19 और उसने जो प्रार्थना की+ और परमेश्वर ने जिस तरह उसकी बिनती सुनी और उसने खुद को नम्र करने से पहले क्या-क्या पाप किए, कैसे विश्वासघात किया+ और कहाँ-कहाँ ऊँची जगह बनायीं, पूजा-लाठें खड़ी कीं+ और खुदी हुई मूरतें रखीं, उन सबके बारे में दर्शियों के लेखनों में लिखा है।