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मुश्किलें हमेशा तक नहीं रहेंगीप्रहरीदुर्ग: बाइबल की छ: भविष्यवाणियाँ जो पूरी हो रही हैं
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मुश्किलें हमेशा तक नहीं रहेंगी
“आखिरी दिनों में संकटों से भरा ऐसा वक्त आएगा जिसका सामना करना मुश्किल होगा।”—2 तीमुथियुस 3:1.
क्या आपने कभी कुछ ऐसा होते हुए देखा है?
● एक खतरनाक बीमारी ने बहुत-से लोगों की जान ले ली।
● अकाल की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हो गयी।
● एक भूकंप ने हज़ारों लोगों की जान ले ली और बहुत-से लोगों को बेघर कर दिया।
इस पत्रिका में हम इस तरह की घटनाओं से जुड़े कुछ आँकड़े देखेंगे। हम यह भी देखेंगे कि बाइबल में पहले से ही बताया गया था कि हमारे दिनों में इस तरह की घटनाएँ होंगी। बाइबल में इस वक्त को ‘आखिरी दिन’ कहा गया है।
हम आपको यह नहीं बताना चाहते कि आज इस दुनिया में कितनी दुख-तकलीफें हैं। आप यह पहले से ही जानते हैं। इसके बजाय हम आपको यह बताना चाहते हैं कि बहुत जल्द ये समस्याएँ खत्म हो जाएँगी। इस पत्रिका में बाइबल की छ: भविष्यवाणियों के बारे में बताया गया है, जो आज पूरी हो रही हैं। इनसे पता चलता है कि बहुत जल्द ये ‘आखिरी दिन’ खत्म हो जाएँगे और फिर एक अच्छा समय आएगा। कई लोग इस बात को नहीं मानते, लेकिन हम देखेंगे कि हम क्यों यकीन कर सकते हैं कि एक अच्छा वक्त ज़रूर आएगा।
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भविष्यवाणी 1. भूकंपप्रहरीदुर्ग: बाइबल की छ: भविष्यवाणियाँ जो पूरी हो रही हैं
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भविष्यवाणी 1. भूकंप
“बड़े-बड़े भूकंप आएँगे।”—लूका 21:11.
● विनी जब करीब डेढ़ साल की थी, तब हैती में बहुत बड़ा भूकंप आया। देखते-ही-देखते बहुत-सी इमारतें ढह गयीं और यह नन्ही-सी बच्ची मलबे के नीचे फँस गयी। लेकिन वहीं से कुछ टीवी रिपोर्टर गुज़र रहे थे और उन्हें उसके रोने की आवाज़ सुनायी दी। उन्होंने विनी को निकाल लिया और उसकी जान बचा ली। लेकिन दुख की बात है कि इस हादसे में उसके माता-पिता की मौत हो गयी।
आँकड़े क्या दिखाते हैं? जनवरी 2010 में हैती में 7.0 की तीव्रता का एक भूकंप आया। इसने करीब 3 लाख लोगों की जान ले ली और एक ही पल में करीब 13 लाख लोगों को बेघर कर दिया। ऐसा नहीं है कि हाल ही में सिर्फ यही एक बड़ा भूकंप हुआ है। अप्रैल 2009 से अप्रैल 2010 के बीच दुनिया में करीब 18 बड़े-बड़े भूकंप आए हैं।
लोग क्या कहते हैं? ‘ऐसा नहीं है कि आजकल ज़्यादा भूकंप हो रहे हैं, भूकंप तो पहले भी होते थे। बस आजकल टेकनॉलजी की वजह से हमें इनकी खबर मिल जाती है।’
क्या यह बात सच है? बाइबल में यह नहीं लिखा है कि आखिरी दिनों में कितने भूकंप आएँगे, बल्कि यह लिखा है कि ‘एक-के-बाद-एक कई जगहों’ पर “बड़े-बड़े भूकंप” आएँगे। इससे यह साफ हो जाता है कि हम आखिरी दिनों में जी रहे हैं।—मरकुस 13:8; लूका 21:11.
आपको क्या लगता है? जैसे बाइबल में बताया गया था, क्या आज बड़े-बड़े भूकंप हो रहे हैं?
आखिरी दिनों की सिर्फ यह निशानी नहीं है कि भूकंप होंगे, बल्कि और भी कई निशानियाँ हैं। आइए अब दूसरी भविष्यवाणी पर गौर करें।
[बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
भूकंपों की वजह से बहुत तबाही मची है।
[चित्र का श्रेय]
© William Daniels/Panos Pictures
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भविष्यवाणी 2. अकालप्रहरीदुर्ग: बाइबल की छ: भविष्यवाणियाँ जो पूरी हो रही हैं
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भविष्यवाणी 2. अकाल
“अकाल भी पड़ेंगे।”—मरकुस 13:8.
● एक आदमी खाने की तलाश में अपना गाँव छोड़कर दूसरे गाँव चला जाता है। उसके भाई-बहन भी उसके साथ जाते हैं। वे वहाँ खाने की बहुत तलाश करते हैं, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिलता। निराश होकर वह आदमी सड़क के किसी कोने में जाकर अकेले बैठ जाता है। अकेले क्यों? गाँव का मुखिया बताता है, “वह अपने परिवार का पेट नहीं पाल पाया, इसलिए उसकी हिम्मत नहीं हो रही कि वह जाकर अपने परिवार को मुँह दिखाए।”
आँकड़े क्या दिखाते हैं? पूरी दुनिया के आँकड़े देखें, तो हर दिन 7 में से 1 जन को भरपेट खाना नहीं मिलता। लेकिन अफ्रीका के कुछ इलाकों में तो हालात इससे भी बदतर हैं। वहाँ 3 में से 1 जन को कभी भरपेट खाना नहीं मिलता। इसे समझने के लिए सोचिए अगर एक परिवार में तीन जन हैं, मम्मी, पापा और उनका बच्चा, तो इन तीनों में से किसी-न-किसी को तो भूखे पेट सोना पड़ेगा। ऐसे परिवारों को हर दिन फैसला करना पड़ता है कि आज कौन भूखा सोएगा।
लोग क्या कहते हैं? ‘दुनिया में खाने की कोई कमी नहीं है। बस कुछ लोगों को ज़्यादा मिल जाता है, तो कुछ को कम।’
क्या यह बात सच है? आज पहले से कहीं ज़्यादा अनाज उगाया जा रहा है और उसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाया जा सकता है। देखा जाए तो दुनिया में खाने की कमी नहीं होनी चाहिए। लेकिन दुख की बात है कि सरकारें इसे ज़रूरतमंद लोगों तक पहुँचाने में नाकाम रही हैं। सरकारें सालों से कोशिश करती आयी हैं, लेकिन यह समस्या अभी तक खत्म नहीं हुई है।
आपको क्या लगता है? बाइबल में जो भविष्यवाणी की गयी थी कि अकाल पड़ेंगे, क्या वह आज पूरी हो रही है? टेकनॉलजी में सुधार तो हुआ है, लेकिन क्या आज भी दुनिया में खाने की कमी है?
भूकंप और अकाल के बाद अकसर एक और समस्या खड़ी हो जाती है। इस बारे में भी बाइबल में पहले से बताया गया था।
[बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
ऐन एम. वेनमन ने, जो एक समय पर संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की एक्ज़ेक्यूटिव डायरेक्टर थीं, कहा, “जिन बच्चों की निमोनिया, दस्त और दूसरी बीमारियों से मौत हो जाती है, अगर उन्हें कुपोषण न होता, तो शायद उनमें से कुछ बच जाते।”
[चित्र का श्रेय]
© Paul Lowe/Panos Pictures
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भविष्यवाणी 3. बीमारीप्रहरीदुर्ग: बाइबल की छ: भविष्यवाणियाँ जो पूरी हो रही हैं
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भविष्यवाणी 3. बीमारी
“महामारियाँ फैलेंगी।”—लूका 21:11.
● बोनज़ाली एक स्वास्थ्य अधिकारी था। वह अफ्रीका के एक ऐसे देश में रहता था जहाँ गृह-युद्ध चल रहा था, ऊपर से वहाँ मारबुर्ग वायरस भी फैल गया था। वहाँ एक खदान में काम करनेवालों को भी यह वायरस हो गया था, इसलिए बोनज़ाली उनका इलाज कर रहा था। उसने बड़े शहर के अधिकारियों से मदद माँगी थी, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला। चार महीने बाद जाकर उन्होंने कुछ किया, लेकिन तब तक हालात बहुत बिगड़ चुके थे। खुद बोनज़ाली को ही यह वायरस लग चुका था और उसकी मौत हो गयी थी।
आँकड़े क्या दिखाते हैं? निमोनिया, दस्त, एड्स, टीबी और मलेरिया जैसी बीमारियों की वजह से हर साल कई लोगों की जान चली जाती है। सन् 2004 की बात करें, तो सिर्फ इन पाँच बीमारियों की वजह से एक करोड़ सात लाख लोगों की जान चली गयी, यानी हर तीन सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हुई।
लोग क्या कहते हैं? ‘आबादी बढ़ रही है, तो ज़ाहिर-सी बात है कि और ज़्यादा लोग बीमार पड़ेंगे।’
क्या यह बात सच है? हालाँकि आबादी बढ़ रही है, लेकिन साथ ही इलाज के नए-नए तरीके भी निकल आए हैं। तो उस हिसाब से बीमारियाँ कम होनी चाहिए। लेकिन बीमारियाँ तो बढ़ती ही जा रही हैं।
आपको क्या लगता है? जैसे बाइबल में पहले से बताया गया था, क्या आज लोगों को बड़ी-बड़ी बीमारियाँ हो रही हैं?
भूकंप, अकाल और बीमारियों की वजह से लाखों लोगों की ज़िंदगी तबाह हो गयी है। लेकिन एक और बड़ी समस्या है जिससे लोग जूझ रहे हैं। जिन लोगों के बीच एक व्यक्ति सुरक्षित महसूस करता है, वे ही उसके साथ दुर्व्यवहार करते हैं। अगले लेख में हम देखेंगे कि बाइबल में इस बारे में क्या बताया गया है।
[पेज पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
डॉक्टर माइकल ऑस्टरहोम ने कहा, “जब आपको कोई बड़ी बीमारी लग जाती है, तो यह उतना ही खौफनाक होता है जितना कि एक जंगली जानवर का वार। लेकिन जब आप देखते हैं कि आपके चारों तरफ लोग बीमारी से तड़प रहे हैं, तो उसे देखना और भी मुश्किल होता है।”
[चित्र का श्रेय]
© William Daniels/Panos Pictures
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भविष्यवाणी 4. परिवार में प्यार की कमीप्रहरीदुर्ग: बाइबल की छ: भविष्यवाणियाँ जो पूरी हो रही हैं
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भविष्यवाणी 4. परिवार में प्यार की कमी
‘लोग लगाव नहीं रखेंगे।’—2 तीमुथियुस 3:1-3.
● क्रिस यूनाइटेड किंगडम के ऐसे संगठन से जुड़ा है, जो घरेलु हिंसा के शिकार लोगों की मदद करता है। वह बताता है, “मुझे याद है कि एक दिन एक औरत मेरे पास आयी। उसके पति ने उसे इतनी बुरी तरह पीटा था कि उसे पहचानना ही मुश्किल हो गया था। कुछ औरतों के साथ इतना बुरा व्यवहार किया जाता है कि वे दूसरों से नज़रें मिलाकर भी बात नहीं कर पातीं।”
आँकड़े क्या दिखाते हैं? अफ्रीका के एक देश में एक सर्वे लिया गया। उसमें पता लगाया गया कि लगभग 3 में से 1 औरत का बचपन में यौन शोषण किया गया। उसी देश में एक और सर्वे लिया गया जिससे पता चला कि 33% आदमियों को लगता है कि अपनी पत्नी पर हाथ उठाना गलत नहीं है। लेकिन सिर्फ औरतों के साथ ही नहीं, आदमियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया जाता है। जैसे कनाडा में 10 में से 3 आदमी ऐसे हैं जिनकी पत्नियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
लोग क्या कहते हैं? ‘घरेलु हिंसा कोई नयी बात नहीं है, वह तो पहले भी होती थी। आज बस लोग इस बारे में खुलकर बात करने लगे हैं।’
क्या यह बात सच है? एक बात तो है कि आज लोग घरेलु हिंसा के बारे में खुलकर बात कर रहे हैं। पर क्या इस वजह से घरेलु हिंसा कम हो गयी है? नहीं। सच तो यह है कि परिवार में लोगों के बीच प्यार कम हो गया है। इस वजह से घरेलु हिंसा के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
आपको क्या लगता है? क्या आपको लगता है कि परिवार के लोगों के बीच प्यार कम हो रहा है जैसा बाइबल में बताया गया है?
अब हम बाइबल से जो पाँचवीं भविष्यवाणी पढ़ेंगे, वह धरती के बारे में है। आइए देखते हैं कि वह क्या है।
[बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
वेल्स घरेलू दुर्व्यवहार हेल्पलाइन की प्रवक्त्ता ने कहा, “अकसर लोग दुर्व्यवहार के मामले पुलिस में दर्ज़ नहीं करवाते। अनुमान लगाया गया है कि जब एक औरत का पति करीब 35 बार उसके साथ दुर्व्यवहार कर चुका हो, तब जाकर वह पुलिस को बताती है।”
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भविष्यवाणी 5. पृथ्वी की तबाहीप्रहरीदुर्ग: बाइबल की छ: भविष्यवाणियाँ जो पूरी हो रही हैं
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भविष्यवाणी 5. पृथ्वी की तबाही
‘परमेश्वर पृथ्वी को तबाह करनेवालों को खत्म कर देगा।’—प्रकाशितवाक्य 11:18.
● पिरी नाम का एक आदमी नाइजीरिया के कपौर गाँव में रहता है। वह ताड़ी निकालने का काम करता है। लेकिन जब से नाइजर डेल्टा में तेल का रिसाव हुआ है, तब से उसके लिए रोज़ी-रोटी कमाना बहुत मुश्किल हो गया है। वह कहता है, “पानी दूषित हो गया है, मछलियाँ मर रही हैं और हमारी त्वचा भी खराब हो रही है। मुझे समझ में नहीं आ रहा कि मैं अपने परिवार का पेट कैसे पालूँ।”
आँकड़े क्या दिखाते हैं? कुछ जानकारों का मानना है कि हर साल समुंदर में करीब 65 लाख टन कूड़ा फेंका जाता है। इसमें से आधा तो प्लास्टिक होता है जिसे गलने में सैकड़ों साल लग जाते हैं। धरती को दूषित करने के अलावा, इंसान प्रकृति में पायी जानेवाली चीज़ों का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल कर रहा है। इस वजह से इनकी मात्रा तेज़ी से घटती जा रही है। जानकारों का कहना है कि इंसान एक साल में जितनी चीज़ों का इस्तेमाल करता है, उतना धरती को बनाने में करीब एक साल पाँच महीने लग जाते हैं। ऑस्ट्रेलिया के एक जाने-माने अखबार में लिखा था कि अगर आबादी इसी तरह बढ़ती गयी और इसी तरह चीज़ों का इस्तेमाल होता गया, तो गुज़ारा चलाना मुश्किल हो जाएगा और 2035 तक हमें एक और धरती की ज़रूरत पड़ेगी।
लोग क्या कहते हैं? ‘आज टेकनॉलजी बहुत बढ़ गयी है, इसलिए इंसान किसी-न-किसी तरह हालात ठीक कर लेगा।’
क्या यह बात सच है? बहुत-से लोग प्रदूषण रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रदूषण दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है।
आपको क्या लगता है? क्या ईश्वर ही इस धरती को बचा सकता है?
इन पाँच भविष्यवाणियों के अलावा, बाइबल में यह भी बताया गया था कि आखिरी दिनों में कुछ अच्छी बातें होंगी। आइए एक और भविष्यवाणी पर ध्यान दें।
[बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
एरिन टैमबर अमरीका के समुद्री तट के पास रहती हैं। सन् 2010 में मैक्सिको की खाड़ी में हुए तेल के रिसाव के बाद उन्होंने कहा, “मेरा घर एक बहुत ही सुंदर जगह पर था, लेकिन अब सब सत्यानाश हो गया है।”
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क्या ईश्वर का दोष है?
बाइबल में पहले से ही लिखा था कि हमारे समय में हालात बहुत खराब हो जाएँगे, तो क्या इसका मतलब है कि ईश्वर हमें दुख देता है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए बाइबल हमें क्या सिखाती है? किताब का अध्याय 11 पढ़िए। इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।
[चित्र का श्रेय]
U.S. Coast Guard photo
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भविष्यवाणी 6. पूरी दुनिया में प्रचार कामप्रहरीदुर्ग: बाइबल की छ: भविष्यवाणियाँ जो पूरी हो रही हैं
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भविष्यवाणी 6. पूरी दुनिया में प्रचार काम
“राज की इस खुशखबरी का सारे जगत में प्रचार किया जाएगा।”—मत्ती 24:14.
● वाइटीया प्रशांत महासागर के एक छोटे-से द्वीप में रहती है। उस द्वीप में बहुत ही कम लोग बसे हैं। लेकिन फिर भी यहोवा के साक्षी वाइटीया और उसके पड़ोसियों से मिलने गए। वह क्यों? क्योंकि यहोवा के साक्षी सबको प्रचार करते हैं, फिर चाहे वे कहीं भी रहते हों।
आँकड़े क्या दिखाते हैं? यहोवा के साक्षी दुनिया-भर में प्रचार कर रहे हैं। सन् 2010 में यहोवा के साक्षियों ने 236 देशों में करीब 160 करोड़ घंटे प्रचार किया। इसका मतलब, 2010 में हर साक्षी ने हर दिन 30 मिनट लोगों को परमेश्वर के राज के बारे में बताया। उन्होंने दस सालों में बाइबल पर आधारित करीब 20 अरब किताबें-पत्रिकाएँ प्रकाशित कीं और लोगों को दीं।
लोग क्या कहते हैं? ‘इसमें कौन-सी नयी बात है, लोग तो हज़ारों सालों से बाइबल के संदेश का प्रचार कर रहे हैं।’
क्या यह बात सच है? हालाँकि कई लोगों ने बाइबल के संदेश का प्रचार किया है, लेकिन उन्होंने ऐसा सिर्फ कुछ ही वक्त के लिए किया और वह भी सिर्फ गिने-चुने इलाकों में। लेकिन जहाँ तक यहोवा के साक्षियों की बात है, वे पूरी दुनिया में व्यवस्थित तरीके से करोड़ों लोगों को प्रचार कर रहे हैं। कई सरकारों और बड़े-बड़े लोगों ने उनके प्रचार काम को रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे नाकाम रहे। (मरकुस 13:13) प्रचार करने के लिए यहोवा के साक्षियों को पैसे नहीं मिलते। वे खुशी-खुशी प्रचार करने में अपना वक्त बिताते हैं। वे दूसरों को जो किताबें और पत्रिकाएँ देते हैं, उनके लिए भी पैसे नहीं लेते। लोग अपनी मरज़ी से जो दान करते हैं, उसी से इस काम का खर्च चलाया जाता है।
आपको क्या लगता है? क्या ‘परमेश्वर के राज की खुशखबरी’ का पूरी दुनिया में प्रचार किया जा रहा है? क्या इसका मतलब है कि आगे अच्छा समय आनेवाला है?
[बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
2010 यहोवा के साक्षियों की सालाना किताब (अँग्रेज़ी) में लिखा है, “जब तक यहोवा की मरज़ी हो, हम पूरे जोश से परमेश्वर के राज की खुशखबरी का प्रचार करेंगे और लोगों तक पहुँचने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे।”
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एक सुनहरा भविष्यप्रहरीदुर्ग: बाइबल की छ: भविष्यवाणियाँ जो पूरी हो रही हैं
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एक सुनहरा भविष्य
“बस थोड़े ही समय बाद दुष्टों का नामो-निशान मिट जाएगा . . . मगर दीन लोग धरती के वारिस होंगे और बड़ी शांति के कारण अपार खुशी पाएँगे।”—भजन 37:10, 11.
क्या आप चाहते हैं कि यह भविष्यवाणी पूरी हो? आप ज़रूर चाहते होंगे! हम पूरा यकीन रख सकते हैं कि बाइबल में लिखी यह बात बहुत जल्द पूरी होगी।
अब तक हमने जिन भविष्यवाणियों पर ध्यान दिया, उनसे साफ पता चलता है कि हम इस दुष्ट दुनिया के “आखिरी दिनों” में जी रहे हैं। (2 तीमुथियुस 3:1-5) परमेश्वर ने ही इन भविष्यवाणियों को बाइबल में लिखवाया ताकि हमें एक उम्मीद मिल सके। (रोमियों 15:4) ये भविष्यवाणियाँ आज पूरी हो रही हैं, इसका मतलब है कि बहुत जल्द एक अच्छा समय आनेवाला है।
आखिरी दिनों के बाद क्या होगा? परमेश्वर का राज पूरी धरती पर हुकूमत करेगा। (मत्ती 6:9) आइए देखें कि तब हालात कैसे होंगे।
● कोई भूखा नहीं रहेगा। “धरती पर बहुतायत में अनाज होगा, पहाड़ों की चोटियों पर अनाज की भरमार होगी।”—भजन 72:16.
● कोई बीमार नहीं होगा। “देश का कोई निवासी न कहेगा, ‘मैं बीमार हूँ।’”—यशायाह 33:24.
● धरती फिर से सुंदर हो जाएगी। “वीराना और सूखा मैदान खुशी से झूम उठेगा, बंजर ज़मीन खुशियाँ मनाएगी, केसर के बाग की तरह खिल उठेगी।”—यशायाह 35:1.
इसके अलावा बाइबल में और कई भविष्यवाणियाँ लिखी हैं, जो बहुत जल्द पूरी होंगी। लेकिन हम कैसे यकीन रख सकते हैं कि ये भविष्यवाणियाँ ज़रूर पूरी होंगी? यहोवा के साक्षियों को आपसे इस बारे में बात करने में बहुत खुशी होगी।
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