11 उसने यह मन्नत मानी, “हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, अगर तू अपनी दासी की हालत पर नज़र करे और मुझ पर ध्यान देकर मेरी बिनती सुने और अपनी दासी को एक बेटा दे,+ तो हे यहोवा, मैं उसे तुझे दूँगी ताकि वह ज़िंदगी-भर तेरी सेवा करे। उसके सिर पर कभी उस्तरा नहीं चलेगा।”+