फुटनोट
b भविष्यद्वक्ता मूसा ने, जिसने हमारे सामान्य युग पूर्व १६वीं सदी में उत्पत्ति की किताब की जानकारी लिपिबद्ध की, उसने इस अदनी नदी के बारे में, उसके समय में प्राप्त ज्ञान के अनुसार, निम्नलिखित जानकारी जोड़ दी:
“पहली धारा का नाम पीशोन् है, यह वही है जो हवीला नाम के सारे देश को जहाँ सोना मिलता है घेरे हुए है। उस देश का सोना चोखा होता है, वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी मिलते हैं। और दूसरी नदी का नाम गीहोन् है, यह वही है जो कूश् के सारे देश को घेरे हुए है। और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल् है, यह वही है जो अश्शूर् के पूर्व की ओर बहती है। और चौथी नदी का नाम फरात है।”—उत्पत्ति २:११-१४.