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लूका 13:32पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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32 लेकिन उसने उनसे कहा, “जाओ जाकर कहो उस लोमड़ी से, ‘देख! मैं आज और कल भी दुष्ट स्वर्गदूतों को निकालूँगा और लोगों को चंगा करूँगा और तीसरे दिन मेरा काम पूरा होगा।’
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लूका 13:32नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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32 लेकिन उसने उनसे कहा: “जाओ और जाकर उस लोमड़ी से कहो, ‘देख! मैं आज और कल भी दुष्ट स्वर्गदूतों को निकालता और चंगाई का काम करता हूँ और तीसरे दिन तक अपना काम पूरा करूँगा।’
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लूका अध्ययन नोट—अध्याय 13पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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उस लोमड़ी: यह जानवर धूर्तता या चालाकी के लिए जाना जाता है। यीशु ने जब हेरोदेस को लोमड़ी कहा, तो वह शायद इन्हीं अवगुणों की तरफ इशारा कर रहा था। कुछ विद्वानों के मुताबिक, यीशु शायद कह रहा था कि हेरोदेस न सिर्फ चालाक है बल्कि वह कमज़ोर या कायर है और ऐसा इंसान है जिसकी कोई अहमियत नहीं। यहूदी लेखों में ऐसे लोगों को लोमड़ी कहा गया था जो कुछ हद तक कमज़ोर (नहे 4:3 से तुलना करें) होने के साथ-साथ चालाक होते थे और हर मौके का फायदा उठाने की कोशिश करते थे। उन लेखों में लोमड़ी को ताकतवर शेर के उलट बताया गया है जो बेखौफ, शक्तिशाली और महान शासकों को दर्शाता था। (नीत 28:1; यिर्म 50:17; यहे 32:2 से तुलना करें।) अगर ये सारी बातें सच हैं, तो हेरोदेस को ऐसा राजा कहा जा रहा है जो चालाक था, सिर्फ खुद की सोचता था और जिसका परमेश्वर की नज़र में कोई मोल नहीं था। मुमकिन है कि यीशु हेरोदेस के शासन-क्षेत्र पेरिया से होकर यरूशलेम जा रहा था और तभी फरीसियों ने यीशु से कहा कि हेरोदेस उसे मार डालना चाहता है। यह अफवाह शायद खुद हेरोदेस ने फैलायी होगी। उसने यह चाल इसलिए चली होगी ताकि यीशु डरकर उसके इलाके से भाग जाए। ऐसा मालूम होता है कि हेरोदेस, यीशु और उसके प्रचार के बारे में सुनकर परेशान हो गया था। उसने अपनी पत्नी के कहने पर यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को मरवा डाला था और अब शायद वह डर रहा था कि कहीं उसके हाथों परमेश्वर के एक और भविष्यवक्ता का खून न हो जाए।—मत 14:1, 2; मर 6:16.
आज और कल . . . और तीसरे दिन मेरा काम पूरा होगा: यहाँ यीशु ने दिन और समय के बारे में जो बताया, उसे शब्द-ब-शब्द नहीं लिया जाना चाहिए। असल में उसके कहने का मतलब था कि अब से कुछ ही समय बाद वह यरूशलेम जाएगा जहाँ उसकी मौत होगी। उसके शब्दों से शायद यह भी पता चले कि मसीहा के तौर पर सेवा करने का उसका समय तय है और दुनिया का कोई भी शासक अपने राजनैतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उस समय को न तो कम कर सकता है न बदल सकता है।
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