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जीवन—इसे रचा गया या अपने आप आ गया?खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
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3. परमेश्वर ने इंसान को जानवरों से कैसे अलग बनाया?
यहोवा ने धरती को बनाने के बाद सबसे पहले पेड़-पौधे और जानवर बनाए। इसके बाद उसने इंसानों को बनाया। उसने उन्हें जानवरों से एकदम अलग बनाया। कैसे? उसने उन्हें “अपनी छवि में” बनाया। (उत्पत्ति 1:27 पढ़िए।) इसका मतलब है कि हमारे अंदर वे गुण हैं जो परमेश्वर में हैं। इसलिए हम एक-दूसरे से प्यार करते हैं और हममें सही-गलत की समझ होती है। उसने हमें ऐसा दिमाग दिया है कि हम भाषाएँ सीख सकते हैं, खूबसूरत चीज़ों और संगीत वगैरह का मज़ा ले सकते हैं। और हम इंसानों में ही इस बात की समझ होती है कि हम अपने बनानेवाले की भक्ति करें। यह सब जानवर नहीं कर सकते।
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5. दुनिया की रचना के बारे में बाइबल में जो लिखा है, उसे हम सच मान सकते हैं
उत्पत्ति अध्याय 1 में लिखा है कि धरती, पेड़-पौधों, जानवरों और इंसानों की रचना कैसे हुई। यह बस एक कहानी है या सच में ऐसा हुआ था? वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
बाइबल में लिखा है कि यहोवा ने धरती और सभी प्राणियों को छः दिन में बनाया। क्या हर दिन 24 घंटे का था?
दुनिया की रचना के बारे में बाइबल में जो लिखा है, क्या वह सही है और क्या हम उस पर यकीन कर सकते हैं? आप ऐसा क्यों कहते हैं?
उत्पत्ति 1:1 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
वैज्ञानिक कहते हैं कि विश्व-मंडल की शुरूआत हुई थी। इस बारे में इस वचन में भी क्या लिखा है?
कुछ लोग मानते हैं कि परमेश्वर ने विकासवाद (ऐवल्यूशन) से सभी प्राणी बनाए। उत्पत्ति 1:21, 25, 27 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
क्या बाइबल में लिखा है कि परमेश्वर ने पहले एक छोटी-सी कोशिका बनायी, फिर उससे अपने आप मछलियाँ, जीव-जंतु और इंसान आ गए? या उसने हर “जाति” के पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं को अलग से बनाया?
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