अध्ययन लेख 50
“तू मेरे साथ फिरदौस में होगा”
“मैं आज तुझसे सच कहता हूँ, तू मेरे साथ फिरदौस में होगा।”—लूका 23:43.
गीत 145 फिरदौस—परमेश्वर का वादा
एक झलकa
1. अपनी मौत से पहले यीशु ने एक अपराधी से क्या कहा? (लूका 23:39-43)
यीशु और दो अपराधियों को काठ पर लटका दिया गया है। उन्हें बहुत दर्द हो रहा है और उनके लिए एक-एक साँस लेना मुश्किल हो रहा है। (लूका 23:32, 33) थोड़ी देर पहले वे दोनों अपराधी यीशु को बुरा-भला कह रहे थे, इसलिए वे यीशु के चेले तो नहीं हो सकते। (मत्ती 27:44; मर. 15:32) लेकिन फिर उनमें से एक यीशु पर विश्वास करने लगता है और उससे कहता है, “यीशु, जब तू अपने राज में आए तो मुझे याद करना।” तब यीशु उससे कहता है, “मैं आज तुझसे सच कहता हूँ, तू मेरे साथ फिरदौस में होगा।” (लूका 23:39-43 पढ़िए।) यीशु ने उससे यह नहीं कहा कि वह स्वर्ग जाएगा। और बाइबल में ऐसा भी नहीं लिखा है कि यीशु जिस ‘स्वर्ग के राज’ के बारे में सिखाता था, वह अपराधी उस पर विश्वास करता था। (मत्ती 4:17) यीशु असल में उस फिरदौस की बात कर रहा था जो आगे चलकर धरती पर आता। हम यह क्यों कह सकते हैं?
2. हम क्यों कह सकते हैं कि जिस अपराधी ने यीशु पर विश्वास किया, वह एक यहूदी था?
2 जिस अपराधी ने यीशु पर विश्वास किया, वह शायद एक यहूदी था। हम ऐसा क्यों कह सकते हैं? ध्यान दीजिए कि उसने दूसरे अपराधी से कहा, “क्या तुझे परमेश्वर का ज़रा भी डर नहीं”? (लूका 23:40) यहूदी मानते थे कि सिर्फ एक ही सच्चा परमेश्वर है, जबकि गैर-यहूदी बहुत-से ईश्वरों को मानते थे। (निर्ग. 20:2, 3; 1 कुरिं. 8:5, 6) अगर वह अपराधी एक गैर-यहूदी होता, तो शायद वह दूसरे अपराधी से कुछ ऐसा कहता, “क्या तुझे ईश्वरों का ज़रा भी डर नहीं?” पर उसने ऐसा नहीं कहा। एक और बात पर ध्यान दीजिए। यीशु आम तौर पर गैर-यहूदियों को प्रचार नहीं करता था, क्योंकि उसे “इसराएल के घराने की खोयी हुई भेड़ों” के पास भेजा गया था। (मत्ती 15:24) इसके अलावा यहोवा ने इसराएलियों को ही बताया था कि वह मरे हुओं को ज़िंदा करेगा। वह अपराधी शायद यह बात जानता था। और उसने जो कहा उससे पता चलता है कि उसे लग रहा था कि यहोवा यीशु को भी ज़िंदा कर देगा और उसे अपने राज का राजा बनाएगा। उसे यह भी उम्मीद थी कि यहोवा उसे भी ज़िंदा कर देगा।
3. जब यीशु ने उस अपराधी को फिरदौस के बारे में बताया, तो उसने शायद किस बारे में सोचा होगा? समझाइए। (उत्पत्ति 2:15)
3 वह अपराधी एक यहूदी था, इसलिए वह आदम और हव्वा के बारे में जानता होगा। उसे यह भी पता होगा कि यहोवा ने आदम और हव्वा के लिए इसी धरती पर एक फिरदौस बनाया था। इसलिए हम कह सकते हैं कि जब यीशु ने उसे फिरदौस के बारे में बताया, तो शायद उसने एक खूबसूरत धरती के बारे में ही सोचा होगा।—उत्पत्ति 2:15 पढ़िए।
4. हमें किस बारे में सोचना चाहिए?
4 इस किस्से के बारे में पढ़कर शायद हम भी सोचें कि फिरदौस में हमारी ज़िंदगी कैसी होगी। और हमें इस बारे में सोचना भी चाहिए। फिरदौस कैसा होगा, इसकी एक झलक हमें राजा सुलैमान के राज से मिलती है। उसके राज में बहुत शांति थी। और यीशु तो सुलैमान से कहीं ज़्यादा महान है। इसलिए हम यकीन रख सकते हैं कि यीशु 1,44,000 जनों के साथ मिलकर इस धरती को एक खूबसूरत फिरदौस बना देगा जहाँ हर कहीं शांति होगी। (मत्ती 12:42) तो अगर ‘दूसरी भेड़ों’ के लोग फिरदौस में हमेशा तक जीना चाहते हैं, तो उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि वहाँ जीने के लिए उन्हें आज क्या करना होगा।—यूह. 10:16.
फिरदौस में ज़िंदगी कैसी होगी?
5. जब आप फिरदौस के बारे में सोचते हैं, तो आपके मन में क्या आता है?
5 जब आप फिरदौस के बारे में सोचते हैं, तो आपके मन में क्या आता है? शायद आप सोचें कि आप एक खूबसूरत बाग में हैं जो बिलकुल अदन के बाग की तरह है। चारों तरफ हरियाली और रंग-बिरंगे फूल हैं और हवा में फूलों की खुशबू फैली हुई है। (उत्प. 2:7-9) हो सकता है, आपको मीका की भविष्यवाणी याद आए कि “हर कोई अपनी अंगूरों की बेल और अपने अंजीर के पेड़ तले बैठेगा।” (मीका 4:3, 4) शायद आपको यह भी याद आए कि नयी दुनिया में खाने की कोई कमी नहीं होगी। (भज. 72:16; यशा. 65:21, 22) आप शायद कल्पना करें कि उस बाग के बीच में एक मेज़ रखी है जिस पर तरह-तरह का स्वादिष्ट खाना रखा हुआ है और आप अपने दोस्तों और परिवारवालों के साथ उसका मज़ा ले रहे हैं। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें यहोवा ने दोबारा ज़िंदा कर दिया है। उनके साथ वक्त बिताकर, उनकी बातें और उनकी हँसी सुनकर आपको बहुत अच्छा लग रहा है। और यह सब सिर्फ एक सपना नहीं है। एक दिन सच में पूरी धरती ऐसी हो जाएगी! इन सब चीज़ों का मज़ा लेने के अलावा नयी दुनिया में हम ऐसा काम भी करेंगे जिससे हमें खुशी मिलेगी।
6. हम फिरदौस में क्या-क्या करेंगे? (तसवीर देखें।)
6 यहोवा ने हमें इस तरह बनाया है कि जब हम कोई काम करते हैं, मेहनत करते हैं, तो हमें खुशी मिलती है। (सभो. 2:24) और मसीह के हज़ार साल के राज में तो हमारे पास करने के लिए बहुत कुछ होगा। जो लोग महा-संकट से बचकर निकलेंगे और जिन लाखों लोगों को ज़िंदा किया जाएगा, उन्हें कपड़े, खाने और रहने के लिए जगह चाहिए होगी। इन सभी चीज़ों का इंतज़ाम करके हमें बहुत खुशी मिलेगी। और जैसे आदम और हव्वा को पूरी धरती को अदन के बाग जैसा खूबसूरत बनाना था, उसी तरह हमें भी पूरी धरती को फिरदौस बनाना होगा। इसके अलावा, जिन लोगों को नयी दुनिया में ज़िंदा किया जाएगा, उन्हें सिखाकर भी हमें बहुत खुशी मिलेगी। ऐसे बहुत-से लोगों को ज़िंदा किया जाएगा जो यहोवा को अच्छी तरह नहीं जानते थे। हम उन्हें यहोवा और उसके मकसद के बारे में सिखाएँगे। यहोवा बीते ज़माने के उन वफादार लोगों को भी ज़िंदा करेगा जो यीशु के बारे में नहीं जानते थे। हमें उन्हें बताना होगा कि उनकी मौत के बाद क्या-क्या हुआ।
7. हम किस बात का यकीन रख सकते हैं और क्यों?
7 हम यकीन रख सकते हैं कि फिरदौस में हर कहीं शांति होगी, हमारी सारी ज़रूरतें पूरी होंगी और सबकुछ कायदे से होगा। हम ऐसा क्यों कह सकते हैं? क्योंकि यहोवा ने हमें पहले से ही इसकी एक झलक दिखा दी है। जब यीशु राज करेगा, तो धरती पर वैसे ही हालात होंगे जैसे राजा सुलैमान के राज में थे।
सुलैमान का राज—फिरदौस की एक झलक
8. भजन 37:10, 11, 29 में लिखी बात बीते ज़माने में कैसे पूरी हुई? (इस अंक में दिया लेख “आपने पूछा” देखें।)
8 राजा दाविद ने परमेश्वर की प्रेरणा से बताया कि जब एक ऐसा राजा राज करेगा जो बुद्धिमान होगा और यहोवा का वफादार होगा, तो उस वक्त हालात कैसे होंगे। (भजन 37:10, 11, 29 पढ़िए।) आम तौर पर हम भजन 37:11 तब पढ़ते हैं जब हम लोगों को फिरदौस के बारे में बताना चाहते हैं। और ऐसा करना सही भी है। पहाड़ी उपदेश देते वक्त, जब यीशु लोगों को बता रहा था कि नयी दुनिया में कैसे लोग रहेंगे, तो उसने दाविद के शब्दों को दोहराया। इससे पता चलता है कि भजन 37:11 में लिखी बात आगे चलकर ज़रूर पूरी होगी। (मत्ती 5:5) लेकिन यह बात सुलैमान के शासन के दौरान भी पूरी हुई। जब सुलैमान राज कर रहा था, तो इसराएल में हर कहीं शांति थी और लोगों को किसी चीज़ की कमी नहीं थी। यहोवा ने वादा किया था कि इसराएल देश में “दूध और शहद की धाराएँ” बहेंगी और उसने अपने लोगों से यह भी कहा था, ‘अगर तुम मेरी विधियों पर चलते रहोगे, तो मैं इस देश को शांति दूँगा और तुम चैन की नींद सो पाओगे, कोई तुम्हें नहीं डराएगा।’ (लैव्य. 20:24; 26:3, 6) सुलैमान के राज में यहोवा के ये सभी वादे पूरे हुए। (1 इति. 22:9; 29:26-28) और अगर सुलैमान के शासन में हर कोई यहोवा की आज्ञा मानता, तो थोड़े ही समय बाद दुष्ट लोगों का ‘नामो-निशान मिट जाता।’ (भज. 37:10) तो हम कह सकते हैं कि भजन 37:10, 11, 29 में लिखी बात बीते ज़माने में भी पूरी हुई थी और आगे चलकर भी पूरी होगी।
9. सुलैमान के राज की शानो-शौकत देखकर शीबा की रानी ने क्या कहा?
9 सुलैमान के राज में लोगों को किसी चीज़ की कमी नहीं थी। पूरे देश में इतनी शांति और खुशहाली थी कि दूर-दूर तक इसके चर्चे होने लगे। (1 राजा 10:1) शीबा की रानी ने भी इस बारे में सुना और बहुत दूर से यरूशलेम आयी कि अपनी आँखों से सबकुछ देखे। सुलैमान के राज की शानो-शौकत देखकर उसने कहा, “अब मुझे लगता है कि मुझे इसका आधा भी नहीं बताया गया था। . . . तेरे इन आदमियों और सेवकों को कितना बड़ा सम्मान मिला है कि वे हर समय तेरे सामने रहकर तेरे मुँह से बुद्धि की बातें सुनते हैं!” (1 राजा 10:6-8) लेकिन सुलैमान का राज तो सिर्फ इस बात की एक झलक था कि जब यीशु राज करेगा तब हमारी ज़िंदगी कैसी होगी।
10. हम क्यों कह सकते हैं कि यीशु सुलैमान से बेहतर है?
10 यीशु हर मायने में सुलैमान से बेहतर राजा है। सुलैमान अपरिपूर्ण था और उसने कई बार ऐसी गलतियाँ कीं जिससे परमेश्वर के लोगों पर तकलीफें आयीं। लेकिन यीशु परिपूर्ण है और वह कभी कोई गलती नहीं करता। (लूका 1:32; इब्रा. 4:14, 15) जब शैतान उस पर बड़ी-बड़ी परीक्षाएँ लाया, तब भी वह यहोवा का वफादार रहा। इस तरह यीशु ने साबित किया कि वह कभी पाप नहीं करेगा और ना ही कुछ ऐसा करेगा जिससे उसकी प्रजा को नुकसान हो। सच में, यीशु से अच्छा राजा और कोई नहीं हो सकता!
11. कौन यीशु के साथ मिलकर राज करेंगे?
11 यीशु के साथ राज करने के लिए धरती पर से 1,44,000 आदमियों और औरतों को इकट्ठा किया जा रहा है। (प्रका. 14:1-3) ये लोग यीशु के साथ मिलकर इंसानों की ज़रूरतें पूरी करेंगे और उनकी मदद करेंगे। इस धरती के लिए यहोवा का जो मकसद है, वे उसे भी पूरा करेंगे। इन लोगों ने धरती पर कई मुश्किलें और दुख झेले हैं। इसलिए ये हमारी तकलीफें अच्छी तरह समझ पाएँगे। पर ये लोग 1,000 साल के दौरान क्या-क्या करेंगे?
अभिषिक्त जन क्या काम करेंगे?
12. यहोवा 1,44,000 जनों को क्या ज़िम्मेदारी देगा?
12 सुलैमान को जितने लोगों पर अधिकार दिया गया था, यीशु और 1,44,000 जनों को उससे कहीं ज़्यादा लोगों पर अधिकार दिया गया है। सुलैमान इसराएल देश का राजा था और उसे सिर्फ कुछ लाख लोगों की ही देखभाल करनी थी। लेकिन यीशु और 1,44,000 जन पूरी धरती पर राज करेंगे और अरबों लोगों की देखभाल करेंगे। यहोवा इन लोगों को कितनी बड़ी ज़िम्मेदारी देगा!
13. यीशु के साथ राज करनेवाले 1,44,000 जन क्या खास काम करेंगे?
13 यीशु की तरह 1,44,000 जन भी राजाओं और याजकों के तौर पर सेवा करेंगे। (प्रका. 5:10) बीते ज़माने में जब इसराएलियों को मूसा का कानून दिया गया था, तो उसमें याजकों से कहा गया था कि वे इस बात का ध्यान रखें कि सभी की सेहत अच्छी रहे और हर कोई यहोवा के करीब बना रहे। और हम जानते हैं कि मूसा का कानून “आनेवाली अच्छी बातों की बस एक छाया” था। इसलिए हम कह सकते हैं कि 1,44,000 जन याजकों के नाते इस बात का खयाल रखेंगे कि सभी इंसानों की सेहत अच्छी रहे और वे यहोवा के करीब बने रहें। (इब्रा. 10:1) हम यह तो नहीं जानते कि ये राजा और याजक फिरदौस में किस तरह परमेश्वर के राज की प्रजा से बात करेंगे या उन्हें हिदायतें देंगे। पर यहोवा चाहे जो भी इंतज़ाम करे, हम यकीन रख सकते हैं कि वह अपने लोगों को सही राह दिखाता रहेगा।—प्रका. 21:3, 4.
फिरदौस में जीने के लिए ‘दूसरी भेड़ों’ को क्या करना होगा?
14. बाइबल में “छोटे झुंड” और ‘दूसरी भेड़ों’ के बारे में क्या लिखा है और यह बात आज कैसे पूरी हो रही है?
14 जो लोग यीशु के साथ स्वर्ग में राज करेंगे, उन्हें उसने ‘छोटा झुंड’ कहा। (लूका 12:32) यीशु ने एक और समूह के बारे में भी बताया जिसे उसने “दूसरी भेड़ें” कहा। बाइबल में लिखा गया है कि ये दोनों समूह मिलकर एक झुंड बनते हैं। (यूह. 10:16) आज इन दोनों समूहों के लोग मिलकर काम कर रहे हैं और वे फिरदौस में भी ऐसा करते रहेंगे। उस वक्त तक “छोटे झुंड” के सभी लोग स्वर्ग जा चुके होंगे और ‘दूसरी भेड़ों’ के पास धरती पर हमेशा तक जीने का मौका होगा। लेकिन फिरदौस में जीने के लिए ‘दूसरी भेड़ों’ को आज क्या करना होगा?
15. (क) ‘दूसरी भेड़ों’ के लोग मसीह के भाइयों का साथ कैसे देते हैं? (ख) तसवीर में दिखाए भाई की तरह आप क्या कर सकते हैं?
15 यीशु के साथ जिस अपराधी को काठ पर लटकाया गया था, उसने यीशु पर विश्वास तो किया, लेकिन उसे यह दिखाने का मौका नहीं मिला कि वह यीशु का कितना एहसान मानता है। लेकिन ‘दूसरी भेड़ों’ के लोग आज यह कई तरीकों से दिखा सकते हैं। जैसे, वे अभिषिक्त मसीहियों का साथ देकर यह दिखा सकते हैं कि वे यीशु से कितना प्यार करते हैं। और यीशु ने भी कहा था कि हम जिस तरह उसके भाइयों से यानी अभिषिक्त मसीहियों से व्यवहार करेंगे, उसी आधार पर वह हमारा न्याय करेगा। (मत्ती 25:31-40) हम प्रचार और चेला बनाने के काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर भी अभिषिक्त मसीहियों का साथ दे सकते हैं। (मत्ती 28:18-20) और लोगों को सिखाने के लिए आज हमारे पास कितने सारे प्रकाशन हैं, जैसे हमारी नयी किताब खुशी से जीएँ हमेशा के लिए! तो पूरी कोशिश कीजिए कि आप इनका अच्छे-से इस्तेमाल करें! अगर आप किसी का बाइबल अध्ययन नहीं करवा रहे हैं, तो क्यों ना जिन लोगों को आप खुशखबरी सुनाते हैं उनके साथ बाइबल अध्ययन शुरू करने की पूरी कोशिश करें?
16. फिरदौस में जीने के लिए हम अभी से क्या कर सकते हैं?
16 एक अच्छा इंसान बनने के लिए हमें नयी दुनिया का इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं है। इसके लिए हम अभी से तैयारी कर सकते हैं। हम अभी से अपने अंदर अच्छे गुण बढ़ा सकते हैं। हम ईमानदार बन सकते हैं, हमेशा सच बोलने की कोशिश कर सकते हैं और ध्यान रख सकते हैं कि हमारे काम और व्यवहार से यहोवा खुश हो। हम यहोवा के, अपने जीवन साथी के और भाई-बहनों के वफादार रह सकते हैं। आज इस दुनिया में यहोवा के स्तरों को मानना आसान नहीं है, लेकिन अगर हम अभी से ऐसा करें, तो फिरदौस में भी आसानी से ऐसा कर पाएँगे। इसके अलावा, हम अभी से कुछ ऐसे हुनर बढ़ा सकते हैं जो नयी दुनिया में हमारे काम आएँगे और अच्छी आदतें डाल सकते हैं।—इस अंक में दिया लेख “क्या आप ‘धरती के वारिस’ बनने के लिए तैयार हैं?” देखें।
17. अगर हमने पहले कोई पाप किया था, तो क्या हमें उस बारे में सोच-सोचकर दुखी होना चाहिए? समझाइए।
17 अगर हमने पहले कभी कोई गंभीर पाप किया था, तो हमें उस बारे में सोच-सोचकर बहुत ज़्यादा दुखी नहीं होना चाहिए। याद रखिए कि यीशु ने फरीसियों से कहा था, “मैं धर्मियों को नहीं, पापियों को बुलाने आया हूँ।” (मत्ती 9:13) यीशु के फिरौती बलिदान के आधार पर हमें अपने पापों की माफी मिल सकती है, फिर चाहे वे कितने ही बड़े क्यों ना हों। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम “जानबूझकर पाप करते रहें” और सोचें कि यहोवा फिरौती बलिदान के आधार पर हमें माफ कर ही देगा। (इब्रा. 10:26-31) पर अगर हमने पश्चाताप किया है, यहोवा से माफी माँगी है, प्राचीनों की मदद ली है और अपने अंदर बदलाव किए हैं, तो हम यकीन रख सकते हैं कि यहोवा ने हमें माफ कर दिया है।—यशा. 55:7; प्रेषि. 3:19.
आप फिरदौस में हमेशा के लिए जी सकते हैं!
18. जब आप नयी दुनिया में उस अपराधी से मिलेंगे जिसने यीशु पर विश्वास किया था, तो आप उससे किस बारे में बात करेंगे?
18 कल्पना कीजिए कि आप फिरदौस में हैं और उस अपराधी से बात कर रहे हैं जिसने यीशु पर विश्वास किया था। सबसे पहले तो शायद आप एक-दूसरे को बताएँ कि यीशु ने आपके लिए जो किया, उसकी आप कितनी कदर करते हैं। फिर शायद आप उस अपराधी से पूछें कि जब उसे यीशु के साथ काठ पर लटका दिया गया, तो उसके बाद क्या-क्या हुआ और जब यीशु ने उससे कहा कि वह उसके साथ फिरदौस में होगा, तो उसे कैसा लगा। फिर शायद वह आपसे भी पूछे कि आखिरी दिनों में आपकी ज़िंदगी कैसी थी। सोचिए यह कितनी बड़ी बात है कि हम ऐसे लोगों को परमेश्वर के वचन से सिखा पाएँगे!—इफि. 4:22-24.
19. हम फिरदौस में क्यों कभी बोर नहीं होंगे? (बाहर दी तसवीर देखें।)
19 फिरदौस में जब हम हमेशा के लिए जीएँगे, तो ऐसा नहीं है कि हम बोर हो जाएँगे। हम नए-नए लोगों से मिलते रहेंगे और हमारे पास करने को बहुत कुछ होगा। और सबसे बढ़िया बात तो यह होगी कि हम हर रोज़ यहोवा को और अच्छे से जान पाएँगे। हमारे पास हमेशा उसके बारे में सीखने के लिए कुछ-ना-कुछ होगा। और जैसे-जैसे समय गुज़रेगा, हम उससे और भी प्यार करने लगेंगे। इसके अलावा यहोवा ने जो कुछ बनाया है, हम उन सब चीज़ों के बारे में भी सीखते रहेंगे और उनका मज़ा ले पाएँगे। हम कितने खुश हैं कि यहोवा और यीशु ने हमसे वादा किया है कि हम फिरदौस में हमेशा-हमेशा तक जीएँगे!
गीत 22 स्वर्ग में राज शुरू हुआ—अब धरती पर आए, है दुआ!
a क्या आप अकसर सोचते हैं कि फिरदौस में आपकी ज़िंदगी कैसी होगी? जब हम इस बारे में सोचेंगे कि यहोवा फिरदौस में हमारे लिए क्या-क्या करेगा, तो हमारा हौसला बढ़ेगा और हम और भी जोश से लोगों को नयी दुनिया के बारे में बताएँगे। यह लेख पढ़ने से हमारा यकीन बढ़ जाएगा कि यीशु ने जिस फिरदौस का ज़िक्र किया था, वह ज़रूर आएगा।
b तसवीर के बारे में: एक भाई अभी से लोगों को यहोवा के बारे में सिखा रहा है और ऐसा करके उस वक्त के लिए तैयारी कर रहा है जब वह नयी दुनिया में ज़िंदा किए गए लोगों को सिखाएगा।