पहले पेज का विषय | स्वर्गदूत—उनके बारे में जानना क्यों ज़रूरी है?
स्वर्गदूत आपकी मदद कैसे कर सकते हैं?
परमेश्वर के वफादार स्वर्गदूत बड़े जोश से यहोवा की मरज़ी पूरी करने में लगे हुए हैं। उन्हें इंसानों से जुड़ी बातों में बहुत दिलचस्पी है। जब परमेश्वर ने धरती को बनाया, तो स्वर्गदूत “खुशी से झूम उठे, परमेश्वर के सभी बेटों ने जयजयकार की।” (अय्यूब 38:4, 7) शुरूआत से ही स्वर्गदूतों की यह “तमन्ना” रही है कि वे धरती की घटनाओं से जुड़ी भविष्यवाणियों के बारे में जाने-समझें।—1 पतरस 1:11, 12.
बाइबल बताती है कि कई बार स्वर्गदूतों ने सच्चे उपासकों की हिफाज़त की, ताकि परमेश्वर की मरज़ी पूरी हो सके। (भजन 34:7) जैसे:
सदोम और अमोरा शहरों की बात लीजिए, जहाँ बहुत दुष्ट काम किए जा रहे थे। जब यहोवा ने इन शहरों का नाश किया, तो स्वर्गदूतों ने वहाँ से निकलने में नेक इंसान लूत और उसके परिवार की मदद की।—उत्पत्ति 19:1, 15-26.
प्राचीन शहर बैबिलोन में तीन इब्री नौजवानों को मौत की सज़ा दी गयी। इसके लिए जब उन्हें धधकते भट्ठे में फेंका गया, तब परमेश्वर ने “अपने स्वर्गदूत को भेजकर अपने सेवकों को बचाया।”—दानियेल 3:19-28.
एक बार परमेश्वर के वफादार सेवक दानियेल को भूखे शेरों की माँद में डाल दिया गया, जहाँ वह रात भर रहा, फिर भी वह ज़िंदा बच गया। दानियेल ने बताया कि “परमेश्वर ने अपने स्वर्गदूत को भेजकर शेरों का मुँह बंद कर दिया” था।—दानियेल 6:16, 22.
स्वर्गदूतों ने पहली सदी के मसीहियों की मदद की
कुछ मौकों पर स्वर्गदूतों ने पहली सदी के मसीहियों की मदद की, क्योंकि परमेश्वर का मकसद पूरा होना ज़रूरी था। जैसे:
एक स्वर्गदूत ने जेल के दरवाज़े खोल दिए और वहाँ कैद यीशु के शिष्यों से कहा कि वे जाकर मंदिर में फिर से खुशखबरी सुनाएँ।—प्रेषितों 5:17-21.
एक स्वर्गदूत ने खुशखबरी का ऐलान करनेवाले फिलिप्पुस से उस सुनसान रास्ते पर जाने के लिए कहा, जो यरूशलेम से गाज़ा जाता है। उसने यह भी कहा कि वह वहाँ इथियोपिया के उस आदमी को शास्त्र के बारे में समझाए, जो उपासना के लिए यरूशलेम गया था।—प्रेषितों 8:26-33.
जब परमेश्वर ने चाहा कि यहूदियों के अलावा और भी लोग यीशु के बारे में जानें और उसकी दिखायी राह पर चलें, तो एक स्वर्गदूत रोमी सेना के अधिकारी कुरनेलियुस को दर्शन में दिखायी दिया और उससे कहा कि वह यीशु के शिष्य पतरस को अपने घर बुलवाए।—प्रेषितों 10:3-5.
जब पतरस जेल में था, तब एक स्वर्गदूत प्रकट हुआ और उसे जेल से बाहर निकालकर ले गया।—प्रेषितों 12:1-11.
स्वर्गदूत आपकी मदद कैसे कर सकते हैं?
हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि पुराने ज़माने की तरह आज भी परमेश्वर स्वर्गदूतों के ज़रिए चमत्कार करके लोगों की मदद कर रहा है। लेकिन ध्यान दीजिए कि यीशु ने हमारे दिनों के बारे में क्या कहा था, “राज की इस खुशखबरी का सारे जगत में प्रचार किया जाएगा ताकि सब राष्ट्रों को गवाही दी जाए और इसके बाद अंत आ जाएगा।” (मत्ती 24:14) आपको यह जानकर शायद हैरानी हो कि यीशु के शिष्य खुशखबरी सुनाने का काम स्वर्गदूतों की निगरानी में ही कर रहे हैं।
बाइबल बताती है कि आज स्वर्गदूत पूरी दुनिया में लोगों को परमेश्वर यहोवा और इंसानों के लिए उसके मकसद के बारे में सीखने में काफी मदद कर रहे हैं। यीशु के शिष्य यूहन्ना ने लिखा, “मैंने एक और स्वर्गदूत को देखा जो आकाश के बीचों-बीच उड़ रहा था और उसके पास सदा तक कायम रहनेवाली खुशखबरी थी ताकि वह इसे धरती पर रहनेवालों को यानी हर राष्ट्र, गोत्र, भाषा और जाति के लोगों को सुनाए। वह स्वर्गदूत बुलंद आवाज़ में कह रहा था, ‘परमेश्वर से डरो और उसकी महिमा करो क्योंकि उसके न्याय करने का वक्त आ गया है। इसलिए उस परमेश्वर की उपासना करो जिसने आकाश और धरती और समुंदर और पानी के सोते बनाए।’” (प्रकाशितवाक्य 14:6, 7) आज कई किस्से सुनने को मिलते हैं, जिनसे पता चलता है कि स्वर्गदूत खुशखबरी सुनाने के काम में मदद कर रहे हैं। जब बुरे काम करनेवाला एक व्यक्ति भी पछतावा करता है और परमेश्वर यहोवा की उपासना करने लगता है, तो “स्वर्गदूत बहुत खुशियाँ मनाते हैं।”—लूका 15:10.
जब राज की खुशखबरी सुनाने का काम पूरा हो जाएगा, तब क्या होगा? “स्वर्ग की सेनाएँ” यानी स्वर्गदूत एक युद्ध में राजाओं के राजा यीशु मसीह का साथ देंगे। यह युद्ध ‘सर्वशक्तिमान परमेश्वर के महान दिन का युद्ध’ होगा, जिसे हर-मगिदोन कहा जाता है। (प्रकाशितवाक्य 16:14-16; 19:14-16) स्वर्गदूत उन लोगों को परमेश्वर की तरफ से सज़ा देंगे, जो “हमारे प्रभु यीशु के बारे में खुशखबरी के मुताबिक नहीं चलते।” यह तब होगा, जब यीशु “उन लोगों से बदला लेगा।”—2 थिस्सलुनीकियों 1:7, 8.
यकीन मानिए कि स्वर्गदूतों को आपकी बहुत फिक्र है। जो परमेश्वर की सेवा करना चाहते हैं, खासकर उनकी स्वर्गदूत बहुत परवाह करते हैं। परमेश्वर यहोवा ने बार-बार उनके ज़रिए धरती पर अपने वफादार सेवकों की हिम्मत बँधायी और हिफाज़त की है।—इब्रानियों 1:14.
तो अब हम सबको एक ज़रूरी फैसला करना है। आज पूरी दुनिया में जो खुशखबरी सुनायी जा रही है, क्या हम उसे सुनेंगे और उसके मुताबिक चलेंगे? या नहीं? आपके इलाके के यहोवा के साक्षियों को आपको उस खुशखबरी के बारे में बताने में खुशी होगी, जिसे फैलाने में परमेश्वर के स्वर्गदूत योगदान दे रहे हैं।