क्या आप जानते हैं?
राजा दाविद ने अपनी सेना में कुछ परदेसी सैनिकों को क्यों रखा?
राजा दाविद की सेना में ऐसे कुछ योद्धा भी थे जो दूसरी जातियों से थे, जैसे अम्मोनी सेलेक, हित्ती उरियाह और मोआबी यित्मा।a (1 इति. 11:39, 41, 46) उसकी सेना में ‘करेती और पलेती लोग और गत के आदमी भी थे।’ (2 शमू. 15:18) गत के आदमी दरअसल पलिश्ती थे। (यहो. 13:2, 3; 1 शमू. 6:17, 18) और ऐसा मालूम होता है कि करेती और पलेती लोगों का भी पलिश्तियों से गहरा नाता था।—यहे. 25:16.
दाविद ने अपनी सेना में इन परदेसियों को क्यों रखा था? क्योंकि वे उसके वफादार थे और सबसे बढ़कर, वे यहोवा के वफादार थे। करेती और पलेती लोगों के बारे में बाइबल के एक शब्दकोश में लिखा है, “दाविद के राज के सबसे मुश्किल-भरे दौर में इन लोगों ने उसका पूरा-पूरा साथ दिया” (द न्यू इंटरप्रिटर्स डिक्शनरी ऑफ द बाइबल)। उन्होंने कैसे दिखाया कि वे दाविद के वफादार हैं? एक बार ‘शीबा नाम का एक आदमी जो बड़ा फसादी था,’ दाविद के खिलाफ हो गया। उस वक्त “इसराएल के सब आदमी” दाविद को छोड़कर शीबा के पीछे चलने लगे। लेकिन करेती और पलेती लोगों ने दाविद का साथ नहीं छोड़ा और शीबा की बगावत को खत्म करने में दाविद की मदद की। (2 शमू. 20:1, 2, 7) एक और मौके पर इन लोगों ने अपनी वफादारी का सबूत दिया। एक वक्त पर राजा दाविद के बेटे, अदोनियाह ने राजगद्दी हथियाने की कोशिश की। तब करेती और पलेती लोगों ने सुलैमान को राजा बनाने में दाविद की मदद की, जिसे यहोवा ने अगला राजा होने के लिए चुना था।—1 राजा 1:24-27, 38, 39.
एक और परदेसी जो दाविद का बहुत वफादार था, वह था गत का रहनेवाला इत्तै। एक बार दाविद के बेटे अबशालोम ने उससे बागवत की और वह इसराएल के लोगों को बहकाकर उनके दिलों को अपनी तरफ खींचने लगा। तब इत्तै और उसके 600 योद्धाओं ने दाविद का साथ दिया और उसकी तरफ से लड़ने को तैयार हो गए। पर दाविद ने इत्तै से कहा कि वह एक परदेसी है और उसे उसकी तरफ से लड़ने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन इत्तै नहीं माना। उसने दाविद से कहा, “यहोवा के जीवन की शपथ और मेरे मालिक राजा के जीवन की शपथ, मेरा मालिक राजा जहाँ कहीं जाए वहाँ तेरा यह सेवक भी जाएगा, फिर चाहे मुझे मौत को ही क्यों न गले लगाना पड़े!”—2 शमू. 15:6, 18-21.
देखा जाए तो करेती और पलेती लोग और गत के आदमी परदेसी थे, लेकिन वे मानते थे कि यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है और दाविद उसका चुना हुआ राजा है। इन वफादार लोगों ने दाविद का बहुत साथ दिया। इसमें कोई शक नहीं कि उन्हें देखकर दाविद को बहुत खुशी होती होगी!
a व्यवस्थाविवरण 23:3-6 में यहोवा का जो कानून दिया गया है, उसके हिसाब से अम्मोनी और मोआबी लोग इसराएल की मंडली का हिस्सा नहीं बन सकते थे, यानी वे कानूनी तौर पर इसराएल राष्ट्र के सदस्य नहीं हो सकते थे। लेकिन इन परदेसियों को परमेश्वर के लोगों के साथ मेल-जोल रखने या उनके बीच रहने की मनाही नहीं थी। इंसाइट ऑन द स्क्रिप्चर्स, भाग 1, पेज 95 पढ़ें।