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अनुकरण करने के लिए नम्रता के उदाहरणप्रहरीदुर्ग—1993 | दिसंबर 1
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४. कौनसे शास्त्रवचन दिखाते हैं कि यहोवा नम्र है?
४ यहोवा परमेश्वर—परमप्रधान, विश्व सर्वसत्ताधारी, सनातनकाल का राजा—नम्र है। (उत्पत्ति १४:२२) क्या यह संभव हो सकता है? जी हाँ, सचमुच! राजा दाऊद ने कहा, जैसा कि भजन १८:३५ (NW) में लेखबद्ध है: “तू मुझे अपने बचाव की ढाल देगा, और तेरा अपना दहिना हाथ मुझे सम्भालेगा, और तेरी अपनी नम्रता मुझे महान बनाएगी।” स्पष्ट रूप से, राजा दाऊद ने उसे, अर्थात् दाऊद को महान बनाने का श्रेय यहोवा की नम्रता को दिया। फिर दोबारा, हम भजन ११३:६ में पढ़ते हैं कि यहोवा “आकाश और पृथ्वी पर भी, दृष्टि करने के लिये झुकता है।” अन्य अनुवाद इस तरह कहते हैं, “दृष्टि करने के लिए स्वयं को झुकाता है,” (न्यू इंटरनैशनल वर्शन) “इतने नीचे देखने के लिए अपने आपको दीन करता है।”—द न्यू इंग्लिश बाइबल.
५. कौनसी घटनाएँ यहोवा की नम्रता को प्रमाणित करती हैं?
५ सदोम और अमोरा के दुष्ट शहरों को नाश करने का उद्देश्य रखने में जब यहोवा ने इब्राहीम को उसकी धार्मिकता पर प्रश्न उठाने दिया, तब यहोवा ने जिस तरीक़े से इब्राहीम के साथ व्यवहार किया उसमें यहोवा परमेश्वर निश्चित रूप से झुका।a (उत्पत्ति १८:२३-३२) और जब यहोवा ने इस्राएल जाति को मिटाने की अपनी इच्छा व्यक्त की—एक बार मूर्तिपूजा के लिए, दूसरी बार विद्रोह के लिए—तो मूसा ने हर अवसर पर यहोवा के साथ ऐसे तर्क किया मानो वह किसी मनुष्य के साथ बात कर रहा हो। हर बार यहोवा ने अनुग्रहपूर्वक प्रतिक्रिया दिखाई। उसके लोग, इस्राएल के सम्बन्ध में मूसा के निवेदनों को स्वीकार करना यहोवा की ओर से नम्रता दिखाता है। (निर्गमन ३२:९-१४; गिनती १४:११-२०) मनुष्यों के साथ मानो व्यक्तिगत तौर पर यहोवा के नम्रतापूर्वक व्यवहार करने के अन्य उदाहरण गिदोन और योना के साथ उसके सम्बन्धों में देखे जा सकते हैं, जैसा कि न्यायियों ६:३६-४० और योना ४:९-११ में लेखबद्ध है।
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अनुकरण करने के लिए नम्रता के उदाहरणप्रहरीदुर्ग—1993 | दिसंबर 1
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a “झुकना” अकसर “श्रेष्ठता की भावना रखना” के अर्थ में प्रयोग होता है। लेकिन इसका मुख्य अर्थ—और न्यू वर्ल्ड ट्रान्सलेशन में इसका अर्थ है—“नरम पड़ जाना,” “पद के विशेषाधिकार छोड़ देना।”—वेबस्टरस् नाइन्थ न्यू कॉलिजिएट डिक्शनरि देखिए।
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