जीएँ मसीहियों की तरह
सभा में उसके पति का सम्मान होता है
एक भली पत्नी के अच्छे कामों की वजह से उसके पति का भी अच्छा नाम होता है। राजा लमूएल के ज़माने में उस पति का बहुत “सम्मान” होता था, जिसकी पत्नी भली होती थी। (नीत 31:23) आज ऐसे भाई प्राचीन और सहायक सेवक के तौर पर सेवा करते हैं, जो आदर के योग्य होते हैं। अगर वे शादीशुदा हैं, तो उनकी पत्नियों का अच्छा व्यवहार और सहयोग बहुत मायने रखता है क्योंकि तभी वे इस ज़िम्मेदारी को अच्छी तरह निभा पाते हैं। (1ती 3:4, 11) ऐसी भली पत्नियों की न सिर्फ उनके पति, बल्कि मंडली में भी सभी भाई-बहन कदर करते हैं।
एक भली पत्नी अपने पति को ज़िम्मेदारी निभाने में इस तरह मदद करती है . . .
वह प्यार-भरे शब्दों से उसका हौसला बढ़ाती है।—नीत 31:26
जब भी उसका पति मंडली का कोई काम करता है, तो वह उसे पूरा सहयोग देती है।—1थि 2:7, 8
वह सोच-समझकर घर का खर्च चलाती है।—1ती 6:8
वह अपने पति से मंडली के गुप्त मामलों के बारे में पूछताछ नहीं करती।—1ती 2:11, 12; 1पत 4:15