यहोवा हम पर ज़ाहिर करता है, “बहुत जल्द क्या-क्या होना है”
“ये वे बातें हैं जो यीशु मसीह के ज़रिए प्रकट की गयीं। ये उसे परमेश्वर से मिली थीं ताकि वह अपने दासों को दिखा सके कि बहुत जल्द क्या-क्या होना है।”—प्रका. 1:1.
आप क्या जवाब देंगे?
बड़ी मूर्ति का कौन-सा हिस्सा ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति को दर्शाता है?
ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति और संयुक्त राष्ट्र संघ के बीच क्या नाता है, इस बारे में यूहन्ना क्या बताता है?
दानिय्येल और यूहन्ना के दर्शन में, दुनिया की सारी सरकारों के अंत के बारे में क्या बताया गया है?
1, 2. (क) दानिय्येल और यूहन्ना की भविष्यवाणियाँ हमें क्या समझने में मदद देती हैं? (ख) जंगली जानवर के पहले छ: सिर किन्हें दर्शाते हैं?
जब हम दानिय्येल और यूहन्ना की भविष्यवाणियों की आपस में तुलना करते हैं, तो हमें आज और भविष्य में होनेवाली घटनाओं का मतलब समझने में मदद मिलती है। यूहन्ना के देखे सात सिरवाले जंगली जानवर के दर्शन, दानिय्येल के दस सींगवाले भयानक जानवर के ब्यौरे और लंबी-चौड़ी मूर्ति के सपने का उसने जो मतलब बताया, उन सबसे हम क्या सीख सकते हैं? और इन भविष्यवाणियों की साफ समझ पाकर हमें क्या करने का बढ़ावा मिलता है?
2 आइए यूहन्ना के देखे जंगली जानवर के दर्शन पर गौर करें। (प्रका., अध्या. 13) जैसा कि हमने पिछले लेख में देखा, जानवर के पहले छ: सिर मिस्र, अश्शूर, बैबिलोन, मादी-फारस, यूनान और रोम को दर्शाते हैं। इन सभी विश्व शक्तियों ने स्त्री के वंश के लिए नफरत दिखायी। (उत्प. 3:15) जब यूहन्ना ने दर्शन दर्ज़ किए, तो उसके सदियों बाद तक, छठा सिर यानी रोम एक शक्तिशाली साम्राज्य बना रहा। मगर आखिरकार सातवाँ सिर रोम की जगह लेनेवाला था। यह सातवाँ सिर या विश्व शक्ति कौन थी और वह स्त्री के वंश के साथ कैसे पेश आती?
ब्रिटेन और अमरीका शक्तिशाली बनते हैं
3. दस सींगवाला खौफनाक जानवर किसे दर्शाता है? और उसके दस सींग किसे दर्शाते हैं?
3 अगर हम यूहन्ना के दर्शन और दानिय्येल के दस सींगवाले खौफनाक जानवर के दर्शन की आपस में तुलना करें, तो हम पहचान सकते हैं कि प्रकाशितवाक्य अध्याय 13 में बताए जंगली जानवर का सातवाँ सिर कौन है।a (दानिय्येल 7:7, 8, 23, 24 पढ़िए।) दानिय्येल ने दर्शन में जिस दस सींगवाले जानवर को देखा, वह विश्व शक्ति रोम को दर्शाता है। (पेज 12-13 पर दिया चार्ट देखिए।) ईसवी सन् पाँचवी सदी में, रोम साम्राज्य धीरे-धीरे टूटकर छोटे-छोटे राज्यों में बिखरने लगा। उस खौफनाक जानवर के दस सींग, उन राज्यों को दर्शाते हैं, जो रोम साम्राज्य से निकले थे।
4, 5. (क) छोटे सींग ने क्या किया? (ख) जंगली जानवर का सातवाँ सिर किसे दर्शाता है?
4 दानिय्येल की भविष्यवाणी बताती है कि दस सींगवाले खौफनाक जानवर का “एक और छोटा सा सींग” निकलता है, जिसके बल से तीन सींग उखड़ जाते हैं। भविष्यवाणी की यह बात कब पूरी हुई? तब जब ब्रिटेन, जो पहले रोमी साम्राज्य की छोटी छावनी हुआ करता था, वह काफी नामो-शोहरत पाने लगा। सत्रहवीं सदी तक ब्रिटेन एक मामूली और छोटा साम्राज्य था। रोमी साम्राज्य के अधीन आनेवाले तीन देश स्पेन, नेदरलैंडस और फ्राँस इसके मुकाबले ज़्यादा शक्तिशाली थे। मगर फिर ब्रिटेन ने एक-एक करके इन तीनों देशों को हरा दिया और उन सभी से ताकतवर बन बैठा। सन् 1750 तक ब्रिटेन, दुनिया में एक शक्तिशाली साम्राज्य के तौर पर उभरने लगा। लेकिन अब तक वह जंगली जानवर का सातवाँ सिर नहीं बना था।
5 हालाँकि ब्रिटेन देशों पर जीत हासिल करता गया, मगर उत्तरी अमरीका में उसकी उपनिवेश बस्तियाँ उससे अलग हो गयीं और इस तरह संयुक्त राज्य अमरीका की शुरूआत हुई। ब्रिटेन ने अमरीका को ताकतवर बनने से नहीं रोका, उलटा अपनी नौसेना से उसकी सुरक्षा की। फिर सन् 1914 में जब प्रभु के दिन की शुरूआत हुई, तब तक ब्रिटेन पूरे इतिहास में दुनिया का सबसे शक्तिशाली साम्राज्य बन चुका था और अमरीका पूरी दुनिया के उद्योग जगत का सरताज।b पहले विश्व युद्ध के दौरान अमरीका, ब्रिटेन का एक खास साझेदार बन गया। वे दोनों साथ मिलकर अनोखे ढंग से काम करने लगे। इस तरह जंगली जानवर का सातवाँ सिर, ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति बनकर उभरा। यह विश्व शक्ति, स्त्री के वंश के साथ कैसे पेश आती?
6. सातवें सिर ने परमेश्वर के लोगों के साथ कैसा सलूक किया?
6 प्रभु के दिन के शुरू होने के कुछ ही समय बाद, सातवें सिर ने परमेश्वर के लोगों यानी धरती पर मसीह के बचे हुए भाइयों पर हमला किया। (मत्ती 25:40) यीशु ने बताया था कि उसकी मौजूदगी के दौरान, वंश के कुछ बचे हुए जन धरती पर होंगे और ज़ोर-शोर से उसका दिया काम कर रहे होंगे। (मत्ती 24:45-47; गला. 3:26-29) ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति ने इन पवित्र जनों के साथ युद्ध किया। (प्रका. 13:3, 7) पहले विश्व युद्ध के दौरान, उसने परमेश्वर के लोगों पर ज़ुल्म किए, उनके कुछ साहित्यों पर पाबंदी लगायी और विश्वासयोग्य दास के प्रतिनिधियों को सलाखों के पीछे डलवा दिया। यहाँ तक कि सातवें सिर ने कुछ समय के लिए प्रचार काम करीब-करीब बंद करवा दिया। यहोवा ने पहले से यूहन्ना को दर्शन के ज़रिए बताया था कि ये सनसनीखेज़ घटनाएँ घटेंगी। मगर उसने यूहन्ना को यह भी बताया कि पवित्र जन यानी स्त्री के वंश का दूसरा भाग दोबारा खड़ा होगा और बढ़-चढ़कर प्रचार काम में हिस्सा लेगा। (प्रका. 11:3, 7-11) यहोवा के साक्षियों का इतिहास इस बात को पक्का करता है कि ये सारी घटनाएँ वैसी-की-वैसी घटी थीं।
ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति और लोहे और मिट्टी के पाँव
7. जंगली जानवर के सातवें सिर और बड़ी मूर्ति के बीच क्या ताल्लुक है?
7 जंगली जानवर के सातवें सिर और बड़ी मूर्ति के बीच क्या ताल्लुक है? ब्रिटेन और एक मायने में अमरीका भी, रोमी साम्राज्य में से निकले थे। लेकिन मूर्ति के पाँवों के बारे में क्या? ब्यौरा कहता है कि वे लोहे और मिट्टी के जोड़ से बने हैं। (दानिय्येल 2:41-43 पढ़िए।) यह ब्यौरा, उस समय के बारे में बताता है जब सातवें सिर यानी ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति ने शोहरत हासिल की। ठीक जैसे लोहे और मिट्टी से बना कोई ढाँचा, ठोस लोहे के बने ढाँचे से कमज़ोर होता है। उसी तरह, ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति, रोम से कमज़ोर है जिससे वह निकली है। किस मायने में?
8, 9. (क) सातवीं विश्व शक्ति ने कैसे लोहे जैसी ताकत दिखायी? (ख) मूर्ति के पाँव में मिट्टी किसे दर्शाती है?
8 कई बार ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति ने अपने लोहे जैसी फितरत दिखायी है। जैसे, पहला विश्व युद्ध जीतकर उसने अपनी ताकत का सबूत दिया। फिर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, उसकी लोहे जैसी ताकत और भी खुलकर ज़ाहिर हुई।c युद्ध के बाद, समय-समय पर वह अपनी ऐसी फितरत दिखाता रहा है। लेकिन जब से यह विश्व शक्ति वजूद में आयी है तब से इस लोहे में मिट्टी भी मिली हुई है।
9 लंबे अरसे से यहोवा के सेवक मूर्ति के पाँव का अर्थ जानना चाहते हैं। दानिय्येल 2:41 बताता है कि लोहे और मिट्टी के जोड़ से बने पाँव एक ही “राज्य” को दर्शाते हैं न कि ढेर सारे राज्यों को। इसलिए मिट्टी, ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति के अंदर की कुछ ऐसी चीज़ें हैं, जो इसे रोमी साम्राज्य के ठोस लोहे से कमज़ोर बनाती है। दरअसल मिट्टी “राज्य के लोग” यानी आम जनता को दर्शाती है। (दानि. 2:43) ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति के अधीन लोगों ने अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठायी है। उन्होंने नागरिक अधिकार, श्रमिक संघ और एक आज़ाद देश पाने के लिए आंदोलन चलाए हैं। इस तरह आम जनता ने इस विश्व शक्ति की लोहे जैसी ताकत को कमज़ोर किया है। इसके अलावा, राजनीति को लेकर जनता के अलग-अलग विचार हैं। और जब कोई नेता कुछ वोटों से ही चुनाव जीतता है, तो उसके पास इतना अधिकार भी नहीं होता कि वह अपने वादों और नीतियों को अंजाम दे सके। इस विश्व शक्ति के हालात ठीक वैसे ही हैं जैसे दानिय्येल ने भविष्यवाणी की थी, “वह राज्य कुछ तो दृढ़ और कुछ निर्बल होगा।”—दानि. 2:42; 2 तीमु. 3:1-3.
10, 11. (क) भविष्य में मूर्ति के “पांवों” का क्या होगा? (ख) मूर्ति के पाँवों की उँगलियों से हम क्या समझते हैं?
10 इक्कीसवीं सदी में भी ब्रिटेन और अमरीका ने अपनी अनोखी साझेदारी कायम रखी है और उन्होंने अकसर दुनिया के ज़रूरी मामलों को निपटाने में साथ मिलकर काम किया। बड़ी मूर्ति और जंगली जानवर से जुड़ी भविष्यवाणियाँ पुख्ता करती हैं कि ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति की जगह कोई और विश्व शक्ति नहीं लेगी। और हालाँकि यह आखिरी विश्व शक्ति लोहे की टाँगों से काफी कमज़ोर है, लेकिन यह अपने आप खत्म नहीं होगी।
11 मूर्ति के पाँवों की उँगलियों की संख्या, क्या कोई खास मायने रखती है? गौर कीजिए: दूसरे दर्शनों में, दानिय्येल संख्याओं का खास तौर पर ज़िक्र करता है जैसे, अलग-अलग जानवरों के सिर पर कितने सींग हैं। ये संख्या काफी अहमियत रखती हैं। लेकिन मूर्ति के बारे में बताते वक्त दानिय्येल ने यह नहीं बताया कि उसके पाँव में कितनी उँगलियाँ हैं। इसलिए मूर्ति के हाथों की उँगलियाँ, टाँगें और पंजों की तरह, पाँव की उँगलियाँ कोई खास मायने नहीं रखतीं। मगर हाँ, दानिय्येल ने साफ तौर पर यह ज़रूर बताया कि पाँव की उँगलियाँ लोहे और मिट्टी की बनी हैं। दानिय्येल की इस बात से हम इस नतीजे पर पहुँच सकते हैं कि जब “पत्थर” यानी परमेश्वर का राज, मूर्ति के पाँव से जाकर टकराएगा, तब ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति ही दुनिया पर राज कर रही होगी।—दानि. 2:45.
ब्रिटेन-अमरीका और दो सींगवाला जंगली जानवर
12, 13. दो सींगवाला जंगली जानवर किसे दर्शाता है? और यह क्या करता है?
12 हालाँकि ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति लोहे और मिट्टी के जोड़ से बनी है, लेकिन यीशु ने यूहन्ना को जो दर्शन दिए वे दिखाते हैं कि यह शक्ति आखिरी दिनों में एक अहम भूमिका निभाएगी। वह कैसे? यूहन्ना ने एक दर्शन में दो सींगवाला जंगली जानवर देखा, जो अजगर की तरह बोलता है। यह अजीब-सा जानवर किसे दर्शाता है? इसके दो सींग हैं, तो ज़ाहिर है कि ये दो शक्तियों से मिलकर बना है। दरअसल यह जानवर ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति को ही दर्शाता है, लेकिन अपनी एक खास भूमिका में।—प्रकाशितवाक्य 13:11-15 पढ़िए।
13 यह जंगली जानवर धरती पर रहनेवालों से कहता है कि वे सात सिरवाले जंगली जानवर की मूरत बनाएँ। यूहन्ना ने लिखा कि जानवर की यह मूरत उभरेगी, गायब हो जाएगी और फिर दोबारा उभरेगी। बिलकुल यही एक संगठन के साथ हुआ, जिसे ब्रिटेन और अमरीका ने बढ़ावा दिया। इस संगठन का मकसद था, दुनिया के सभी राष्ट्रों को एकता में बाँधना और उनकी खातिर काम करना।d यह संगठन पहली बार पहले विश्व युद्ध के बाद उभरा और इसे राष्ट्र संघ के नाम से जाना गया। फिर दूसरे विश्व युद्ध के शुरू होने पर यह गायब हो गया। मगर युद्ध के दौरान, परमेश्वर के लोगों ने ऐलान किया कि जंगली जानवर की मूरत फिर से उभरेगी, ठीक जैसे प्रकाशितवाक्य की भविष्यवाणी में बताया गया था। और शत-प्रतिशत ऐसा ही हुआ। यह मूरत, संयुक्त राष्ट्र संघ के तौर पर दोबारा उभरी।—प्रका. 17:8.
14. यूहन्ना ने क्यों जंगली जानवर की मूरत को “आठवाँ राजा” कहा?
14 यूहन्ना ने सात सिरवाले जंगली जानवर की मूरत को “आठवाँ राजा” कहा। उसने उसे राजा क्यों कहा? यह मूरत, उस जंगली जानवर के आठवें सिर के तौर पर नहीं उभरी, बल्कि यह सिर्फ उसकी मूरत थी। जंगली जानवर की मूरत के पास जो ताकत है, वह उसे उन राष्ट्रों से मिली है जो इसके सदस्य हैं, खासकर अपने हिमायती ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति से। (प्रका. 17:10, 11) इसीलिए यूहन्ना ने इस मूरत को राजा कहा क्योंकि इसके पास अधिकार है और यह एक ऐसा अनोखा काम करेगी, जिससे एक-के-बाद-एक कई घटनाएँ घटेंगी और पूरा इतिहास बदल जाएगा।
जानवर की मूरत, वेश्या को भस्म कर देगी
15, 16. वेश्या किसे दर्शाती है? और उसे जो समर्थन मिलता था उसका क्या हुआ?
15 यूहन्ना यह भी बताता है कि एक वेश्या, सुर्ख लाल रंग के जंगली जानवर पर बैठी हुई है और उस पर हुक्म चलाती है। यह जंगली जानवर और सात सिरवाले जंगली जानवर की मूरत दोनों एक ही हैं। इस वेश्या को “महानगरी बैबिलोन” कहा गया है। (प्रका. 17:1-6) यह वेश्या सभी झूठे धर्मों को दर्शाती है, जिसका सबसे बड़ा हिस्सा है ईसाईजगत। इस वेश्या ने जंगली जानवर की मूरत का समर्थन किया है और उस पर अपना रौब जमाने की कोशिश की है।
16 महानगरी बैबिलोन के बारे में कहा गया है कि वह पानी पर बैठी है। पानी उन सब लोगों को दर्शाता है जो उसका साथ देते हैं। लेकिन प्रभु के दिन के दौरान, यह पानी तेज़ी से सूखता जाता है। (प्रका. 16:12; 17:15) उदाहरण के लिए, जब जानवर की मूरत पहली बार उभरी तब ईसाईजगत के चर्चों का पश्चिमी देशों पर बहुत दबदबा था। लेकिन आज चर्च और उसके अगुवों ने लोगों की नज़रों में अपना आदर और सम्मान खो दिया है। यही नहीं, बड़ी तादाद में लोगों ने इसका समर्थन करना छोड़ दिया है। पश्चिमी देशों के कुछ विद्वानों का मानना है कि धर्म ही सारी फसाद की जड़ है और कुछ कट्टरपंथी सरेआम कहते हैं कि धर्म को दुनिया से मिटा देना चाहिए।
17. जल्द ही, झूठे धर्म का क्या हश्र होनेवाला है और क्यों?
17 झूठा धर्म यूँ ही धीरे-धीरे खत्म नहीं हो जाएगा। यह वेश्या तब तक लगातार अपना सिक्का जमाए रखेगी और राजाओं को अपने इशारों पर नचाएगी, जब तक कि परमेश्वर अधिकार रखनेवालों के दिल में अपनी सोच नहीं डाल देता। (प्रकाशितवाक्य 17:16, 17 पढ़िए।) जल्द ही, यहोवा दुनिया की राजनैतिक शक्तियों को, जिसे संयुक्त राष्ट्र के तौर पर दर्शाया गया है, उभारेगा कि वे वेश्या यानी झूठे धर्म पर हमला करें। वे उसकी शानो-शौकत को खत्म कर देंगे और उसकी बेशुमार दौलत को तबाह-बरबाद कर देंगे। कुछ दशकों पहले लगता था कि धर्म का ऐसा हश्र नहीं हो सकता। मगर आज, सुर्ख लाल रंग के जानवर पर बैठी यह वेश्या डगमगाती नज़र आ रही है। यह अपनी जगह से धीरे-धीरे फिसलकर नहीं गिरेगी, बल्कि अचानक गिरेगी और उस पर कहर टूट पड़ेगा।—प्रका. 18:7, 8, 15-19.
जंगली जानवरों का नाश हो जाएगा
18. (क) जंगली जानवर को क्या करने के लिए उकसाया जाएगा? और इसका क्या नतीजा होगा? (ख) दानिय्येल 2:44 के मुताबिक परमेश्वर का राज किन राज्यों को खाक में मिला देगा? (पेज 17 पर दिया बक्स देखिए।)
18 झूठे धर्म के नाश के बाद, जंगली जानवर यानी शैतान की खड़ी की हुई राजनैतिक व्यवस्था को उकसाया जाएगा कि वह परमेश्वर के राज पर हमला करे। मगर धरती के राजा स्वर्ग में स्थापित इस राज पर हमला नहीं कर पाएँगे, इसलिए वे इस राज का समर्थन करनेवालों के खिलाफ लड़ेंगे। नतीजा, शैतान और परमेश्वर के बीच आखिरी युद्ध छिड़ जाएगा। (प्रका. 16:13-16; 17:12-14) दानिय्येल इस युद्ध के एक पहलू के बारे में हमें बताता है। (दानिय्येल 2:44 पढ़िए।) आखिरकार प्रकाशितवाक्य 13:1 में बताए जंगली जानवर, उसकी मूरत और दो सींगवाले जंगली जानवर का नाश कर दिया जाएगा।
19. हम किस बात पर पूरा यकीन रख सकते हैं? और अभी क्या करने का समय है?
19 आज हम उस समय में जी रहे हैं, जब जंगली जानवर का सातवाँ सिर यानी ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति पूरी दुनिया पर हुकूमत कर रही है। इस जानवर का नाश होने से पहले उसका कोई नया सिर नहीं उभरेगा। ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति की हुकूमत के दौरान ही झूठे धर्म का सफाया होगा। दानिय्येल और यूहन्ना की भविष्यवाणियों में दी छोटी-से-छोटी बात पूरी होगी। हम पूरा यकीन रख सकते हैं कि झूठे धर्म का विनाश और हर-मगिदोन की लड़ाई बहुत जल्द होनेवाली है। यहोवा परमेश्वर ने पहले से ही ये बातें हम पर ज़ाहिर की हैं। मगर क्या हम इन भविष्यवाणियों में दी चेतावनियों पर ध्यान देंगे? (2 पत. 1:19) यही समय है कि हम यहोवा की ओर हो जाएँ और उसके राज का समर्थन करें।—प्रका. 14:6, 7.
[फुटनोट]
a बाइबल में अकसर संख्या दस, एक समूह की संपूर्णता दिखाने के लिए इस्तेमाल की गयी है। इसलिए दस सींग का मतलब है, वे सब राज्य जो रोम साम्राज्य में से निकले हैं।
b हालाँकि अठारहवीं सदी से ब्रिटेन साम्राज्य और अमरीका दोनों वजूद में थे, लेकिन यूहन्ना के दर्शन के मुताबिक प्रभु के दिन के शुरू होने पर ही उन्हें विश्व शक्ति के तौर पर प्रकट होना था। दरअसल, प्रकाशितवाक्य में दर्ज़ दर्शन “प्रभु के दिन” में ही पूरे होने थे। (प्रका. 1:10) पहले विश्व युद्ध के दौरान ही, सातवाँ सिर यानी ब्रिटेन और अमरीका विश्व शक्ति के तौर पर मिलकर काम करने लगे।
c दानिय्येल ने दर्शन में पहले ही देख लिया था कि यह राजा युद्ध के दौरान कितनी तबाही मचाएगा। उसने लिखा, “वह अद्भुत [भयानक] रीति से लोगों को नाश करेगा।” (दानि. 8:24) उदाहरण के लिए, अमरीका ने ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति के एक दुश्मन पर दो परमाणु बम गिराकर बड़े पैमाने पर तबाही मचायी।
d किताब रेवलेशन—इट्स ग्रैंड क्लाइमैक्स एट हैंड! का पेज 240, 241 और 253 देखिए।
[पेज 17 पर बक्स]
“उन सब राज्यों” में कौन शामिल हैं?
दानिय्येल 2:44 में दी भविष्यवाणी कहती है कि परमेश्वर का राज “उन सब राज्यों को चूर चूर करेगा, और उनका अन्त कर डालेगा।” यह भविष्यवाणी सिर्फ उन्हीं राज्यों के बारे में बताती है, जो मूर्ति के अलग-अलग हिस्सों से दर्शाए गए हैं।
तो फिर बाकी राज्यों या इंसानी सरकारों के बारे में क्या? इस बारे में प्रकाशितवाक्य की किताब और ज़्यादा जानकारी देती है। यह बताती है कि ‘सारे जगत के राजा’ “सर्वशक्तिमान परमेश्वर के महान दिन” पर उसके खिलाफ इकट्ठा होंगे। (प्रका. 16:14; 19:19-21) इसलिए हर-मगिदोन की लड़ाई में न सिर्फ मूर्ति के अलग-अलग हिस्सों से दर्शाए राज्य, बल्कि सभी इंसानी सरकारें नाश की जाएँगी।