दुनिया की व्यवस्था या व्यवस्थाएँ
इनका यूनानी शब्द आयॉन है। इसका मतलब है, किसी दौर के हालात या कुछ खास बातें जो उस दौर या ज़माने को दूसरे दौर या ज़माने से अलग दिखाती हैं। बाइबल “इस दुनिया” के बारे में भी ज़िक्र करती है, जिसका मतलब है मौजूदा हालात और लोगों के जीने का तौर-तरीका। (2ती 4:10) यहोवा ने कानून के करार के ज़रिए ऐसी व्यवस्था की शुरूआत की जिसे इसराएलियों या यहूदियों का ज़माना भी कहा जा सकता है। मगर बाद में उसने यीशु मसीह के फिरौती बलिदान के ज़रिए एक दूसरी व्यवस्था की शुरूआत की, जो खासकर अभिषिक्त मसीहियों से जुड़ी है। इससे एक नया दौर शुरू हुआ जिसमें वे बातें पूरी होने लगीं जो कानून के करार में दर्शायी गयी थीं। जहाँ बहुवचन में ‘दुनिया की व्यवस्थाएँ’ लिखा है, वहाँ इनका मतलब है अलग-अलग तरह की व्यवस्थाएँ या फिर बीते समय के या आनेवाले समय के हालात।—मत 24:3; मर 4:19; रोम 12:2; 1कुर 10:11.