बाइबल की सच्चाई ने उन्हें आज़ाद किया
यीशु मसीह ने एक बार अपने सुननेवालों से कहा था: “तुम सच्चाई को जानोगे और सच्चाई तुम्हें आज़ाद करेगी।” (यूहन्ना 8:32) इस आज़ादी में क्या शामिल है? इसमें दुष्ट स्वर्गदूतों और जादू-टोना करनेवालों से आज़ादी शामिल है जो दूसरों को धोखा देते और झूठ बोलते हैं। (यूहन्ना 8:44) यही बात आगे दिए उदाहरणों से पता चलती है।
हर उदाहरण दिखाता है कि बाइबल में दी सच्चाई किस तरह लोगों को आज़ाद करती है। जी हाँ, सिर्फ इसी में लोगों को आज़ाद करने की ताकत है। क्यों न आप खुद बाइबल की जाँच करें? आप निराश नहीं होंगे। (g11-E 02)
[पेज 16 पर बक्स/तसवीर]
दी गयी तसवीरें असली नहीं हैं
● सूज़ाना ब्राज़ील में रहती है। पहले वह एक मंदिर की पुजारिन थी। वह अपनी अलौकिक शक्तियों के ज़रिए ज़रूरतमंदों की मदद करना चाहती थी। इसके अलावा उसे “अपनी मृत माँ से बात करने में” खुशी होती थी। लेकिन कुछ समय बाद उसकी मृत “माँ” उससे कहने लगी कि वह आत्महत्या कर ले और उसके साथ आत्मिक लोक में रहने के लिए आ जाए। इस खयाल से ही सूज़ाना परेशान रहने लगी और उसे रात को डरावने सपने आने लगे। कुछ समय बाद सूज़ाना और उसका पति यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल का अध्ययन करने लगे। उन्हें ‘शैतान का सामना करने’ में बड़ी मुश्किल हुई, लेकिन आखिरकार वह ‘उनके पास से भाग गया।’ (याकूब 4:7) अब वे शांति से जी रहे हैं और सूज़ाना को डरावने सपने भी नहीं आते। उसने लिखा, “मैं कई बातों के लिए यहोवा की शुक्रगुज़ार हूँ, लेकिन सबसे ज़्यादा इस बात के लिए कि उसने हमें आध्यात्मिक अंधकार से बाहर निकाला।”
[पेज 16 पर बक्स/तसवीर]
● टिमोथी पश्चिम अफ्रीका में रहता है। वह बधिर है।a जब वह डॉक्टरों से इलाज करवा-करवाकर थक गया और उसे कोई फायदा नहीं हुआ तो वह चंगाई करनेवालों के पास गया। लेकिन वे भी उसकी बीमारी ठीक नहीं कर पाए। वह लिखता है, “धोखा खाते-खाते मेरा दिल टूट गया।” इसके बाद टिमोथी यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल अध्ययन करने लगा। साक्षियों ने उसे परमेश्वर के मकसद के बारे में समझाया कि वह सारी बीमारियाँ और अपंगताएं मिटा देगा। टिमोथी कहता है, “मैं परमेश्वर की नयी दुनिया का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूँ जब ‘बहिरों के कान खोले जाएंगे; . . . और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे।’” (यशायाह 35:1-6) उस दिन के आने तक वह एक छोटे डी.वी.डी. प्लेयर की मदद से बधिरों को बाइबल की सच्चाइयाँ सिखा रहा है और उन्हें सच्ची आज़ादी पाने में मदद दे रहा है।
[फुटनोट]
a कुछ नाम बदल दिए गए हैं।
[पेज 17 पर बक्स/तसवीर]
● एविलिन एस्टोनिया में रहती है और वह जादू-टोना करती थी। वह यीशु की तरह बीमारों को चंगा करना चाहती थी। वह खास तौर से अपनी माँ को ठीक करना चाहती थी, जो बहुत लंबे समय बीमार थी। गंभीर बीमारियों का पता लगाने और उनका इलाज करने के मकसद से उसने पेंडुलम का इस्तेमाल करना सीखा। इस बीच वह बाइबल की जाँच करने लगी। नतीजा क्या हुआ? वह कहती है, “मैं समझ गयी कि मैं कितने बड़े धोखे में थी। इसलिए भूत-विद्या से जुड़ी किताबों और पेंडुलम को मैंने जला डाला।” अब वह दूसरों को बाइबल की सच्चाइयाँ सिखाती है, जो लोगों को आज़ाद करती हैं।
[पेज 17 पर बक्स/तसवीर]
● जैनी पपुआ न्यू गिनी में रहती है। वहाँ के लोग मृत लोगों से बहुत डरते हैं। जब जैनी के गाँव में किसी की मौत हो जाती थी, तो वह किसी दूसरे के बिस्तर के नीचे सोती थी, क्योंकि उसे डर रहता था कि अगर वह अकेली सोई तो मरे हुए व्यक्ति की आत्मा उसे परेशान करेगी। फिर उसने बाइबल से सीखा कि मरे हुए कब्र में गहरी नींद में हैं और उनके पास फिरदौस में दोबारा इस धरती पर ज़िंदा किए जाने की आशा है। (लूका 23:43; यूहन्ना 11:11-14) यह सीखने के बाद उसके दिल से मरे हुओं का डर दूर हो गया।
[पेज 17 पर बक्स/तसवीर]
● अलीस्या की परवरिश अमरीका के एक मसीही परिवार में हुई है। धीरे-धीरे वह जादू-टोने की किताबों और फिल्मों में दिलचस्पी लेने लगी। लेकिन कुछ वक्त बाद उसने गंभीरता से सोचना शुरू किया कि आखिर बाइबल से उसने कौन-कौन सी सच्चाइयाँ सीखी हैं। उसे एहसास हुआ कि असलियत में वह ‘यहोवा की मेज़ से और दुष्ट स्वर्गदूतों की मेज़ से खाने’ की कोशिश कर रही थी। उसने बदलाव किए और अब परमेश्वर के सामने उसका ज़मीर साफ है।—1 कुरिंथियों 10:21.