“वह . . . तेरी सारी योजनाएँ सफल करे”
“यहोवा में अपार खुशी पा और वह तेरे दिल की मुरादें पूरी करेगा।”—भज. 37:4.
1. नौजवानों के लिए क्या तय करना ज़रूरी है? उन्हें घबराने की ज़रूरत क्यों नहीं है? (लेख की शुरूआत में दी तसवीर देखिए।)
नौजवानो, आप शायद इस बात से राज़ी होंगे कि सफर पर निकलने से पहले मंज़िल तय करना ज़रूरी होता है। ज़िंदगी भी एक सफर है और जवानी में ही यह तय करना ज़रूरी होता है कि हम ज़िंदगी में क्या करेंगे। लेकिन यह फैसला आसान नहीं। हेदर नाम की एक लड़की कहती है, “मैं ज़िंदगी में क्या करूँगी, यह बहुत बड़ा फैसला है। इस बारे में सोचकर ही मैं घबरा जाती हूँ।” अगर आप भी ऐसा महसूस करते हैं, तो यहोवा की यह बात याद रखिए, “घबरा मत क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूँ। मैं तेरी हिम्मत बँधाऊँगा, तेरी मदद करूँगा।”—यशा. 41:10.
2. आप कैसे जानते हैं कि यहोवा आपके लिए एक खुशहाल भविष्य चाहता है?
2 यहोवा बढ़ावा देता है कि आप सोच-समझकर भविष्य के लिए योजना बनाएँ। (सभो. 12:1; मत्ती 6:20) वह चाहता है कि आप खुश रहें। उसने हमारे देखने, सुनने और खाने के लिए जो कुछ बनाया है उससे साफ पता चलता है कि उसे हमारी परवाह है। वह दूसरे तरीकों से भी परवाह दिखाता है। वह हमें सलाह देता है और सिखाता है कि हम कैसे एक बढ़िया ज़िंदगी जी सकते हैं। इसलिए जब लोग उसकी बुद्धि-भरी सलाह ठुकराते हैं तो वह खुश नहीं होता। उनसे वह कहता है, ‘तुमने वही चुना जो मुझे बिलकुल पसंद नहीं। देखो! मेरे सेवक खुशियाँ मनाएँगे, मगर तुम शर्मिंदा होगे। देखो! मेरे सेवक जयजयकार करेंगे क्योंकि उनका दिल खुश होगा।’ (यशा. 65:12-14) जब हम ज़िंदगी में सोच-समझकर फैसले करते हैं तो इससे यहोवा की बड़ाई होती है।—नीति. 27:11.
योजनाएँ जिनसे आपको खुशी मिले
3. यहोवा आपके लिए क्या चाहता है?
3 यहोवा किस तरह की योजनाएँ बनाने की सलाह देता है? हमें इस तरह रचा गया है कि हम यहोवा को जानें और उसकी सेवा करें, तभी हम सच्ची खुशी पा सकते हैं। (भज. 128:1; मत्ती 5:3) जानवरों की बात लें, तो वे सिर्फ खाते-पीते और बच्चे पैदा करते हैं। लेकिन इंसानों के लिए यहोवा ने इससे बढ़कर ज़िंदगी चाही है। वह चाहता है कि आप ऐसी योजना बनाएँ जिससे आपको खुशी और जीने का मकसद मिले। आपका सृष्टिकर्ता ‘प्यार का परमेश्वर’ है, वह “आनंदित परमेश्वर” भी है। उसने हमें “अपनी छवि में” बनाया है। (2 कुरिं. 13:11; 1 तीमु. 1:11; उत्प. 1:27) इसलिए आप तभी खुश रह सकते हैं जब आप अपने परमेश्वर की मिसाल पर चलेंगे। बाइबल बताती है, “लेने से ज़्यादा खुशी देने में है।” (प्रेषि. 20:35) यह जीवन की एक सच्चाई है कि जब हम दूसरों को देते हैं तो हमें खुशी मिलती है। यहोवा चाहता है कि आप ऐसी योजना बनाएँ जिससे ज़ाहिर हो कि आप यहोवा से और दूसरों से प्यार करते हैं।—मत्ती 22:36-39 पढ़िए।
4, 5. यीशु को किस बात से खुशी मिली?
4 नौजवानो, यीशु ने आपके लिए एक बढ़िया मिसाल रखी है। जब वह छोटा था तो वह ज़रूर खेला-कूदा होगा। बाइबल बताती है कि “हँसने का समय” और “नाचने का समय” भी होता है। (सभो. 3:4) यीशु शास्त्र का अध्ययन भी करता था जिससे वह यहोवा के करीब आ पाया। जब वह 12 साल का था तो मंदिर के शिक्षक “उसकी समझ और उसके जवाबों से” दंग रह गए थे।—लूका 2:42, 46, 47.
5 जब यीशु बड़ा हुआ तो यहोवा की मरज़ी पूरी करने में उसे खुशी मिली। वह जानता था कि परमेश्वर की मरज़ी यह है कि वह “गरीबों को खुशखबरी” और “अंधों को आँखों की रौशनी पाने का . . . संदेश” सुनाए। (लूका 4:18) भजन 40:8 बताता है कि इस बारे में यीशु ने कैसा महसूस किया। वहाँ लिखा है, “हे मेरे परमेश्वर, तेरी मरज़ी पूरी करने में ही मेरी खुशी है।” यीशु को अपने पिता के बारे में सिखाने से खुशी मिलती थी। (लूका 10:21 पढ़िए।) एक मौके पर यीशु ने एक औरत को सच्ची उपासना के बारे में कुछ बातें बतायीं। उसके बाद उसने अपने चेलों से कहा, “मेरा खाना यह है कि मैं अपने भेजनेवाले की मरज़ी पूरी करूँ और उसका काम पूरा करूँ।” (यूह. 4:31-34) यीशु ने दिखाया कि उसे परमेश्वर से और लोगों से कितना प्यार था और इसलिए वह खुश था। अगर आप ऐसा करें तो आप भी खुश रह पाएँगे।
6. दूसरों से अपनी योजना के बारे में बात करना क्यों अच्छा है?
6 कई मसीहियों ने जवानी में पायनियर सेवा शुरू की थी और इससे उन्हें खुशी मिली है। क्यों न आप ऐसे भाई-बहनों से अपनी योजना के बारे में बात करें? बाइबल बताती है, “सलाह-मशविरा न करने से योजनाएँ नाकाम हो जाती हैं, लेकिन बहुतों की सलाह से कामयाबी मिलती है।” (नीति. 15:22) हो सकता है ये भाई-बहन आपको बताएँ कि पायनियर सेवा से आप बहुत कुछ सीख पाएँगे और वे बातें ज़िंदगी-भर आपके काम आएँगी। यीशु जब स्वर्ग में था तो उसने अपने पिता से बहुत-सी बातें सीखी थीं। धरती पर आने के बाद भी वह कई बातें सीखता रहा। जैसे, दूसरों को खुशखबरी सुनाने से और मुश्किल घड़ी में वफादार रहने से कितनी खुशी मिलती है। (यशायाह 50:4 पढ़िए; इब्रा. 5:8; 12:2) आइए देखें कि पूरे समय की सेवा से कैसे आपको खुशी मिल सकती है।
चेला बनाना क्यों सबसे बढ़िया काम है?
7. कई नौजवानों को क्यों चेला बनाने के काम से खुशी मिलती है?
7 यीशु ने हमें ‘चेला बनाने’ और लोगों को सिखाने का काम दिया है। (मत्ती 28:19, 20) अगर आप इसे अपना करियर बनाएँगे तो आप ज़िंदगी में खुश रहेंगे और परमेश्वर की महिमा कर पाएँगे। लेकिन बाकी करियर की तरह इस काम में भी महारत हासिल करने में समय लगता है। तीमोथी जिसने 19 साल में पायनियर सेवा शुरू की, कहता है, “मुझे पूरे समय की सेवा इसलिए अच्छी लगती है क्योंकि मैं यहोवा के लिए प्यार ज़ाहिर कर पाता हूँ। शुरू-शुरू में मेरे पास एक भी बाइबल अध्ययन नहीं था। लेकिन बाद में मैं दूसरे इलाके में सेवा करने लगा और एक ही महीने में मुझे कई बाइबल अध्ययन मिले। मेरा एक विद्यार्थी सभाओं में आने लगा। फिर मुझे दो महीने के लिए ‘अविवाहित भाइयों के लिए बाइबल स्कूल’ में बुलाया गया।a इसके बाद मुझे एक नयी जगह में सेवा करने के लिए भेजा गया जहाँ मैंने चार बाइबल अध्ययन शुरू किए। मुझे लोगों को सिखाना बहुत पसंद है क्योंकि मैं देख सकता हूँ कि किस तरह पवित्र शक्ति उन्हें बदलने के लिए उभारती है।”—1 थिस्स. 2:19.
8. कुछ नौजवानों ने ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को प्रचार करने के लिए क्या किया है?
8 कुछ नौजवानों ने लोगों को प्रचार करने के लिए नयी भाषा सीखी है। मिसाल के लिए, दक्षिण अमरीका में रहनेवाला जेकब बताता है, “जब मैं सात साल का था तो मैंने देखा कि मेरे क्लास के कई साथी वियतनामी भाषा बोलते थे। मैं उन्हें यहोवा के बारे में बताना चाहता था इसलिए कुछ समय बाद मैंने उनकी भाषा सीखने की योजना बनायी। मैं पहले अँग्रेज़ी में प्रहरीदुर्ग पढ़ता, फिर वियतनामी में प्रहरीदुर्ग पढ़ने की कोशिश करता। इस तरह मैंने काफी हद तक यह भाषा सीख ली। मैंने वियतनामी भाषा बोलनेवाली पास की एक मंडली में कई दोस्त भी बनाए। फिर 18 साल की उम्र में मैंने पायनियर सेवा शुरू की। बाद में मैं ‘अविवाहित भाइयों के लिए बाइबल स्कूल’ में भी गया। फिलहाल मैं वियतनामी भाषा बोलनेवाले एक समूह के साथ सेवा कर रहा हूँ और यहाँ मैं ही अकेला एक प्राचीन हूँ। इस स्कूल से मुझे अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करने में बहुत मदद मिल रही है। वियतनामी लोग यह देखकर हैरान रह जाते हैं कि मैंने उनकी भाषा सीखी है। वे मुझे अपने घरों में बुलाते हैं और मैं उनके साथ बाइबल अध्ययन शुरू कर पाता हूँ। कुछ लोगों ने तो बपतिस्मा भी लिया है।”—प्रेषितों 2:7, 8 से तुलना कीजिए।
9. चेला बनाने का काम हमें क्या-क्या सिखाता है?
9 चेला बनाने के काम से आप कई बातें सीखते हैं जैसे, काम करने की अच्छी आदतें कैसे डालें, लोगों से कैसे बातचीत करें और किस तरह समझदारी से और आत्म-विश्वास के साथ पेश आएँ। (नीति. 21:5; 2 तीमु. 2:24, फु.) लेकिन इस काम से आपको सबसे ज़्यादा खुशी तब मिलती है जब आप शास्त्र से अपने विश्वास के बारे में समझा पाते हैं। आप यहोवा के साथ करीबी से काम करना भी सीखते हैं।—1 कुरिं. 3:9.
10. जब प्रचार के इलाके में लोग दिलचस्पी नहीं दिखाते, तब भी आप कैसे खुशी पा सकते हैं?
10 अगर आपके इलाके में ज़्यादातर लोग दिलचस्पी नहीं दिखाते, तब भी आप इस काम से खुशी पा सकते हैं। इसमें पूरी मंडली एक टीम की तरह काम करती है। माना कि एक भाई को कोई व्यक्ति मिलता है जो आगे चलकर यीशु का चेला बनता है, लेकिन इससे हम सबको खुशी होती है क्योंकि योग्य लोगों को ढूँढ़ने में हम सबने मेहनत की है। ब्रैन्डन की मिसाल लीजिए। उसने नौ साल तक ऐसे इलाके में पायनियर सेवा की जहाँ लोगों को बाइबल में ज़्यादा दिलचस्पी नहीं थी। वह कहता है, “मुझे खुशखबरी सुनाने में इसलिए खुशी मिलती है क्योंकि यहोवा चाहता है कि मैं यह काम करूँ। स्कूल की पढ़ाई खत्म होते ही मैंने पायनियर सेवा शुरू की। मैं मंडली में जवान भाइयों का हौसला बढ़ाता हूँ और जब वे परमेश्वर की सेवा में आगे बढ़ते हैं, तो मुझे बहुत खुशी होती है। ‘अविवाहित भाइयों के लिए बाइबल स्कूल’ में हाज़िर होने के बाद मुझे एक नयी जगह भेजा गया। मुझे वहाँ ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला जिसने आगे चलकर बपतिस्मा लिया, लेकिन दूसरे भाइयों को ऐसे लोग ज़रूर मिले। फिर भी मैं खुश हूँ कि मैंने चेला बनाने के काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का फैसला किया।”—सभो. 11:6.
आपकी योजनाओं से आगे क्या मौके मिलेंगे?
11. कई नौजवानों को यहोवा की सेवा में किस काम से खुशी मिली है?
11 नौजवानों के सामने सेवा करने के कई मौके आते हैं। जैसे, कई नौजवान निर्माण काम में हाथ बँटाते हैं। फिलहाल सैकड़ों नए राज-घर बनाए जाने हैं। इन जगहों से यहोवा का आदर होता है इसलिए इस काम में हिस्सा लेने से आपको खुशी मिलेगी। यही नहीं, अलग-अलग भाई-बहनों के साथ काम करने से भी आपकी खुशी बढ़ेगी। आप यह भी सीखेंगे कि किस तरह आप सुरक्षा का ध्यान रख सकते हैं, बढ़िया तरीके से काम कर सकते हैं और निगरानी करनेवालों को सहयोग दे सकते हैं।
12. पायनियर सेवा से आगे चलकर क्या मौके मिलते हैं?
12 केविन नाम का एक भाई कहता है, “जब मैं छोटा था तभी मैंने सोच लिया था कि एक दिन मैं पूरे समय की सेवा करूँगा। फिर जब मैं 19 साल का हुआ तो मैंने पायनियर सेवा शुरू की। गुज़ारे के लिए मैं एक भाई के यहाँ पार्ट-टाइम नौकरी करने लगा। वह इमारतें बनाने का काम करता था। मैंने छत डालना, खिड़कियाँ और दरवाज़े लगाना सीखा। बाद में, मैंने दो साल तक एक राहत दल के साथ काम किया। हम तूफान की चपेट में आए राज-घरों और भाइयों के घरों की मरम्मत करते थे। फिर मुझे पता चला कि दक्षिण अफ्रीका में निर्माण काम के लिए भाइयों की ज़रूरत है। मैंने अर्ज़ी भरी और मुझे वहाँ बुलाया गया। यहाँ अफ्रीका में मैंने कई राज-घर बनाने में हाथ बँटाया है। मैं जिस निर्माण समूह के साथ काम करता हूँ, वह मेरे लिए परिवार जैसा है। हम साथ रहते हैं, साथ मिलकर बाइबल का अध्ययन करते हैं और साथ काम करते हैं। मुझे हर हफ्ते इलाके के भाई-बहनों के साथ प्रचार करना भी अच्छा लगता है। मैंने बचपन में जो करने की सोची थी, वह मैं कर पाया हूँ और मुझे उम्मीदों से बढ़कर खुशी मिली है।”
13. बेथेल में सेवा करनेवाले कई नौजवान क्यों खुश हैं?
13 कुछ नौजवान जो पायनियर थे आज बेथेल में सेवा कर रहे हैं। वहाँ सेवा करने से बहुत खुशी मिलती है क्योंकि वहाँ सब काम यहोवा के लिए किए जाते हैं। बेथेल परिवार बाइबल और प्रकाशन तैयार करता है जिससे लोग सच्चाई सीख पाते हैं। डस्टिन कहता है, “मैंने नौ साल की उम्र में पूरे समय की सेवा का लक्ष्य रखा था। फिर स्कूल की पढ़ाई खत्म होते ही मैंने पायनियर सेवा शुरू की। डेढ़ साल बाद मुझे बेथेल बुलाया गया। मैंने यहाँ प्रिंटिंग प्रेस चलानी सीखी। बाद में मुझे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भी सिखायी गयी। बेथेल में आपको ताज़ा-तरीन जानकारी मिलती है कि दुनिया-भर में प्रचार काम में कितनी तरक्की हो रही है। मुझे यहाँ सेवा करना बहुत पसंद है क्योंकि यहाँ जो कुछ किया जाता है, उससे लोग यहोवा के करीब आ पाते हैं।”
आप भविष्य के लिए क्या योजना बनाएँगे?
14. पूरे समय की सेवा करने के लिए आप क्या तैयारी कर सकते हैं?
14 पूरे समय की सेवा करने के लिए आप अभी से अपने अंदर मसीही गुण बढ़ा सकते हैं। वह कैसे? हर दिन परमेश्वर के वचन का अध्ययन कीजिए, उस पर गहराई से मनन कीजिए और सभाओं में अपना विश्वास ज़ाहिर कीजिए। अगर आप स्कूल जाते हैं, तो आप खुशखबरी सुनाने की अपनी काबिलीयत बढ़ा सकते हैं। लोगों में दिलचस्पी लेना सीखिए। कुशलता से सवाल पूछिए और जब वे अपनी राय देते हैं, तो ध्यान से सुनिए। यही नहीं, आप राज-घर में भी काफी कुछ कर सकते हैं, जैसे साफ-सफाई और मरम्मत के काम में हाथ बँटा सकते हैं। यहोवा उन लोगों को अपनी सेवा में इस्तेमाल करता है जो नम्र हैं और मेहनत करने के लिए तैयार हैं। (भजन 110:3 पढ़िए; प्रेषि. 6:1-3) प्रेषित पौलुस ने तीमुथियुस को मिशनरी सेवा के लिए इसलिए बुलाया था क्योंकि मंडली के “भाई तीमुथियुस की बहुत तारीफ किया करते थे।”—प्रेषि. 16:1-5.
15. नौकरी पाने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
15 पूरे समय के ज़्यादातर सेवकों को नौकरी भी करनी पड़ती है। (प्रेषि. 18:2, 3) इसलिए क्यों न आप कोई ऐसा कोर्स करें जिससे आपको पार्ट-टाइम नौकरी मिल सके? अपनी योजनाओं के बारे में अपने सर्किट निगरान और दूसरे पायनियरों से बात कीजिए। उनसे सुझाव माँगिए। इसके बाद बाइबल की इस सलाह को मानिए, “तू जो कुछ करे उसे यहोवा को सौंप दे, तब तेरी योजनाएँ सफल होंगी।”—नीति. 16:3; 20:18.
16. पूरे समय की सेवा किस तरह आपको दूसरी ज़िम्मेदारियों के लिए तैयार कर सकती है?
16 नौजवानो, आपके आगे एक खुशहाल भविष्य है और यहोवा चाहता है कि आप उस पर “अपनी पकड़ मज़बूत” करें। (1 तीमुथियुस 6:18, 19 पढ़िए।) पूरे समय की सेवा में आपको दूसरे पूरे समय के सेवकों के साथ काम करने का मौका मिलता है जिससे आप एक प्रौढ़ मसीही बन पाते हैं। यही नहीं, कई भाई-बहनों का कहना है कि जवानी में पूरे समय की सेवा करने से उन्हें आगे चलकर शादीशुदा ज़िंदगी में बहुत फायदे हुए हैं। अकसर देखा गया है कि जो शादी से पहले पायनियर सेवा करते हैं, वे शादी के बाद भी अपने साथी के साथ अपनी सेवा जारी रख पाते हैं।—रोमि. 16:3, 4.
17, 18. योजना बनाने और आपके दिल के बीच क्या नाता है?
17 यहोवा के बारे में भजन 20:4 में लिखा है, “वह तेरे दिल की मुरादें पूरी करे, तेरी सारी योजनाएँ सफल करे।” भविष्य के बारे में योजना बनाते वक्त सोचिए कि आप अपनी ज़िंदगी में क्या करना चाहते हैं। इस बात पर भी ध्यान दीजिए कि यहोवा हमारे समय में क्या-क्या कर रहा है और आप उसके काम में कैसे हिस्सा ले सकते हैं। इसके बाद ऐसी योजना बनाइए जिससे यहोवा को खुशी हो।
18 जब आप यहोवा की सेवा में अपनी पूरी ज़िंदगी लगाते हैं और उसका आदर करते हैं, तो आपको सच्ची खुशी मिलेगी। आप अपनी ज़िंदगी में यह बात सच होते देखेंगे, “यहोवा में अपार खुशी पा और वह तेरे दिल की मुरादें पूरी करेगा।”—भज. 37:4.
a इस स्कूल की जगह अब ‘राज प्रचारकों के लिए स्कूल’ चलाया जाता है।