15 परमेश्वर की पवित्र शक्ति न तो हमें गुलाम बनाती है, न ही हमारे अंदर डर पैदा करती है, बल्कि इसके ज़रिए हम बेटों के नाते गोद लिए जाते हैं और यही पवित्र शक्ति हमें “अब्बा,* हे पिता!” पुकारने के लिए उभारती है।+
15 परमेश्वर की पवित्र शक्ति* न तो हमें गुलाम बनाती है, न ही हमारे अंदर डर पैदा करती है, बल्कि यह हमारा मार्गदर्शन करती है ताकि हम बेटों के नाते गोद लिए जाएँ और इस पवित्र शक्ति की वजह से हम “अब्बा, हे पिता!” पुकारते हैं।