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भजन 58:8पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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8 वे घोंघे जैसे हो जाएँ जो रेंगते-रेंगते घुलकर नाश हो जाता है,
वे उस बच्चे जैसे हो जाएँ जो कोख में ही मर जाता है और कभी सूरज की रौशनी नहीं देख पाता।
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