यहोवा का वचन जीवित है
दूसरा राजा किताब की झलकियाँ
बाइबल की पहला राजा किताब में इस्राएल और यहूदा राज्य का जहाँ तक इतिहास लिखा है, उसके बाद का इतिहास दूसरा राजा की किताब में दर्ज़ है। इस किताब में कुल 29 राजाओं का ब्यौरा दिया गया है, जिनमें से 12 उत्तर में इस्राएल के और 17 दक्षिण में यहूदा के राजा थे। दूसरा राजा में एलिय्याह, एलीशा और यशायाह नबी के कामों का भी ज़िक्र पाया जाता है। हालाँकि तारीख के लिहाज़ से इस किताब में घटनाएँ पूरी तरह सिलसिलेवार ढंग से नहीं लिखी गयीं, फिर भी इसमें सामरिया और यरूशलेम के विनाश के समय तक की घटनाएँ दर्ज़ हैं। कुल मिलाकर इस किताब में सा.यु.पू. 920 से लेकर सा.यु.पू. 580 तक यानी 340 सालों का इतिहास पाया जाता है। सामान्य युग पूर्व 580 में यिर्मयाह नबी ने इस किताब को लिखना पूरा किया था।
दूसरा राजा किताब हमारे लिए क्या अहमियत रखती है? यहोवा के बारे में और लोगों के साथ उसके व्यवहार के बारे में यह हमें क्या सिखाती है? इस किताब में जिन राजाओं, नबियों और दूसरे लोगों का ज़िक्र है, उनके कामों से हम क्या सबक सीख सकते हैं? आइए देखें कि यह किताब हमें क्या-क्या सिखाती है?
एलिय्याह की जगह एलीशा लेता है
राजा अहज्याह अपने महल की खिड़की से गिरने की वजह से बुरी तरह घायल हो जाता है। एलिय्याह नबी उसे पैगाम भेजता है कि वह मर जाएगा। अहज्याह मर जाता है, और उसका भाई यहोराम उसकी जगह राजा बनता है। दूसरी तरफ यहूदा देश में यहोशापात की हुकूमत चल रही होती है। एलिय्याह को एक बड़े बवंडर में उठा लिया जाता है और उसकी जगह एलीशा, नबी बनता है। एलीशा करीब 60 साल भविष्यवाणी का काम करता है और इस दौरान वह कई चमत्कार करता है।—“एलीशा के चमत्कार” बक्स देखिए।
जब एक मोआबी राजा इस्राएल के खिलाफ उठता है, तो यहोराम, यहोशापात और एदोम का राजा अपनी सेना लेकर उससे लड़ने निकलते हैं। यहोशापात की वफादारी की वजह से यहोवा उन्हें फतह दिलाता है। इसके बाद, अराम का राजा इस्राएल पर अचानक हमला करने की साज़िश करता है। मगर एलीशा इस साज़िश को नाकाम कर देता है। इस पर अराम का राजा आग-बबूला हो उठता है और एलीशा को पकड़ने के लिए “घोड़ों और रथों समेत एक भारी दल” भेजता है। (2 राजा 6:14) तब एलीशा दो चमत्कार करता है और अराम की सेना बिना नुकसान किए वापस चली जाती है। आखिरकार, अरामी राजा बेन्हदद सामरिया की घेराबंदी करता है। इस वजह से सामरिया में एक बड़ा अकाल पड़ता है, मगर एलीशा भविष्यवाणी करता है कि अकाल खत्म हो जाएगा।
कुछ समय बाद, एलीशा दमिश्क को जाता है। बीमार राजा बेन्हदद, हजाएल को एलीशा के पास यह पता लगाने के लिए भेजता है कि वह ठीक होगा या नहीं। एलीशा भविष्यवाणी करता है कि बेन्हदद मर जाएगा और उसकी जगह हजाएल राजा बनेगा। अगले ही दिन, हजाएल ‘रजाई को भिगोकर’ राजा का दम घोंटकर उसे मार देता है और खुद राजा बन जाता है। (2 राजा 8:15) यहूदा में, यहोशापात का बेटा यहोराम राजा बनता है और यहोराम के बाद उसका बेटा अहज्याह राजगद्दी सँभालता है।—“यहूदा और इस्राएल के राजा” बक्स देखिए।
बाइबल सवालों के जवाब पाना:
2:9—एलीशा ने ‘एलिय्याह की आत्मा का दूना भाग’ क्यों माँगा? इस्राएल में एक नबी के नाते अपनी ज़िम्मेदारी निभाने के लिए एलीशा को एलिय्याह की तरह आत्मा दिखाने की ज़रूरत थी, यानी उसे एलिय्याह की तरह हिम्मत और निडरता से काम करना था। इस बात का एहसास होने की वजह से एलीशा ने एलिय्याह की आत्मा का दुगुना भाग माँगा। एलीशा को एलिय्याह ने नबी ठहराया था ताकि वह आगे की ज़िम्मेदारी सँभाले। इससे पहले, एलीशा छः साल तक एलिय्याह का सेवक रहा था, इसलिए एलीशा एलिय्याह को अपना आध्यात्मिक पिता मानता था, और एलिय्याह के लिए एलीशा आध्यात्मिक मायने में पहिलौठा बेटा था। (1 राजा 19:19-21; 2 राजा 2:12) इसलिए जैसे हर इस्राएली परिवार में पहिलौठे बेटे को अपने पिता की विरासत में दो हिस्से मिलते थे, उसी तरह एलिय्याह का आध्यात्मिक बेटा होने की वजह से एलीशा ने उसकी आत्मा का दूना हिस्सा माँगा और एलिय्याह ने उसे दिया भी।
2:11—“एलिय्याह बवंडर में होकर स्वर्ग पर चढ़ गया” था। यहाँ बताया गया “स्वर्ग” क्या था? यहाँ स्वर्ग का मतलब ना तो यह अंतरिक्ष है, ना ही वह आत्मिक लोक है जहाँ परमेश्वर और उसके स्वर्गदूत रहते हैं। (व्यवस्थाविवरण 4:19; भजन 11:4; मत्ती 6:9; 18:10) एलिय्याह जिस “स्वर्ग” को उठा लिया गया था, वह दरअसल आकाश यानी वायुमंडल था। (भजन 78:26; मत्ती 6:26) ज़ाहिर है कि वह अग्निमय रथ पृथ्वी के वायुमंडल से होते हुए, एलिय्याह को धरती के किसी और इलाके में ले गया। वहाँ एलिय्याह कुछ और समय तक जीया। दरअसल, इस घटना के सालों बाद एलिय्याह ने उस जगह से यहूदा के राजा, यहोराम को एक खत भी लिखा था।—2 इतिहास 21:1, 12-15.
5:15, 16—एलीशा ने नामान का तोहफा क्यों कबूल नहीं किया? एलीशा ने तोहफा लेने से इसलिए इनकार किया, क्योंकि वह जानता था कि उसने नामान को परमेश्वर की शक्ति से चंगा किया था, न कि अपनी शक्ति से। परमेश्वर के ठहराए पद का इस्तेमाल करके मुनाफा कमाने की बात एलीशा कभी सोच भी नहीं सकता था। आज भी यहोवा के सच्चे उपासक उसकी सेवा से अपने लिए मुनाफा कमाने की कोशिश नहीं करते। वे यीशु की इस सलाह को मानते हैं: “तुमने मुफ्त पाया है, मुफ्त में दो।”—मत्ती 10:8; NHT.
5:18, 19—क्या नामान किसी धार्मिक रस्म में हिस्सा लेने के पाप की माफी माँग रहा था? अराम का राजा शायद बूढ़ा और कमज़ोर था और उसे सहारे के लिए नामान की मदद की ज़रूरत थी। जब यह राजा, रिम्मोन देवता की पूजा करने के लिए झुकता, तो नामान को भी झुकना पड़ता था। मगर नामान सिर्फ राजा को सहारा देने के लिए झुकता था, न कि खुद रिम्मोन की पूजा करने के लिए। तो नामान कह रहा था कि यह सरकारी फर्ज़ पूरा करने के लिए यहोवा उसे माफ कर दे। नामान की बात पर विश्वास करके, एलीशा ने उससे कहा: “कुशल से बिदा हो।”
हमारे लिए सबक:
1:13, 14. दूसरों के साथ जो होता है, उसे देखकर सबक सीखना और नम्रता से कदम उठाना हमारी जान बचा सकता है।
2:2, 4, 6. एलीशा ने करीब छः साल से एलिय्याह का सेवक होने का सुअवसर पाया था, फिर भी वह एलिय्याह को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। वाकई, दोस्ती और वफादारी की क्या ही बेहतरीन मिसाल!—नीतिवचन 18:24.
2:23, 24. बच्चों ने एलीशा का मज़ाक इसलिए नहीं उड़ाया कि उसके सिर पर बाल नहीं थे। असली वजह यह थी कि वह एलिय्याह के कपड़े पहने हुए था जिससे एक नबी की पहचान होती थी। वे बच्चे जान गए कि एलीशा यहोवा का भेजा हुआ है और नहीं चाहते थे कि वह उनके इलाके में रहे। उन्होंने एलीशा से कहा कि “चढ़ जा” यानी तू बेथेल की तरफ चला जा या फिर तुझे भी एलिय्याह की तरह ऊपर उठा लिया जाए। इन बच्चों का बर्ताव दिखाता है कि शायद उनके माता-पिताओं में यहोवा के नबी के खिलाफ ऐसी ही नफरत थी। इस घटना से माता-पिताओं को एक बेहद ज़रूरी सबक मिलता है। उन्हें बच्चों को सिखाना चाहिए कि वे परमेश्वर के ठहराए सेवकों का आदर करें!
3:14, 18, 24. यहोवा जो कहता है वह हमेशा सच निकलता है।
3:22. शायद अभी-अभी खोदे गए उन नालों में लाल मिट्टी थी, इसलिए सुबह-सुबह सूरज की किरणें जब उन नालों के पानी पर पड़ीं, तो पानी खून की तरह दिखने लगा। यहोवा अपने मकसद को अंजाम देने के लिए चाहे तो सूरज, तारों जैसी कुदरती चीज़ों का इस्तेमाल कर सकता है।
4:8-11. शूनेम की एक स्त्री ने जब जाना कि एलीशा परमेश्वर का “पवित्र भक्त” है, तो उसने एलीशा की खातिरदारी की। क्या हमें भी यहोवा के वफादार उपासकों के लिए मेहमाननवाज़ी नहीं दिखानी चाहिए?
5:3. उस छोटी इस्राएली लड़की को विश्वास था कि परमेश्वर चमत्कार करने की शक्ति रखता है। उसमें दूसरों को अपने विश्वास के बारे में बताने की हिम्मत भी थी। छोटे बच्चो, क्या आप परमेश्वर के वादों पर अपना विश्वास मज़बूत करने की कोशिश करते हो और अपने स्कूल के साथियों और टीचरों को सच्चाई के बारे में बताने के लिए हिम्मत जुटाते हो?
5:9-19. क्या नामान की मिसाल नहीं दिखाती कि एक मगरूर इंसान भी नम्र बन सकता है?—1 पतरस 5:5.
5:20-27. झूठ और धोखेबाज़ी की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है! दोहरी ज़िंदगी जीने से हम पर जो मुसीबतें आ सकती हैं, उसके बारे में गहराई से सोचने से हम कभी ऐसा गलत रास्ता इख्तियार नहीं करेंगे।
इस्राएल और यहूदा को बंधुआई में भेज दिया जाता है
येहू को इस्राएल का राजा अभिषिक्त किया जाता है। वह अहाब के घराने को खत्म करने की मुहिम चलाने में ज़रा भी वक्त नहीं गँवाता। येहू बड़ी चतुराई से ‘बाल उपासना को इस्राएल में से दूर करता है’। (2 राजा 10:28) अहज्याह की माँ, अतल्याह को जब पता चलता है कि येहू ने उसके बेटे को मार डाला है तो वह ‘उठकर यहूदा के पूरे राजवंश को नाश कर डालती’ है और राजगद्दी पर कब्ज़ा कर लेती है। (2 राजा 11:1) सिर्फ अहज्याह के नन्हे बेटे योआश को बचा लिया जाता है और उसे छः साल तक अतल्याह से छिपाकर रखने के बाद यहूदा का राजा ठहराया जाता है। याजक यहोयादा की सलाह मानकर योआश वही करता है जो यहोवा की नज़रों में सही है।
येहू के बाद जितने भी राजा इस्राएल पर राज करते हैं, वे सब यहोवा की मरज़ी के खिलाफ काम करते हैं। येहू के पोते की हुकूमत के दौरान एलीशा मौत की नींद सो जाता है। योआश के बाद, यहूदा का चौथा राजा आहाज होता है और वह ‘ऐसे काम नहीं करता जो परमेश्वर की दृष्टि में ठीक हैं।’ (2 राजा 16:1, 2) लेकिन उसका बेटा हिजकिय्याह ‘यहोवा से लिपटा रहता’ है। (2 राजा 17:20; 18:6) सामान्य युग पूर्व 740 में, जब यहूदा पर हिजकिय्याह राज कर रहा होता है और इस्राएल पर होशे, तब अश्शूर का राजा शल्मनेसेर, इस्राएल की राजधानी ‘सामरिया को अपने अधिकार में कर लेता और इस्राएलियों को बन्दी बनाकर उन्हें अश्शूर ले जाता है।’ (2 राजा 17:6; NHT) इसके बाद, अलग-अलग देशों से लोगों को इस्राएल देश में लाया जाता है और इन परदेशियों की वजह से इस्राएल में सामरी धर्म की शुरूआत होती है।
हिजकिय्याह के बाद यहूदा राज्य पर सात राजा हुकूमत करते हैं, मगर उनमें सिर्फ योशिय्याह राजा ऐसा है जो यहूदा में से झूठी उपासना को मिटाने के लिए कदम उठाता है। आखिरकार सा.यु.पू. 607 में, बाबुली आकर यहूदा की राजधानी यरूशलेम पर कब्ज़ा कर लेते हैं और ‘यहूदियों को बन्धुआ बना के उनके देश से निकाल दिया जाता है।’—2 राजा 25:21.
बाइबल सवालों के जवाब पाना:
13:20, 21—क्या यह चमत्कार दिखाता है कि मरे हुओं के अवशेषों की पूजा करना सही है? नहीं। बाइबल में यह नहीं लिखा है कि एलीशा की हड्डियों को कभी पूजा गया था। यह चमत्कार परमेश्वर की शक्ति से मुमकिन हुआ था, ठीक जैसे एलीशा ने जीते-जी सारे चमत्कार परमेश्वर की शक्ति से किए थे।
15:1-6—यहोवा ने अजर्याह (या, उज्जिय्याह) को कोढ़ से क्यों पीड़ित किया था? “जब [उज्जिय्याह] सामर्थी हो गया, तब उसका मन फूल उठा; और उस ने . . . अपने परमेश्वर यहोवा का विश्वासघात किया, अर्थात् वह धूप की वेदी पर धूप जलाने को यहोवा के मन्दिर में घुस गया।” जब याजकों ने “उज्जिय्याह राजा का विरोध करके” (NHT) उससे कहा कि “पवित्रस्थान से निकल जा” तो वह उनके खिलाफ भड़क उठा। इसलिए परमेश्वर ने उसे कोढ़ से पीड़ित किया।—2 इतिहास 26:16-20.
18:19-21, 25—क्या हिजकिय्याह ने मिस्र के साथ संधि की थी? नहीं। रबशाके का लगाया इलज़ाम सरासर झूठ था, ठीक जैसे उसका यह दावा भी झूठ था कि वह ‘यहोवा के कहने’ पर आया था। वफादार राजा हिजकिय्याह ने सिर्फ यहोवा पर भरोसा रखा था।
हमारे लिए सबक:
9:7, 26. अहाब के घराने को जो कड़ा न्यायदंड दिया गया था, वह दिखाता है कि यहोवा की नज़र में झूठी उपासना और निर्दोषों का खून बहाना एक घिनौना अपराध है।
9:20. येहू तेज़ी से रथ चलाने के लिए जाना जाता था। यह दिखाता है कि येहू अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करने के लिए कितना जोशीला था। क्या आप भी राज्य के एक जोशीले प्रचारक के तौर पर जाने जाते हैं?—2 तीमुथियुस 4:2.
9:36, 37; 10:17; 13:18, 19, 25; 14:25; 19:20, 32-36; 20:16, 17; 24:13. हम पूरा भरोसा रख सकते हैं कि ‘जो वचन यहोवा के मुख से निकलता है, वह हमेशा सुफल होता है।’—यशायाह 55:10, 11.
10:15. जब येहू ने यहोनादाब को अपने रथ पर चढ़ने का न्यौता दिया तो यहोनादाब ने खुशी-खुशी उसे कबूल किया। उसी तरह “बड़ी भीड़” भी आज के येहू, यीशु मसीह और उसके अभिषिक्त चेलों का खुशी-खुशी साथ निभाती है।—प्रकाशितवाक्य 7:9.
10:30, 31. हालाँकि येहू ने भी गलतियाँ की थीं, फिर भी यहोवा ने उसके सभी भले कामों के लिए उसकी कदर की। वाकई, ‘परमेश्वर अन्यायी नहीं, कि हमारे काम को भूल जाए।’—इब्रानियों 6:10.
13:14-19. क्योंकि येहू का पोता योआश सिर्फ तीन बार ज़मीन पर तीर मारकर रुक गया और उसने ज़्यादा मेहनत नहीं की, इसलिए उसे अरामी लोगों को हराने में खास कामयाबी नहीं मिली। यहोवा चाहता है कि हम उसका दिया काम तन-मन से और पूरे जोश के साथ करें।
20:2-6. यहोवा ‘प्रार्थना का सुननेवाला’ है।—भजन 65:2.
24:3, 4. मनश्शे ने जो मासूमों का खून बहाया था, उसकी वजह से यहोवा ने यहूदा देश को “क्षमा करना न चाहा।” निर्दोष लोगों का खून परमेश्वर की नज़र में अनमोल है। इसलिए हम पूरा यकीन रख सकते हैं कि निर्दोषों का खून बहाने में जिनका हाथ है, उन्हें यहोवा मिटा डालेगा और इस तरह उन निर्दोषों की तरफ से बदला लेगा।—भजन 37:9-11; 145:20.
हमारे लिए अनमोल
दूसरा राजा की किताब दिखाती है कि यहोवा, अपने वादों को पूरा करनेवाला परमेश्वर है। पहले, इस्राएल देश और फिर यहूदा देश के निवासियों को जिस तरह बँधुआई में भेज दिया गया था, उससे हमें ठोस सबूत मिलता है कि व्यवस्थाविवरण 28:15–29:28 में दर्ज़ न्यायदंड की भविष्यवाणी ठीक-ठीक पूरी हुई थी। दूसरा राजा की किताब दिखाती है कि एलीशा नबी की रग-रग में यहोवा के नाम और सच्ची उपासना के लिए जोश भरा था। हिजकिय्याह और योशिय्याह ऐसे नम्र राजा थे जिन्होंने यहोवा की कानून-व्यवस्था के लिए आदर दिखाया था।
दूसरा राजा किताब में जिन राजाओं, नबियों और दूसरे लोगों का ज़िक्र है, उनके रवैयों और कामों पर गहराई से सोचने से क्या हमें इस बारे में अनमोल सबक नहीं मिलते कि हमें किन बातों का पीछा करना चाहिए और किन बातों से दूर रहना चाहिए? (रोमियों 15:4; 1 कुरिन्थियों 10:11) जी हाँ, ‘परमेश्वर का वचन जीवित और प्रबल है।’—इब्रानियों 4:12.
[पेज 10 पर बक्स/तसवीर]
एलीशा के चमत्कार
1. यरदन नदी के पानी को दो भागों में बाँटना।—2 राजा 2:14
2. यरीहो के खराब पानी को शुद्ध करना।—2 राजा 2:19-22
3. बदमाश लड़कों को रीछनियाँ फाड़ खाती हैं।—2 राजा 2:23, 24
4. फौजों के लिए पानी का बंदोबस्त करना।—2 राजा 3:16-26
5. एक विधवा को खाने का तेल देना।—2 राजा 4:1-7
6. शूनेम की एक बाँझ स्त्री गर्भवती होती है।—2 राजा 4:8-17
7. एक मरे हुए बच्चे को ज़िंदा करना।—2 राजा 4:18-37
8. ज़हरीले भोजन को खाने के लायक बनाना।—2 राजा 4:38-41
9. बीस रोटियों से एक सौ पुरुषों की भूख मिटाना।—2 राजा 4:42-44
10. नामान का कोढ़ चंगा करना।—2 राजा 5:1-14
11. नामान का कोढ़ गेहजी को लग जाता है।—2 राजा 5:24-27
12. एक कुल्हाड़ी का ऊपरी भाग पानी पर तैरने लगता है।—2 राजा 6:5-7
13. एक सेवक को रथ पर सवार स्वर्गदूतों की सेना दिखायी देती है।—2 राजा 6:15-17
14. अरामी सैनिकों को अंधा कर दिया जाता है।—2 राजा 6:18
15. अरामी सैनिकों की आँखें ठीक करना।—2 राजा 6:19-23
16. एक लाश ज़िंदा हो जाती है।—2 राजा 13:20, 21
[पेज 12 पर चार्ट/तसवीरें]
यहूदा और इस्राएल के राजा
शाऊल/दाऊद/सुलैमान: सा.यु.पू. 1117/1077/1037a
यहूदा का राज्य तारीख (सा.यु.पू.) इस्राएल का राज्य
रहूबियाम ․․․ 997 ․․․ यारोबाम
अबिय्याह/आसा ․․ 980/978 ․․
․ 976/975/952 ․ नादाब/बाशा/एला
․ 951/951/951 ․ जिम्री/ओम्री/तिब्नी
․․․ 940 ․․․ अहाब
यहोशापात ․․․ 937 ․․․
․․ 920/917 ․․ अहज्याह/यहोराम
यहोराम ․․․ 913 ․․․
अहज्याह ․․․ 906 ․․․
(अतल्याह) ․․․ 905 ․․․ येहू
योआश ․․․ 898 ․․․
․․ 876/859 ․․ यहोआहाज/योआश
अमस्याह ․․․ 858 ․․․
․․․ 844 ․․․ यारोबाम द्वितीय
अजर्याह (उज्जिय्याह) ․․․ 829 ․․․
․ 803/791/791 ․ जकर्याह/शल्लूम/मनहेम
․․ 780/778 ․․ पकह्याह/पेकह
योताम/आहाज ․․ 777/762 ․․
․․․ 758 ․․․ होशे
हिजकिय्याह ․․․ 746 ․․․
․․․ 740 ․․․ सामरिया पर कब्ज़ा
मनश्शे/आमोन/योशिय्याह ․ 717/661/659 ․
यहोआहाज/यहोयाकीम ․․ 628/628 ․․
यहोयाकीन/सिदकिय्याह ․․ 618/617 ․․
यरूशलेम का विनाश ․․․ 607 ․․․
[फुटनोट]
a कुछ तारीखें दिखाती हैं कि इन राजाओं ने करीब-करीब किस साल हुकूमत शुरू की थी।
[पेज 8, 9 पर तसवीर]
नामान ने खुद को दीन किया, इसलिए वह यहोवा की शक्ति से चंगा किया गया
[पेज 8, 9 पर तसवीर]
जब एलिय्याह ‘बवंडर में होकर चढ़ गया’ तो उसका क्या हुआ था?