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अय्यूब की खराई का प्रतिफल मिलाप्रहरीदुर्ग—1998 | मई 1
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सबसे पहले यहोवा ने एलीपज, बिलदद और सोपर को फटकारा। उसने एलीपज को संबोधित करते हुए जो प्रत्यक्षतः सबसे बड़ा था, कहा: “मेरा क्रोध तेरे और तेरे दोनों मित्रों पर भड़का है, क्योंकि जैसी ठीक बात मेरे दास अय्यूब ने मेरे विषय कही है, वैसी तुम लोगों ने नहीं कही। इसलिये अब तुम सात बैल और सात मेढ़े छांटकर मेरे दास अय्यूब के पास जाकर अपने निमित्त होमबलि चढ़ाओ, तब मेरा दास अय्यूब तुम्हारे लिये प्रार्थना करेगा।” (अय्यूब ४२:७, ८) ज़रा सोचिए यह किस बात का संकेत देता है!
यहोवा ने एलीपज, बिलदद और सोपर से जो इतने बलि की माँग की, संभवतः इसलिए की उन पर उनके पाप की गंभीरता प्रकट हो। चाहे समझ-बूझकर चाहे अनजाने में, उन्होंने वाकई परमेश्वर की यह कहकर निंदा की थी कि वह “अपने सेवकों पर भरोसा नहीं रखता” और कि उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि अय्यूब वफादार था या नहीं। एलीपज ने यहाँ तक कहा कि परमेश्वर की नज़रों में अय्यूब की औकात किसी पतंगे से ज़्यादा नहीं! (अय्यूब ४:१८, १९; २२:२, ३) इसमें कोई अचरज नहीं कि यहोवा ने कहा: “ठीक बात . . . मेरे विषय . . . तुम लोगों ने नहीं कही”!
लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती। एलीपज, बिलदद और सोपर ने यह कहकर व्यक्तिगत रूप से अय्यूब के विरुद्ध पाप किया कि अपनी समस्याओं के लिए वह स्वयं ही कारण है। इनके बेबुनियादी आरोप और सहानुभूति की अपार कमी ने अय्यूब को इतना कटु और हताश कर दिया कि वह बिलखकर बोला: “तुम कब तक मेरे प्राण को दुःख देते रहोगे; और बातों से मुझे चूर चूर करोगे?” (अय्यूब १०:१; १९:२) उस समय उन तीनों पुरुषों की लज्जा की कल्पना कीजिए जब खुद उन्हें ही अपने पापों के निमित्त अय्यूब को होमबलि पेश करना पड़ा!
लेकिन अय्यूब को उनके इस अपमान पर खुश नहीं होना था। असल में, यहोवा ने उसे अपने आरोपियों की खातिर प्रार्थना करने के लिए कहा। अय्यूब ने ठीक निर्देशानुसार ही किया और इसके लिए उसे आशीष भी मिली। सबसे पहले, यहोवा ने उसकी भयंकर बीमारी दूर की। फिर अय्यूब के भाइयों, बहनों और पहले के साथियों ने आकर उसे आश्वासन दिया “और उसे एक एक सिक्का और सोने की एक एक बाली दी।”a इसके अलावा, अय्यूब की “चौदह हजार भेंड़ बकरियां, छः हजार ऊंट, हजार जोड़ी बैल, और हजार गदहियां हो गईं।”b और ज़ाहिर है कि अय्यूब का अपनी पत्नी के साथ भी मेल हो गया। समय बीतते अय्यूब को सात बेटे और तीन बेटियाँ भी उत्पन्न हुईं और चार पीढ़ी तक अपना वंश देखने के लिए वह जीवित रहा।—अय्यूब ४२:१०-१७.
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अय्यूब की खराई का प्रतिफल मिलाप्रहरीदुर्ग—1998 | मई 1
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इसके पहले कि अय्यूब स्वस्थ किया गया, यहोवा ने उससे माँग की कि वह उनकी खातिर प्रार्थना करे जिन्होंने उसके विरुद्ध पाप किया था। हमारे लिए क्या ही उत्तम उदाहरण! यहोवा चाहता है कि हम उन्हें क्षमा करें जिन्होंने हमारे विरुद्ध पाप किया है, इससे पहले की हमारे पाप क्षमा किए जाएँ। (मत्ती ६:१२; इफिसियों ४:३२) जब क्षमा करने का ठोस कारण होता है और फिर भी हम दूसरों को क्षमा करने के इच्छुक नहीं होते, तो क्या यहोवा से अपने लिए दया की अपेक्षा करना हमारे लिए उचित होगा?—मत्ती १८:२१-३५.
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