बाइबल क्या कहती है?
क्या परमेश्वर हर कहीं मौजूद है?
बहुत-से लोग विश्वास करते हैं कि परमेश्वर हर कहीं यानी कण-कण में मौजूद है। परमेश्वर की प्रेरणा से बाइबल के एक लेखक सुलैमान ने उसमें अपनी एक प्रार्थना दर्ज़ की: “तू अपने स्वर्गीय निवासस्थान में से सुनकर क्षमा करना।” (1 राजा 8:30, 39) बाइबल के मुताबिक, यहोवा परमेश्वर का एक निवासस्थान है। सुलैमान ने उसे ‘स्वर्ग’ कहा। यह कहाँ है?
हालाँकि बाइबल की मूल भाषा में “स्वर्ग” और “आकाश” के लिए एक ही शब्द इस्तेमाल किया गया है मगर स्वर्ग जो कि परमेश्वर का निवासस्थान है वह आकाश यानी आसमान नहीं है। (उत्पत्ति 2:1, 4) यह सही भी है क्योंकि परमेश्वर का निवासस्थान इस विश्व की सृष्टि से पहले ही अस्तित्व में रहा होगा। परमेश्वर का निवासस्थान असीमित है, वह भौतिक सीमाओं से नहीं बँधा है। इसलिए, जब बाइबल स्वर्ग को यहोवा परमेश्वर का निवासस्थान कहती है, तो वह अंतरिक्ष में किसी जगह की बात नहीं करती बल्कि एक आत्मिक लोक की बात करती है।
एक हैरतअंगेज़ दर्शन
प्रेषित यूहन्ना को एक दर्शन दिया गया जो बाइबल में दर्ज़ है। इस दर्शन के ज़रिए यहोवा के निवासस्थान की एक शानदार झलक मिलती है। उसमें यूहन्ना ने स्वर्ग में एक खुला दरवाज़ा देखा और एक आवाज़ सुनी जो उससे कह रही थी: “यहाँ ऊपर आ जा।”—प्रकाशितवाक्य 4:1.
इसके बाद, यूहन्ना ने दर्शन में यहोवा परमेश्वर को देखा, जिसे देखकर वह दंग रह गया। उसने जो देखा उसका एक हिस्सा इस तरह था: “स्वर्ग में एक राजगद्दी देखी . . . और जो बैठा था उसका रूप सूर्यकांत मणि और लाल रंग के कीमती रत्न जैसा था और उसकी राजगद्दी के चारों तरफ एक मेघ-धनुष था जो देखने में पन्ना जैसा था। . . . उस राजगद्दी से बिजलियाँ कौंध रही थीं और गड़गड़ाहट और गर्जन की आवाज़ निकल रही थी . . . और राजगद्दी के सामने काँच जैसा समुद्र था जो बिल्लौर जैसा पारदर्शी था।”—प्रकाशितवाक्य 4:2-6.
इन आयतों में यहोवा की शानदार शख्सियत और उसके अतुलनीय तेज की एक जीती-जागती तसवीर पेश की गयी है। ध्यान दीजिए कि यहोवा की राजगद्दी के चारों तरफ का माहौल कैसा है। मेघ-धनुष से पता चलता है कि वहाँ कितनी शांति है। बिजलियाँ, गर्जन और गड़गड़ाहट परमेश्वर की शक्ति को चित्रित करते हैं। काँच जैसे समुद्र से ज़ाहिर होता है कि जो भी परमेश्वर की मौजूदगी में है उस पर परमेश्वर की मंज़ूरी है।
हालाँकि परमेश्वर के बारे में यहाँ जो तसवीर पेश की गयी है वह लाक्षणिक है, फिर भी उससे परमेश्वर के निवासस्थान के बारे में काफी कुछ पता चलता है। स्वर्ग में यहोवा ने एक सिद्ध व्यवस्था कायम की है और वहाँ किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नज़र नहीं आती।
क्या परमेश्वर हर वक्त हर जगह मौजूद रहता है?
परमेश्वर का एक निवासस्थान है, यह सच्चाई दिखाती है कि वह हर समय में हर जगह मौजूद नहीं रहता। तो फिर उसे दुनिया में हो रही हर बात की जानकारी कैसे है? (2 इतिहास 6:39) अपनी पवित्र शक्ति यानी सक्रिय शक्ति के ज़रिए वह हर चीज़ की खबर रखता है। भजनहार ने लिखा: “मैं [“तेरी पवित्र शक्ति,” NW] से भागकर किधर जाऊं? वा तेरे साम्हने से किधर भागूं? यदि मैं आकाश पर चढ़ूं, तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी तू है!”—भजन 139:7-10.
परमेश्वर की पवित्र शक्ति किस तरह हर जगह काम करती है इसे समझने के लिए सूरज के उदाहरण पर गौर कीजिए। वह एक जगह पर स्थिर है लेकिन उसकी उर्जा धरती के कोने-कोने तक पहुँचती है। ठीक इसी तरह, यहोवा परमेश्वर का भी एक निवासस्थान है और वहीं से वह पूरे विश्व में कहीं भी अपनी मरज़ी पूरी कर सकता है। इसके अलावा, यहोवा अपनी पवित्र शक्ति के ज़रिए यह पता लगा सकता है कि कहाँ क्या हो रहा है। इसलिए 2 इतिहास 16:9 कहता है: “देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ दिखाए।”
परमेश्वर का नियंत्रण आत्मिक प्राणियों यानी स्वर्गदूतों के संगठन पर भी है। बाइबल बताती है कि इन आत्मिक प्राणियों की संख्या लाखों-करोड़ों, शायद अरबों में है। (दानिय्येल 7:10) बाइबल में ऐसे कई वाकए दिए गए हैं जो बताते हैं कि स्वर्गदूत परमेश्वर के प्रतिनिधि बनकर धरती पर आए, इंसानों से बात की और लौटकर परमेश्वर को मामले की खबर दी। उदाहरण के लिए, अब्राहम के दिनों में जब सदोम और अमोरा में दुष्टता बहुत बढ़ गयी थी तो स्वर्गदूत उसका पता लगाने के लिए आए। और उनकी खबर के आधार पर परमेश्वर ने उन नगरों को नाश करने का फैसला किया।—उत्पत्ति 18:20, 21, 33; 19:1, 13.
बाइबल की इन बातों से ज़ाहिर होता है कि यह ज़रूरी नहीं है कि परमेश्वर हर जगह मौजूद हो। अपनी पवित्र शक्ति और स्वर्गदूतों की सेना के ज़रिए, वह अपनी सृष्टि के बारे में पल-पल की खबर रख सकता है।
वाकई, बाइबल हमें परमेश्वर को और करीब से जानने में मदद करती है। बाइबल से हम सीखते हैं कि परमेश्वर का एक निवासस्थान है जिसे स्वर्ग कहते हैं। यह आत्मिक लोक भौतिक सीमाओं से नहीं बँधा है। उसके साथ लाखों-करोड़ों शक्तिशाली आत्मिक प्राणी भी रहते हैं। उसके निवासस्थान में चारों तरफ शांति, शुद्धता और उसकी शक्ति छायी रहती है। बाइबल हमें भरोसा दिलाती है कि स्वर्ग की तरह धरती पर भी यहोवा अपने नियत समय पर चैनो-अमन कायम करेगा, जहाँ सारे इंसान उस माहौल का लुत्फ उठाएँगे।—मत्ती 6:10. (g11-E 04)
क्या आपने कभी सोचा है?
● क्या परमेश्वर हर जगह मौजूद है?—1 राजा 8:30, 39.
● परमेश्वर की पवित्र शक्ति कितनी दूर तक काम कर सकती है?—भजन 139:7-10.
[पेज 27 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
सूरज एक जगह पर स्थिर है लेकिन उसकी उर्जा धरती के कोने-कोने तक पहुँचती है। ठीक इसी तरह, यहोवा परमेश्वर का भी एक निवासस्थान है और वहीं से वह पूरे विश्व में कहीं भी अपनी मरज़ी पूरी कर सकता है