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मरकुस 7:34पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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34 फिर उसने आकाश की तरफ देखा और गहरी आह भरकर उससे कहा, “एफ्फतह,” जिसका मतलब है “खुल जा।”
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मरकुस 7:34नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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34 फिर उसने आकाश की तरफ देखा और गहरी आह भरकर उससे कहा: “एफ्फतह,” जिसका मतलब है “खुल जा।”
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मरकुस अध्ययन नोट—अध्याय 7पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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गहरी आह भरकर: मरकुस ने अकसर यीशु की भावनाओं के बारे में लिखा। इस बारे में शायद उसे पतरस ने बताया होगा जो खुद एक भावुक इंसान था। (“मरकुस की किताब पर एक नज़र” देखें।) यह क्रिया शायद दिखाती है कि प्रार्थना करते हुए जिस तरह यीशु ने आह भरी या वह कराहा, उससे ज़ाहिर होता है कि उस आदमी के लिए उसे कितनी हमदर्दी थी या फिर पूरी मानवजाति की तकलीफ देखकर उसे कितना दर्द महसूस हुआ होगा। इसी से जुड़ी क्रिया रोम 8:22 में यह बताने के लिए इस्तेमाल हुई है कि सारी सृष्टि ‘कराह’ रही है।
एफ्फतह: यह एक यूनानी शब्द है, जिसके बारे में कुछ लोगों का मानना है कि यह एक इब्रानी शब्द से निकला है, जिसका अनुवाद यश 35:5 में “खोले जाएँगे” किया गया है। इस घटना में यीशु के कहे इस शब्द ने एक चश्मदीद गवाह के दिल पर इतनी गहरी छाप छोड़ी कि उसने मरकुस को यह घटना बताते वक्त यही शब्द दोहराया। वह गवाह शायद पतरस था। यह उन कुछेक घटनाओं में से एक है जहाँ यीशु के शब्द हू-ब-हू लिखे गए हैं। ऐसे शब्दों का एक और उदाहरण है, “तलीता कूमी” (मर 5:41)।
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