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मत्ती 8:3नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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3 इस पर, यीशु ने अपना हाथ बढ़ाकर उसे यह कहते हुए छूआ: “हाँ, मैं चाहता हूँ। शुद्ध हो जा।” उसी पल उसका कोढ़ दूर हो गया और वह शुद्ध हो गया।
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मत्तीयहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड—2019 संस्करण
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प्रहरीदुर्ग,
2/1/1988, पेज 8-9
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मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 8पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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यीशु ने . . . उसे छुआ: मूसा के कानून में बताया गया था कि कोढ़ियों को अलग रखा जाए ताकि उनकी बीमारी दूसरों में न फैले। (लैव 13:45, 46; गि 5:1-4) लेकिन यहूदी धर्म गुरुओं ने इस बारे में और भी नियम बना दिए थे। जैसे, लोगों को एक कोढ़ी से चार हाथ यानी करीब 6 फुट (1.8 मी.) दूर रहना होता था। लेकिन अगर हवा चल रही हो तो उन्हें उससे 100 हाथ यानी करीब 150 फुट (45 मी.) दूर रहना होता था। इन नियमों की वजह से लोग कोढ़ियों से बड़ी बेरहमी से पेश आते थे। जैसे, एक रब्बी कोढ़ियों को देखकर छिप जाता था और दूसरा उन्हें दूर भगाने के इरादे से पत्थर मारता था। प्राचीन यहूदी लेखों में इन रब्बियों की तारीफ की गयी है। मगर यीशु उनसे बिलकुल अलग था। यहाँ बताए कोढ़ी की हालत पर उसे इतना तरस आया कि उसने वह काम किया जो यहूदी लोग करने की सोच भी नहीं सकते थे। वह चाहता तो सिर्फ बोलकर उस कोढ़ी को ठीक कर सकता था, मगर उसने उसे छुआ!—मत 8:5-13.
मैं चाहता हूँ: यीशु ने न सिर्फ उसकी गुज़ारिश सुनी बल्कि उसे पूरा करने की ज़बरदस्त इच्छा भी ज़ाहिर की। वह सिर्फ फर्ज़ की खातिर नहीं बल्कि उसे दिल से ठीक करना चाहता था।
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