-
उसने अंत तक धीरज रखाउनके विश्वास की मिसाल पर चलिए
-
-
एलियाह नम्र होकर एलीशा की गुज़ारिश यहोवा पर छोड़ देता है। वह कहता है कि अगर यहोवा उसे यह देखने का मौका देगा कि वह बुज़ुर्ग भविष्यवक्ता को उठाकर ले जा रहा है, तो इसका मतलब परमेश्वर उसकी गुज़ारिश पूरी करेगा। फिर दोनों लंबे समय के दोस्त “बातें करते हुए साथ-साथ” चलने लगते हैं। तभी अचानक एक अनोखी घटना घटती है!—2 राजा 2:10, 11.
एक-दूसरे के दोस्त होने की वजह से एलियाह और एलीशा मुश्किल हालात में धीरज रख पाए
आसमान में उन्हें अजीब-सी रौशनी दिखायी देती है और वह रौशनी फैलती जा रही है। तभी एक आँधी उठती है और उसकी गड़गड़ाहट उन्हें सुनायी देती है। साथ ही, तेज़ चमकती हुई कोई चीज़ बड़ी रफ्तार से उनकी तरफ आती है। शायद उसी को देखकर वे चौंक जाते हैं और एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं। वे जो देखते हैं, वह एक रथ है जो आग की तरह चमक रहा है। एलियाह समझ जाता है कि उसका वक्त आ गया है। क्या वह उस रथ पर सवार हो जाता है? बाइबल कुछ नहीं बताती। बाइबल इतना ज़रूर बताती है कि उसे आँधी में आसमान की तरफ ऊपर उठाया जा रहा है!
-
-
उसने अंत तक धीरज रखाउनके विश्वास की मिसाल पर चलिए
-
-
इसके बाद एलियाह कहाँ गया? कुछ धर्म सिखाते हैं कि उसे स्वर्ग उठा लिया गया ताकि वह परमेश्वर के साथ रहे। लेकिन ऐसा हो ही नहीं सकता। सदियों बाद यीशु मसीह ने कहा कि उसके समय से पहले कोई भी इंसान स्वर्ग नहीं गया। (यूहन्ना 3:13) फिर जब बाइबल के कुछ अनुवादों में लिखा है कि “एलियाह बवंडर में होकर स्वर्ग पर चढ़ गया,” तो उसका क्या मतलब है? (2 राजा 2:11, हिंदी—ओ.वी.) बाइबल में शब्द “स्वर्ग” का मतलब हमेशा वह जगह नहीं होता, जहाँ यहोवा रहता है। कई आयतों में इसका मतलब आसमान है, जहाँ बादल होते हैं और पंछी उड़ते हैं। (भजन 147:8) तो फिर एलियाह आसमान में गया। फिर वहाँ से वह कहाँ गया?
यहोवा अपने प्यारे भविष्यवक्ता को पास के यहूदा राज्य ले गया। वहाँ उसने एलियाह को एक नयी ज़िम्मेदारी दी। बाइबल बताती है कि वह यहूदा में काफी समय तक सेवा करता रहा। शायद सात साल से भी ज़्यादा समय तक। उस दौरान यहूदा पर दुष्ट राजा यहोराम का राज था। उसने अहाब और इज़ेबेल की बेटी से शादी की थी। इस वजह से अहाब और इज़ेबेल का बुरा असर अब भी देखा जा सकता था। यहोवा के कहने पर एलियाह ने एक चिट्ठी के ज़रिए यहोराम को सज़ा सुनायी। इस भविष्यवाणी के मुताबिक, यहोराम एक बुरी मौत मरा। और-तो-और “जब उसकी मौत हुई तो किसी को दुख नहीं हुआ।”—2 इतिहास 21:12-20.
-