फुटनोट
c ब्यौरे में इसकी दो मिसालें दी गयी हैं। पहली, कानून में साफ बताया गया था कि बलि के पशु का कौन-सा हिस्सा याजकों को खाने के लिए दिया जाना था। (व्यवस्थाविवरण 18:3) लेकिन निवास-स्थान में, दुष्ट याजकों ने अलग रिवाज़ बना रखा था। वे अपने सेवकों को हंडे में उबल रहे गोश्त में तीन नोंकवाला काँटा डालने के लिए कहते और जितना माँस उस काँटे में आ जाता वे उसे ले लेते थे। दूसरी, जब लोग अपने बलिदान वेदी पर चढ़ाने के लिए लाते, तो इन दुष्ट याजकों के कहने पर सेवक, लोगों को डराते-धमकाते थे और यहोवा को चर्बी चढ़ाने से पहले ही उनसे कच्चा माँस देने की ज़िद्द करते थे।—लैव्यव्यवस्था 3:3-5; 1 शमूएल 2:13-17.