं। तैयारी करने में उनके अच्छे आदर्श का बच्चों पर बहुत ही गहरा असर हो सकता है। (लूका ६:४०) फैमिली स्टडी के लिए अच्छी तरह योजना बनाने से भी बहुत मदद मिल सकती है।
मन में बिठाना
३. फैमिली स्टडी के दौरान दिल तक पहुँचने की कोशिश क्यों की जानी चाहिए, और इसके लिए क्या ज़रूरी है?
३ फैमिली स्टडी का समय सिर्फ बच्चों के दिमाग में जानकारी-पर-जानकारी भरने का नहीं होता, बल्कि उनके मन में अच्छी बातें बिठाने का होता है। इसके लिए दो बातों की ज़रूरत होती है, सबसे पहले तो परिवार के हर सदस्य की दिल से चिंता करना और दूसरी यह जानना कि उन्हें कौन-सी समस्याएँ हैं। इस मामले में हमें ठीक यहोवा की तरह होना चाहिए, जो “मन को जांचता है।”—१ इतिहास २९:१७.
४. (क) “नासमझ” का मतलब क्या है? (ख) ‘बुद्धि प्राप्त करने’ के लिए क्या ज़रूरी है?
४ सो, जब यहोवा हमारे बच्चों के मन की जाँच करता है तो वह क्या पाएगा? कई माता-पिता कहेंगे कि यहोवा देखेगा कि उनके बच्चे दिल से परमेश्वर से प्रेम करते हैं, और यह अच्छी बात है। लेकिन, बच्चे को या जिसने अभी-अभी यहोवा के बारे में सीखा है उस व्यक्ति को यहोवा के मार्ग पर चलने का अभी तक तज़ुर्बा नहीं मिला है। और इस वज़ह से, जैसे बाइबल कहती है, वह शायद “नासमझ” हो। हो सकता है कि मन में कोई खोट न हो, लेकिन उसे अपने मन में ऐसे बदलाव लाने के लिए समय ज़रूर लगेगा जिससे परमेश्वर खुश हो। इसके लिए ज़रूरी है कि जहाँ तक हम असिद्ध मनुष्यों से मुमकिन हो, हम अपने विचारों, अपनी इच्छाओं, पसंदों, भावनाओं और ज़िंदगी के लक्ष्यों में परमेश्वर की इच्छा के अनुसार बदलाव लाएँ। सो, जब व्यक्ति इस तरह से परमेश्वर की इच्छा के अनुसार अपने मन में बदलाव लाता है, तो वह “बुद्धि प्राप्त करता” है।—नीतिवचन ९:४, NHT; १९:८.
५, ६. माता-पिता अपने बच्चों की मदद कैसे कर सकते हैं कि वे “बुद्धि प्राप्त” करें?
५ क्या माता-पिता अपने बच्चों की मदद कर सकते हैं कि वे भी “बुद्धि प्राप्त” कर सकें? यह तो सच है कि जब तक कोई खुद अच्छा न बनना चाहे, तब तक दूसरा उसे नहीं बदल सकता, क्योंकि हममें से हरेक को सोच-समझकर अपने लिए फैसला करने की आज़ादी दी गयी है। और बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि हम अपना मन कैसे विचारों से भरते हैं। माता-पिता समझदारी से अपने बच्चे से बात कर-करके उसके मन की बात को बाहर निकाल सकते हैं, और फिर ज़रूरत के मुताबिक उसकी मदद कर सकते हैं। इसके लिए ऐसे सवालों का इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे ‘आपको इसके बारे में कैसा लगता है?’ और ‘आप क्या करना चाहेंगे?’ और जब बच्चे अपने दिल से बात करते हैं तो उनकी ध्यान से सुनिए। बेकाबू मत हो जाइए। (नीतिवचन २०:५) अगर आप चाहते हैं कि अपने बच्चे के दिल तक पहुँचें, तो घर में हमदर्दी, समझदारी और प्यार का माहौल होना बहुत ही ज़रूरी है।
६ साथ ही उनके साथ आत्मा के फलों की, दरअसल हर फल की चर्चा कीजिए और कोशिश कीजिए कि पूरा परिवार मिलकर उन गुणों को बढ़ाने के लिए काम करे, ताकि वे मन में अच्छी बातों और इच्छाओं को भर सकें। (गलतियों ५:२२, २३) इसके अलावा, उनके दिल में यहोवा और यीशु के लिए प्यार बढ़ाइए। लेकिन इसके लिए सिर्फ इतना ही मत कहिए कि हमें उनसे प्यार करना चाहिए, बल्कि उन कारणों की चर्चा कीजिए कि क्यों हम उनसे प्यार करते हैं और हम उसे कैसे ज़ाहिर कर सकते हैं। (२ कुरिन्थियों ५:१४, १५) सही काम करने की उनकी इच्छा को और भी मज़बूत कीजिए और उन्हें बताइए कि इसके अच्छे परिणामों से उन्हें कितना लाभ होगा। उनके साथ चर्चा कीजिए कि गलत विचारों, बातों और चालचलन का परिणाम कितना बुरा हो सकता है, और इस तरह बुराई से नफरत करने की उनकी इच्छा को भी मज़बूत कीजिए। (आमोस ५:१५; ३ यूहन्ना ११) बच्चों को दिखाइए कि कैसे हमारे विचारों का, बातों का और चालचलन का, चाहे वे अच्छे हों या बुरे, यहोवा के साथ हमारे रिश्ते पर असर पड़ सकता है।
७. बच्चे की समस्या को हल करते समय या उसे ज़रूरी फैसला लेने में मदद करते समय हम ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे वह यहोवा के और नज़दीक आए?
७ जब बच्चे को कोई समस्या होती है या उसे कोई ज़रूरी फैसला करना होता है, तो हम उससे पूछ सकते हैं: ‘तुम्हारे हिसाब से यहोवा इस बात को किस नज़र से देखता है? तुम यहोवा के बारे में क्या जानते हो जिसकी वज़ह से आप यह कह रहे हो? क्या तुम ने इसके बारे में यहोवा से प्रार्थना की है?’ जहाँ तक हो सके बचपन से ही बच्चों को अपनी ज़िंदगी में एक ऐसी आदत डालने में मदद कीजिए ताकि वे हमेशा यह देखने की पूरी-पूरी कोशिश करें कि परमेश्वर की इच्छा क्या है और फिर उसे पूरी करे। सो, जब यहोवा के साथ उनका एक बहुत ही करीबी रिश्ता बन जाएगा, तो वे खुशी-खुशी उसके मार्ग पर चलने लगेंगे। (भजन ११९:३४, ३५) और इस तरह वे सच्चे परमेश्वर के लोगों के साथ इकट्ठा होने की आशीष की और भी कदर करने लगेंगे।
सभाओं की तैयारी करना
८. (क) अपनी फैमिली स्टडी में सभी ज़रूरी बातों को शामिल करने के लिए हम क्या कर सकते हैं? (ख) फैमिली स्टडी करना इतना ज़रूरी क्यों है?
८ फैमिली स्टडी के दौरान कई बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। आप उन सभी ज़रूरी बातों को कैसे शामिल कर सकते हैं? एक ही बार में इन सबको शामिल करना तो नामुमकिन है। सो, इन सभी बातों की एक लिस्ट बना लीजिए। (नीतिवचन २१:५) समय-समय पर इस लिस्ट पर नज़र दौड़ाइए और देखिए कि किस बात की ओर खास ध्यान दिया जाना है। और परिवार के हर सदस्य में गहरी दिलचस्पी लीजिए ताकि वे प्रगति कर सकें। मसीही शिक्षा पाने के लिए फैमिली स्टडी एक बहुत ही ज़रूरी इंतज़ाम है, जो हमें अभी के जीवन के लिए और आनेवाले अनंत जीवन के लिए तैयार करता है।—१ तीमुथियुस ४:८.
९. सभा की तैयारी के लिए हम अपनी फैमिली स्टडी में कौन-से लक्ष्य रख सकते हैं?
९ क्या आप फैमिली स्टडी के दौरान सभाओं की भी तैयारी करते हैं? आप ऐसे कई लक्ष्य बना सकते हैं जिन पर आप साथ मिलकर काम कर सकें। कुछ लक्ष्यों को हासिल करने के लिए चंद हफ्ते लगेंगे, कुछ के लिए चंद महीने, या कुछ के लिए चंद साल भी लग सकते हैं। कुछ ऐसे लक्ष्य रखे जा सकते हैं जैसे: (१) परिवार का हर सदस्य सभाओं में जवाब देने के लिए तैयार रहे; (२) हर सदस्य अपने ही शब्दों में जवाब देने की कोशिश करे; (३) अपने जवाब में वचनों को भी शामिल करें; (४) और अपनी ज़िंदगी पर लागू करने के उद्देश्य से विषय का अध्ययन करें। ऐसा करने से परिवार के हर सदस्य को सच्चाई को अपने दिल में बिठाने में मदद मिलेगी।—भजन २५:४, ५.
१०. (क) हम हर सभा की तैयारी की ओर कैसे ध्यान दे सकते हैं? (ख) यह क्यों फायदेमंद है?
१० अगर आप अपनी फैमिली स्टडी में प्रहरीदुर्ग की तैयारी करते है, तो भी यह मत भूलिए कि आपको और पूरे परिवार को कलीसिया के पुस्तक अध्ययन की, ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल की और सेवा सभा की भी तैयारी करनी है। ये भी ज़रूरी इंतज़ाम हैं जो हमें यहोवा के मार्ग पर चलना सिखाते हैं। समय-समय पर आप अपनी फैमिली स्टडी में सभाओं की तैयारी भी कर सकते हैं। जब आप पूरे परिवार के साथ मिलकर अध्ययन करेंगे तो पूरा परिवार का अध्ययन करने का तरीका बेहतर हो जाएगा। और इससे आपको सभाओं से भी ज़्यादा फायदा होगा। सो, फैमिली स्टडी में दूसरी बातों के अलावा यह भी चर्चा कीजिए कि सभाओं की हमेशा तैयारी करते रहने से क्या फायदे हैं और तैयारी करने के लिए एक समय तय करना कितना ज़रूरी है।—इफिसियों ५:१५-१७.
११, १२. सभा में गाए जानेवाले गीतों की तैयारी करने से हमें क्या फायदा होगा, और यह तैयारी कैसे की जा सकती है?
११ “ईश्वरीय जीवन का मार्ग” अधिवेशन में हमें अपनी सभाओं के एक और भाग की तैयारी करने के लिए कहा गया, गीत गाने की तैयारी। क्या आपने इस सलाह पर अमल किया है? ऐसा करके हम गीत में बाइबल की जो सच्चाइयाँ गाते हैं, उन्हें अपने दिलो-दिमाग में बिठा सकते हैं और सभाओं से मिलनेवाली खुशी बढ़ा सकते हैं।
१२ सभा में जो गीत गाए जाएँगे, उन गीतों को पढ़ने से और उनके शब्दों के मतलब और भावना की चर्चा करने से हमें अपने दिल से गीत गाने में मदद मिलेगी। इस्राएल की जाति में यहोवा की उपासना के लिए संगीत वाद्यों का बहुत इस्तेमाल किया जाता था। (१ इतिहास २५:१; भजन २८:७) क्या आपके परिवार में कोई वाद्य बजा सकता है? तो क्यों न उस वाद्य का इस्तेमाल करके उस हफ्ते के किसी राज्य गीत का रियाज़ करें, और पूरे परिवार के साथ मिलकर वह गीत गाएँ। वरना गीत के कैसॆट का इस्तेमाल किया जा सकता है। कुछ देश के हमारे भाई संगीत वाद्यों के बिना भी बहुत अच्छी तरह गा लेते हैं। सैर-सपाटा करते वक्त या खेती में काम करते वक्त वे उस हफ्ते की सभा में गाए जानेवाले गीत गुनगुनाते रहते हैं।—इफिसियों ५:१९.
प्रचार के लिए पूरे परिवार के साथ तैयारी करना
१३, १४. ऐसी फैमिली स्टडी क्यों बेहद ज़रूरी है जो प्रचार के लिए हमारे मन को तैयार करती है?
१३ दूसरों को यहोवा के और उसके उद्देश्यों के बारे में बताना हमारी ज़िंदगी का एक खास मकसद है। (यशायाह ४३:१०-१२; मत्ती २४:१४) चाहे हम बूढ़े हों या जवान, अगर हमने प्रचार के लिए अच्छी तैयारी की है, तो हमें प्रचार में ज़्यादा मज़ा आएगा और हम ज़्यादा सफल हो पाएँगे। सो, हम परिवार में प्रचार के लिए तैयारी कैसे कर सकते हैं?
१४ जैसे हम अपनी उपासना के लिए बाकी चीज़ों की तैयारी करते हैं, उसी तरह प्रचार के लिए हमें अपने मन को तैयार करने की ज़रूरत है। हमें परिवार के साथ सिर्फ इसकी चर्चा नहीं करनी चाहिए कि हम प्रचार में क्या कहेंगे, बल्कि यह भी कि यह क्यों कहेंगे। मिसाल के तौर पर, राजा यहोशपात के दिनों में लोगों को परमेश्वर की व्यवस्था के बारे में सिखाया गया था, मगर बाइबल बताती है कि उसकी ओर “लोगों ने अपना मन . . . न लगाया [तैयार न किया] था।” इसकी वज़ह से वे ऐसी परीक्षाओं में पड़ गए जो उन्हें सच्ची उपासना से कोसों दूर ले गयी। (२ इतिहास २०:३३; २१:११) हमें प्रचार में सिर्फ पुस्तक देने या सिर्फ घंटे बिताकर इसकी रिपोर्ट करने के लिए नहीं जाना चाहिए। इसके बजाय, हमें प्रचार में इसीलिए जाना चाहिए क्योंकि हम यहोवा से प्यार करते हैं और ऐसे लोगों से प्यार करते हैं, जो ज़िंदगी की राह की तलाश में हैं। (इब्रानियों १३:१५) यह ऐसा काम है जिसमें हम “परमेश्वर के सहकर्मी हैं।” (१ कुरिन्थियों ३:९) हमारे लिए यह कितना बड़ा सम्मान है! और प्रचार के इस काम में हमारे साथ पवित्र स्वर्गदूत भी शामिल हैं। (प्रकाशितवाक्य १४:६, ७) इस सम्मान के लिए अपने दिल में कदर बढ़ाने के लिए हमारी फैमिली स्टडी से अच्छा और कौन-सा मौका होगा, चाहे हम हफ्ते में एक बार स्टडी कर रहे हों या फिर प्रतिदिन शास्त्रवचनों की जाँच करना, इस पुस्तक से उस दिन के वचन पर चर्चा कर रहे हों!
१५. हम परिवार के साथ प्रचार की तैयारी कब कर सकते हैं?
१५ क्या आप कभी-कभी अपनी फैमिली स्टडी के वक्त अपने परिवार के सदस्यों की मदद करते हैं ताकि वे उस हफ्ते प्रचार में जाने के लिए तैयार हो सकें? ऐसा करना बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। (२ तीमुथियुस २:१५) इससे उनकी सेवकाई और असरदार बन सकती है, जिससे उन्हें अच्छे नतीजे भी मिल सकते हैं। कभी-कभी आप फैमिली स्टडी के वक्त ही प्रचार की तैयारी कर सकते हैं। कई बार आप फैमिली स्टडी खत्म होने के बाद कुछ समय के लिए या हफ्ते में किसी और समय प्रचार कार्य के कुछ पहलुओं पर थोड़ी देर चर्चा कर सकते हैं।
१६. पैराग्राफ में बताए गए हर मुद्दे के महत्त्व की चर्चा कीजिए।
१६ आप प्रचार की तैयारी करते वक्त इन बातों पर काम कर सकते हैं, जैसे: (१) अच्छी तरह तैयारी कीजिए कि आप प्रचार में बात करना किस तरह शुरू करेंगे, और अगर वक्त हो तो बाइबल से एक वचन भी पढ़िए। (२) अगर हो सके, तो हरेक सदस्य के पास प्रचार के लिए अपना बैग हो, बाइबल हो, नोटबुक हो, पॆन या पॆन्सिल हो, कुछ ट्रैक्ट हों और दूसरी पुस्तकें हों जो फटी-पुरानी न हो। ज़रूरी नहीं कि प्रचार का बैग बहुत ही महँगा हो, लेकिन उसे साफ-सुथरा होना ज़रूरी है। (३) चर्चा कीजिए कि हम किन-किन जगहों में और किस तरह के लोगों को गवाही दे सकते हैं। जब आप प्रचार में एकसाथ काम करते हैं तो हर बार यहाँ बताए गए एक मुद्दे पर काम करने की कोशिश कीजिए। जहाँ ज़रूरी हो वहाँ मदद करने के लिए कोई सलाह दीजिए, मगर सभी मुद्दों पर एक साथ सलाह मत दीजिए।
१७, १८. एक परिवार को अपना प्रचार कार्य और भी असरदार बनाने के लिए कैसी तैयारी की ज़रूरत है? (ख) हर हफ्ते तैयारी कैसे की जा सकती है?
१७ यीशु मसीह ने अपने शिष्यों को जो काम दिया था उसका मुख्य हिस्सा है चेले बनाना। (मत्ती २८:१९, २०) और चेला बनाने का मतलब सिर्फ प्रचार करना नहीं है। इसके लिए सिखाना भी ज़रूरी है। आपकी फैमिली स्टडी आपको इस मामले में भी असरदार होने में कैसे मदद कर सकती है?
१८ परिवार के साथ चर्चा कीजिए कि किन लोगों से पुनःभेंट करना अच्छा होगा। उदाहरण के लिए, कुछ ऐसे लोग होंगे जिन्होंने हमसे कोई पुस्तक ली हो, या कुछ लोगों ने बस हमारी बात को ध्यान से सुना हो। शायद हम उन्हें घर-घर की सेवकाई में मिले होंगे या बाज़ार में या स्कूल में मौका मिलने पर गवाही देते वक्त मिले होंगे। इन मामलों में भी बाइबल के सिद्धांतों को लागू करने की कोशिश कीजिए। (भजन २५:९; यहेजकेल ९:४) परिवार में यह भी तय कीजिए कि इस हफ्ते कौन-सा सदस्य किस व्यक्ति से पुनःभेंट करेगा। उस व्यक्ति के पास जाकर आप किस विषय पर बात करेंगे? फैमिली स्टडी में हर सदस्य को इसकी तैयारी करने में भी मदद की जा सकती है। कुछ खास वचनों को और परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है और ज्ञान जो अनंत जीवन की ओर ले जाता है, इन प्रकाशनों से कुछ अच्छे मुद्दों को लिख लीजिए ताकि आप दिलचस्पी दिखानेवालों को दिखा सकें। उस व्यक्ति के साथ एक ही बार में बहुत सारी बातों पर चर्चा करने की कोशिश न करें। और लौटते समय उससे एक सवाल पूछें, जिसका जवाब अगली बार दिया जा सकता है। सो, क्यों न सभी लोग अपनी हर हफ्ते की फैमिली स्टडी में इसका भी इंतज़ाम करें कि हर सदस्य उस हफ्ते कौन-सी पुनःभेंट करेगा, कब करेगा और वह उस समय क्या कहेगा। इस तरह पूरे परिवार का प्रचार कार्य बहुत ही असरदार हो सकता है जिससे उन्हें अच्छे नतीजे मिलेंगे।
उन्हें यहोवा का मार्ग सिखाते रहिए
१९. अगर आप चाहते हैं कि आपके परिवार के सदस्य यहोवा के मार्ग पर चलते रहें, तो उन्हें क्या करना होगा, और इसके लिए उन्हें कौन-सी बात मदद करेगी?
१९ इस बुरी दुनिया में परिवार के मुखिया को अपनी ज़िम्मेदारियाँ सँभालना बहुत ही मुश्किल हो गया है, क्योंकि शैतान और उसकी दुष्टात्माएँ यहोवा के सेवकों की आध्यात्मिकता को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। (१ पतरस ५:८) इतना ही नहीं, आज माता-पिताओं पर इस दुनिया से बहुत ही दबाव आ रहे हैं, और खासकर उन पर जिनका साथी नहीं है। आप जो कुछ करना चाहते हैं उन सब के लिए समय निकालना बहुत ही मुश्किल है। लेकिन अगर आप एक बार में यहाँ दी गयी सिर्फ एक ही सलाह को लागू कर पाएँ, और इस तरह अपनी फैमिली स्टडी को आहिस्ते-आहिस्ते बेहतर बनाते जाएँ, तो भी इससे आपके पूरे परिवार को बहुत ही फायदा होगा। और जब आप देखेंगे कि आपके करीब के लोग वफादारी से यहोवा के मार्ग पर चल रहे हैं, तो आपका दिल खुशी से भर आएगा। यहोवा के मार्ग पर वफादारी से चलने के लिए, परिवार के सदस्यों को सभाओं में और प्रचार में जाने से खुशी मिलनी चाहिए। और यह तभी सच होगा जब हम तैयारी करेंगे, ऐसी तैयारी जिसे हम अपने मन में बिठा सकें और जो हमें ज़्यादा-से-ज़्यादा और अच्छा-से-अच्छा भाग लेने के लिए भी तैयार करेगी।
२०. कौन-सी बात ज़्यादातर माता-पिताओं को ३ यूहन्ना ४ में बतायी गयी खुशी पाने में मदद करेगी?
२० जिन लोगों को प्रेरित यूहन्ना ने आध्यात्मिक रूप से मदद की थी, उनके बारे में उसने लिखा: “मुझे इस से बढ़कर और कोई आनन्द नहीं, कि मैं सुनूं, कि मेरे लड़के-बाले सत्य पर चलते हैं।” (३ यूहन्ना ४) जब खास लक्ष्यों को मन में रखकर फैमिली स्टडी की जाती है और जब परिवार के मुखिया परिवार के हर सदस्य की ज़रूरतों को खुशी से पूरा करते हैं और उनकी मदद करते हैं, तो इससे पूरे परिवार में खुशहाली होगी। सो, माता-पिता अपने परिवार में ईश्वरीय जीवन के मार्ग के लिए कदर बढ़ाने के द्वारा पूरे परिवार की मदद करते हैं ताकि वे ज़िंदगी के सबसे बेहतरीन मार्ग पर चलने का आनंद लें।—भजन १९:७-११.
क्या आप समझा सकते हैं?
◻ बच्चों के लिए सभाओं की तैयारी करना क्यों ज़रूरी है?
◻ माता-पिता अपने बच्चों को “बुद्धि प्राप्त” करने में कैसे मदद कर सकते हैं?
◻ हमारी फैमिली स्टडी हमें सभी सभाओं की तैयारी करने में कैसे मदद कर सकती है?
◻ अपने परिवार के साथ मिलकर प्रचार की तैयारी को हम और भी असरदार कैसे बना सकते हैं?
[पेज 20 पर तसवीर]
अपनी फैमिली स्टडी में आप सभाओं की तैयारी कर सकते हैं
[पेज 21 पर तसवीर]
सभाओं में गाए जानेवाले गीतों का पहले से ही रियाज़ करना फायदेमंद होगा