पाएँ बाइबल का खज़ाना | भजन 142-150
‘यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है’
जब दाविद ने यह समझा कि यहोवा की महानता की कोई सीमा नहीं है, तो उसके मन में आया कि वह हमेशा यहोवा की स्तुति करे
दाविद की तरह यहोवा के वफादार सेवकों का भी मन करता है कि वे यहोवा के महान कामों के बारे में बातचीत करते रहें
दाविद को पूरा यकीन था कि यहोवा अपने सभी सेवकों का खयाल रख सकता है और वह ऐसा करना चाहता है