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पाठकों के प्रश्नप्रहरीदुर्ग—2006 | जनवरी 15
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मिस्र से छुटकारा पाने के थोड़े ही समय बाद, जब इस्राएली खाने के बारे में कुड़कुड़ाने लगे तो यहोवा ने उनके लिए मन्ना का इंतज़ाम किया। (निर्गमन 12:17, 18; 16:1-5) उस वक्त, मूसा ने हारून को यह हिदायत दी: “एक पात्र लेकर उस में ओमेर भर [मन्ना] लेकर उसे यहोवा के आगे धर दे, कि वह तुम्हारी पीढ़ियों के लिये रखा रहे।” बाइबल आगे कहती है: “जैसी आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी, उसी के अनुसार हारून ने उसको साक्षी के सन्दूक [एक बक्स जिसमें ज़रूरी कागज़ात सँभालकर रखे जाते थे] के आगे धर दिया, कि वह वहीं रखा रहे।” (निर्गमन 16:33, 34) इसमें कोई शक नहीं कि हारून ने उसी वक्त, एक मर्तबान में मन्ना जमा कर लिया होगा। फिर बाद में जब वाचा का संदूक बनकर तैयार हुआ और मूसा ने उसके अंदर पत्थर की पटियाएँ रखीं, तब हारून ने उसके अंदर मन्ना का मर्तबान भी रखा।
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पाठकों के प्रश्नप्रहरीदुर्ग—2006 | जनवरी 15
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इस्राएलियों को मन्ना उन 40 सालों तक मिलता रहा जब वे वीराने में भटक रहे थे। मगर जिस दिन से इस्राएली वादा किए गए “देश की उपज में से खाने” लगे, उस दिन से यह इंतज़ाम बंद हो गया था। (यहोशू 5:11, 12) हारून की छड़ी को वाचा के संदूक के अंदर रखने के पीछे एक मकसद था कि वह बगावती पीढ़ी के खिलाफ चेतावनी की निशानी हो। इससे सुराग मिलता है कि छड़ी को वाचा के संदूक में शायद तब तक रखा गया था जब तक इस्राएली वीराने में भटक रहे थे। तो फिर इस नतीजे पर पहुँचना सही लगता है कि इस्राएलियों के वादा किए गए देश में आने के कुछ समय बाद और सुलैमान के मंदिर के समर्पण से पहले, हारून की छड़ी और मन्ना से भरे सोने के मर्तबान को वाचा के संदूक में से निकाल दिया गया था।
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