यहोवा में शरण लीजिए
“हे यहोवा मैं ने तुझ में शरण ली है।”—भजन ३१:१, NW.
१. भजन ३१ किस प्रकार शरण प्रदान करने की यहोवा की क्षमता में विश्वास व्यक्त करता है?
एक व्यक्ति सुरीली आवाज़ में गाता है जो, हालाँकि मन और शरीर में थका हुआ है, अपने आपको यहोवा पर डाल देता है। उस पवित्र गीत के बोल कहते हैं, विश्वास की जीत होती है। सर्वशक्तिमान की इन्तज़ार कर रही बाँहों में, यह व्यक्ति पीछा करनेवाले अत्याचारियों से शरण पाता है। “हे यहोवा मैं ने तुझ में शरण ली है,” भजन कहता है। “मुझे कभी लज्जित होना न पड़े। अपनी धार्मिकता के कारण मुझे छुड़ा ले।”—भजन ३१:१, NW.
२. (क) किन दो खम्भों पर आधारित हम अपने गढ़ के रूप में यहोवा पर भरोसा रख सकते हैं? (ख) यहोवा किस क़िस्म का परमेश्वर है?
२ भजनहार की एक शरण है—सर्वोत्तम शरण! चाहे दूसरी चीज़ों पर संदेह हो, लेकिन यह सत्य अटल है: यहोवा उसका गढ़, उसका दृढ़ गढ़ है। उसका विश्वास दो निश्चित खम्भों पर टिका हुआ है। पहला, उसका विश्वास, जिसको यहोवा कभी लज्जित नहीं होने देगा, और दूसरा, यहोवा की धार्मिकता, जिसका अर्थ है कि वह कभी अपने सेवक को हमेशा के लिए नहीं त्यागेगा। यहोवा वह परमेश्वर नहीं है जो अपने वफ़ादार सेवकों को लज्जित करता है; वह कोई प्रतिज्ञा तोड़नेवाला नहीं है। उसके बजाय, वह सत्यवादी ईश्वर है और जो निष्कपटता से उस पर भरोसा रखते हैं उनको प्रतिफल देता है। अन्त में, विश्वास को प्रतिफल दिया जाएगा! छुटकारा मिलेगा!—भजन ३१:५, ६.
३. भजनहार किस प्रकार यहोवा की स्तुति करता है?
३ तरंगी लय के साथ अपने संगीत की रचना करते हुए जो शोक और हाय की गहराइयों से विश्वास के शिखर तक उठता है, भजनहार आन्तरिक शक्ति पाता है। वह यहोवा के निष्ठावान् प्रेम के लिए उसकी स्तुति करता है। “यहोवा धन्य हो,” वह गाता है, “क्योंकि उसने विपत्ति में पड़े नगर में मुझ पर अद्भुत प्रेममय-कृपा की है।”—भजन ३१:२१, NW.
राज्य उद्घोषकों का विशाल कोरस
४, ५. (क) आज कौन-सा विशाल कोरस यहोवा की स्तुति कर रहा है, और इस पिछले सेवा वर्ष के दौरान उन्होंने यह कैसे किया है? (ख) स्मारक उपस्थिति किस तरीक़े से दिखाती है कि राज्य उद्घोषकों के कोरस में शामिल होने के लिए और लोग इच्छुक हैं? (ग) आपकी कलीसिया में कौनसा समूह शायद कोरस में शामिल होने की स्थिति में हो?
४ आज, उस भजन के शब्दों ने नया अर्थ लिया है। यहोवा की स्तुति के गीत किसी दुष्ट विरोधी द्वारा, किसी प्राकृतिक विपत्ति द्वारा, या किसी आर्थिक संकट द्वारा रोके नहीं जा सकते; सचमुच, यहोवा की प्रेममय-कृपा उसके लोगों के लिए अद्भुत बन गई है। पिछले सेवा वर्ष पूरे संसार में, एक विशाल कोरस, २३१ देशों में ४७,०९,८८९ के शिखर, ने परमेश्वर के राज्य का संदेश गाया। मसीह यीशु के द्वारा यहोवा की स्वर्गीय सरकार वह शरण है जो उन्हें निराश नहीं करेगी। पिछले साल, ७३,०७० कलीसियाओं से इन राज्य उद्घोषकों ने सुसमाचार सुनाने के कार्य में कुल १,०५,७३,४१,९७२ घंटे बिताए। इसके फलस्वरूप २,९६,००४ लोगों ने परमेश्वर के प्रति अपना समर्पण पानी से बपतिस्मा लेने के द्वारा चिह्नित किया। और इस पिछले अगस्त कीव, यूक्रेन में हुए ईश्वरीय शिक्षा अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन में उपस्थित लोगों ने क्या ही आश्चर्यजनक घटना का आनन्द लिया। उन्होंने इतिहास बनते देखा, सच्चे मसीहियों के अब तक रिकार्ड किए गए सबसे बड़े सामूहिक बपतिस्मा के गवाह बने! जैसा यशायाह ५४:२, ३ में भविष्यवाणी की गई है, परमेश्वर के लोग अपूर्व संख्या में बढ़ रहे हैं।
५ लेकिन, परमेश्वर के राज्य की अतिरिक्त इच्छुक प्रजा कोरस में शामिल होने के लिए अपनी बारी का इन्तज़ार कर रही है। पिछले साल, यीशु की मृत्यु के स्मारक में कुल १,१८,६५,७६५ लोगों की एक विस्मयकारक संख्या उपस्थित हुई। आशा करते हैं कि इनमें से अनेक इस सेवा वर्ष के दौरान दर-दर जाकर राज्य गीत गाने के योग्य बनेंगे। यह प्रत्याशा सत्य के शत्रु, शैतान अर्थात् इब्लीस को कैसे क्रोध से भर देगा!—प्रकाशितवाक्य १२:१२, १७.
६, ७. व्याख्या कीजिए कि कैसे दिलचस्पी रखनेवाले एक आदमी ने यहोवा की मदद से पिशाच उत्पीड़न पर विजय पायी।
६ शैतान दूसरों को रोकने की कोशिश करेगा ताकि वे उस विशाल कोरस में अपनी आवाज़ न मिला पाएँ। उदाहरण के लिए, थाइलैंड में प्रकाशक पाते हैं कि बढ़ती हुई संख्या में लोग पैशाचिक उत्पीड़न से ग्रस्त हैं। लेकिन, अनेक निष्कपट लोग यहोवा की मदद से मुक्त किए गए हैं। जिज्ञासा के कारण एक ओझा से मिलने के बाद, एक आदमी दस सालों से पिशाचों की शक्ति के अधीन था। उसने एक पादरी की मदद से उनकी शक्ति से मुक्त होने की कोशिश की थी, लेकिन उसे कोई ख़ास फ़ायदे का अनुभव नहीं हुआ था। यहोवा के गवाहों के एक पूर्ण-समय के सेवक ने इस आदमी के साथ बाइबल अध्ययन शुरू किया और उसे पिशाच शक्ति से मुक्त होने का एकमात्र तरीक़ा बाइबल से सिखाया—सत्य का यथार्थ ज्ञान लीजिए, यहोवा परमेश्वर पर विश्वास रखिए, और प्रार्थना में उससे निवेदन कीजिए।—१ कुरिन्थियों २:५; इफिसियों ४:६, ७; १ तीमुथियुस २:३, ४.
७ इस चर्चा के बाद रात को, उस आदमी ने सपना देखा जिसमें उसके मृत पिता ने उसे धमकाया यदि वह फिर से एक प्रेतात्मवादी माध्यम नहीं बनेगा। उसके परिवार पर कष्ट आने लगे। विचलित होने के लिए अनिच्छुक, उस आदमी ने अपना बाइबल अध्ययन जारी रखा और सभाओं में उपस्थित होना शुरू कर दिया। उन में से एक अध्ययन के दौरान, पायनियर ने समझाया कि कभी-कभी प्रेतात्मवादी संस्कारों में प्रयोग की गई वस्तुएँ ऐसे लोगों को सताने के लिए पिशाचों के लिए रास्ता खोल सकती हैं जो उनकी शक्ति से मुक्त होने की कोशिश कर रहे हैं। उस आदमी को याद आया कि उसके पास कुछ तेल था जो उसने तंत्र-मंत्र के तौर पर इस्तेमाल किया था। उसे अब समझ आया कि उसे उस तेल को फेंकना चाहिए। उस तेल को फेंकने के बाद, दुष्ट आत्माओं ने दुबारा उसे परेशान नहीं किया। (इफिसियों ६:१३; याकूब ४:७, ८ से तुलना कीजिए.) वह और उसकी पत्नी अपने अध्ययन में अच्छी प्रगति कर रहे हैं और बाइबल निर्देशन के लिए नियमित रूप से सभाओं में उपस्थित होते हैं।
८, ९. कुछ राज्य उद्घोषकों ने किन अन्य बाधाओं को पार किया है?
८ दूसरी बाधाएँ सुसमाचार की आवाज़ को दबा सकती हैं। घाना में बहुत कष्टकर आर्थिक स्थिति के कारण, लोगों को काम से निकाल दिया गया है। निर्वाह-व्यय बहुत ज़्यादा हो गया है, जिससे कि जीवन की मात्र अनिवार्य वस्तुएँ प्राप्त करना एक बड़ी समस्या बन गई है। यहोवा के लोग कैसे सामना कर रहे हैं? अपने पर नहीं, बल्कि यहोवा पर भरोसा रखने के द्वारा। उदाहरण के लिए, एक दिन एक आदमी एक बंद लिफ़ाफ़ा शाखा दफ़्तर के स्वागत-कक्ष में रख गया। लिफ़ाफ़े में $२००, या तीन महीने का न्यूनतम वेतन था। वह लिफ़ाफ़ा एक अज्ञात दान देनेवाले से आया था, लेकिन लिफ़ाफ़े पर यह लिखा था: “मेरी नौकरी चली गई, लेकिन यहोवा ने मुझे दूसरी दे दी है। मैं उसका और उसके पुत्र, मसीह यीशु का आभारी हूँ। अन्त आने से पहले राज्य के सुसमाचार को फैलाने में सहायता देने के लिए, मैं तुच्छ अंशदान संलग्न भेज रहा हूँ।”—२ कुरिन्थियों ९:११ से तुलना कीजिए.
९ सभाओं में उपस्थिति उन लोगों को प्रशिक्षण देने में मदद करती है जो यहोवा की स्तुति के विशाल कोरस में शामिल होते हैं। (भजन २२:२२ से तुलना कीजिए.) अतः, हण्डुरास के दक्षिणी भाग में, एल होरडान नामक एक कलीसिया है। इस छोटे समूह के बारे में क्या ख़ास बात है? उनकी नियमित सभा उपस्थिति। उन्नीस प्रकाशकों में से १२ को सभा में उपस्थित होने के लिए हर सप्ताह एक चौड़ी नदी पार करनी पड़ती है। सूखे मौसम में यह एक बड़ी समस्या नहीं है, क्योंकि वे चट्टानों को पैर रखने के पत्थर के तौर पर इस्तेमाल करके नदी पार कर सकते हैं। लेकिन, बरसात के मौसम में, परिस्थितियाँ बदल जाती हैं। जो एक समय अप्रभावक पानी का विस्तार था प्रचण्ड धारा बन जाता है और अपने रास्ते में आयी हर चीज़ को बहा ले जाता है। इस बाधा को पार करने के लिए भाइयों और बहनों को अच्छा तैराक होना पड़ता है। पार करने से पहले, वे अपने सभा के कपड़े टीना (धातु का टब) में रख देते हैं और फिर उसे एक प्लास्टिक के थैले से ढक देते हैं। सबसे ताक़तवर तैराक टीना को बोया के तौर पर इस्तेमाल करता है और पार करने में समूह की अगुआई करता है। दूसरी ओर सुरक्षित, वे अपने आपको पोंछते हैं, तैयार हो जाते हैं, और राज्यगृह में प्रसन्न और चमकते हुए साफ़ पहुँचते हैं!—भजन ४०:९.
एक दृढ़ गढ़ जहाँ हम रह सकते हैं
१०. तनाव के समय में हम क्यों यहोवा की ओर मुड़ सकते हैं?
१० चाहे आप खुले पैशाचिक आक्रमण के अधीन हैं या दूसरे स्रोतों से तनाव महसूस कर रहे हैं, यहोवा आपका गढ़ हो सकता है। प्रार्थना में उसे पुकारिए। वह अपने लोगों की धीमी से धीमी कराह को भी ध्यान से सुनता है। भजनहार ने इसे सत्य पाया और लिखा: “अपना कान मेरी ओर लगाकर तुरन्त मुझे छुड़ा ले! क्योंकि तू मेरे लिये चट्टान और मेरा गढ़ है; इसलिये अपने नाम के निमित्त मेरी अगुआई कर, और मुझे आगे ले चल। जो जाल उन्हों ने मेरे लिये बिछाया है उस से तू मुझ को छुड़ा ले, क्योंकि तू ही मेरा दृढ़ गढ़ है।”—भजन ३१:२-४.
११. व्याख्या कीजिए कि क्यों यहोवा का दृढ़ गढ़ एक अस्थायी स्थान नहीं है।
११ यहोवा सिर्फ़ तात्कालिक शरण ही नहीं बल्कि अनाक्रमणीय दृढ़ गढ़ प्रदान करता है जहाँ हम सुरक्षा में रह सकते हैं। उसकी अगुआई और मार्गदर्शन ने उसके लोगों को कभी निराश नहीं किया है। परमेश्वरीय शक्ति शैतान और उसके समूह के धूर्त कार्यों को व्यर्थ बना देगी। (इफिसियों ६:१०, ११) जब हम यहोवा में पूरे हृदय से भरोसा रखेंगे, वह हमें शैतान के फंदे से बाहर निकाल लेगा। (२ पतरस २:९) पिछले चार सालों के दौरान, यहोवा के गवाहों का कार्य कुछ ३५ देशों में खुल गया है। साथ ही, संसार के उन क्षेत्रों में जहाँ सामाजिक, आर्थिक, या राजनैतिक परिस्थितियाँ सुसमाचार के प्रचार में बाधा बनती हैं, कुछ भेड़-समान लोग ऐसे स्थानों पर चले गए हैं जहाँ पर उन तक ज़्यादा आसानी से पहुँचा जा सकता है। जापान एक ऐसा स्थान है।
१२. किस प्रकार जापान में एक पायनियर ने यहोवा को अपना गढ़ बनाया?
१२ जापान में नौकरी के लिए अनेक लोग दूसरे देशों से आए हैं, और अनेक विदेशी-भाषा कलीसियाएँ स्थापित की गई हैं। जापानी कलीसिया में एक भाई का अनुभव सचित्रित करता है कि यह विदेशी-भाषा क्षेत्र कितना उत्पादक है। वह वहाँ जाकर सेवा करना चाहता था जहाँ ज़्यादा ज़रूरत है। लेकिन, जहाँ वह था वहीं पर वह दस बाइबल अध्ययन संचालित कर रहा था। उसके एक मित्र ने मज़ाक में कहा: “यदि आप वहाँ जाते हैं जहाँ ज़्यादा ज़रूरत है, आपको वहाँ २० बाइबल अध्ययन संचालित करने पड़ेंगे!” उसे कार्य-नियुक्ति मिली और वह हिरोशिमा चला गया। लेकिन, चार महीने बाद उसके पास केवल एक बाइबल अध्ययन था। एक दिन वह एक आदमी से मिला जो ब्राज़ील से था और केवल पुर्तगाली बोलता था। क्योंकि भाई उस आदमी के साथ बात नहीं कर सका, उसने पुर्तगाली पर एक पाठ्य-पुस्तक ख़रीदी। वार्तालाप की कुछ सरल अभिव्यक्तियाँ सीखने के बाद, उसने उस आदमी से फिर भेंट की। जब भाई ने उस को पुर्तगाली भाषा में अभिवादन किया, तो वह आदमी चकित हो गया और, एक बड़ी मुस्कान के साथ, दरवाज़ा खोला और उसे अन्दर आमंत्रित किया। एक बाइबल अध्ययन शुरू किया गया। जल्द ही भाई कुल २२ अध्ययन संचालित कर रहा था, पुर्तगाली में १४, स्पेनिश में ६, और जापानी में २!
विश्वास के साथ प्रचार करना
१३. क्यों किसी व्यक्ति को हमें यहोवा की सेवा करने के लिए लज्जित करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए?
१३ यहोवा के लोग विश्वास के साथ राज्य गीत गाते हैं और उन्हें पूरा विश्वास है कि यहोवा उनकी शरण है। (भजन ३१:१४) वे लज्जित नहीं होंगे—यहोवा उनको नीचा नहीं दिखाएगा, क्योंकि वह अपना वचन पूरा करेगा। (भजन ३१:१७) इब्लीस और उसका पैशाचिक दस्ता लज्जित होंगे। क्योंकि यहोवा के लोगों को एक ऐसे संदेश का प्रचार करने के लिए आज्ञा दी गई है जो लज्जा से मुक्त है, वे दूसरे लोगों द्वारा लज्जित होकर प्रचार नहीं करते। यहोवा, या उसका पुत्र इस तरीक़े से अपने लोगों को उसकी उपासना करने के लिए उत्तेजित नहीं करते। जब लोगों के हृदय यहोवा की भलाई और प्रेममय-कृपा के लिए विश्वास और मूल्यांकन से भरे होते हैं, तो उनके हृदयों की अच्छी स्थिति उन्हें बोलने के लिए प्रेरित करती है। (लूका ६:४५) अतः, हर महीने जो कुछ समय भी हम सेवा में बिताते हैं, ख़ासकर यदि वह समय हमारे द्वारा दिए जा सकने वाले अधिकतम समय को चित्रित करता है, वह अच्छा है, लज्जा की बात नहीं है। क्या यीशु और उसके पिता ने उस विधवा की दमड़ी की पूरी तरह क़दर नहीं की?—लूका २१:१-४.
१४. आप पायनियर कार्य के सम्बन्ध में क्या टिप्पणियाँ कर सकते हैं?
१४ अधिकाधिक प्रकाशकों के लिए, पूरे मन से उपासना करने में पायनियर के तौर पर सेवा करना सम्मिलित है—पिछले साल का शिखर ८,९०,२३१! अगर पिछले सालों की प्रगति क़ायम रही, यह संख्या संभवतः १०,००,००० से अधिक होगी। निम्नलिखित अनुभव दिखाता है कि नाइजीरिया में एक बहन किस प्रकार पायनियर वर्ग में सम्मिलित हुई। वह लिखती है: “जब मैं माध्यमिक स्कूल समाप्त करनेवाली थी, तब मैं उनके लिए भोजन बनाने में मदद करने को गई जो यहोवा के गवाहों के पायनियर स्कूल में भाग ले रहे थे। वहाँ मुझे दो बहनें मिलीं जो उम्र में मेरी दादी से भी बड़ी थीं। जब मैं ने पता लगाया कि वे पायनियर थीं जो स्कूल में भाग ले रही थीं, तो मैं ने सोचा, ‘यदि वे दो पायनियर कार्य कर सकती हैं, तो मैं क्यों नहीं कर सकती?’ इसलिए स्कूल समाप्त करने के बाद, मैं भी नियमित पायनियर बन गई।”
१५. किस तरीक़े से अनौपचारिक गवाही दूसरों के लिए यहोवा में शरण लेना संभव बना सकती है?
१५ सभी पायनियर नहीं बन सकते, लेकिन वे गवाही दे सकते हैं। बेल्जियम में एक ८२-वर्षीय बहन माँस ख़रीदने गई। उसने ग़ौर किया कि कसाई की पत्नी हाल ही के राजनैतिक उथल-पुथल के कारण बड़ी परेशान थी। इसलिए जब बहन माँस के लिए पैसा दे रही थी तो नोटों के साथ यहोवा के गवाह क्या विश्वास करते हैं? ट्रैक्ट भी दे दिया। जब बहन दुकान पर लौटी, तो कसाई की पत्नी ने क्षण भर भी हिचकिचाए बिना पूछा कि बाइबल संभव तीसरे विश्व युद्ध के बारे में क्या कहती है। बहन उसके लिए सच्ची शान्ति और सुरक्षा—आप उसे कैसे पा सकते हैं? (अंग्रेज़ी में) पुस्तक ले आयी। कुछ दिन बाद, ज्यों ही वृद्ध बहन ने दुकान में क़दम रखा, कसाई की पत्नी के पास उसके लिए और भी प्रश्न थे। बहन ने उस स्त्री के लिए सहानुभूति महसूस की; उस को एक बाइबल अध्ययन प्रस्तुत किया, और उस स्त्री ने अध्ययन स्वीकार कर लिया। अब, उस कसाई की पत्नी बपतिस्मा लेना चाहती है। कसाई के बारे में क्या? उसने वह ट्रैक्ट पढ़ा और अब बाइबल का अध्ययन कर रहा है।
भलाई का एक ख़ज़ाना
१६. किस प्रकार यहोवा ने अपने लोगों के लिए भलाई का एक ख़ज़ाना अलग रखा है?
१६ इन तनावपूर्ण अन्तिम दिनों के दौरान, क्या यहोवा ने उसमें शरण लेने वालों पर “अद्भुत प्रेममय-कृपा” नहीं की है? एक प्रेममय, संरक्षक पिता के समान, यहोवा ने अपनी पार्थिव सन्तानों के लिए भलाई का ख़ज़ाना अलग रखा है। सभी देखनेवालों के सामने वह उन पर ख़ुशी बरसाता रहा है, ठीक जैसा भजनहार कहता है: “आहा, तेरी भलाई क्या ही बड़ी है जो तू ने अपने डरवैयों के लिये रख छोड़ी है, और अपने शरणागतो के लिये मनुष्यों के साम्हने प्रगट भी की है!”—भजन ३१:१९, २१, NW.
१७-१९. घाना में, एक बूढ़े आदमी के अपने विवाह को क़ानूनी बनाने से क्या भला परिणित हुआ?
१७ इसलिए, सांसारिक लोग यहोवा के उपासकों की ईमानदारी के चश्मदीद गवाह बनते हैं, और वे आश्चर्य करते हैं। उदाहरण के लिए, घाना में एक ९६-वर्षीय आदमी विवाह रजिस्ट्रार के दफ़्तर गया और निवेदन किया कि उसका ७० सालों का लोक-विधि विवाह अब रजिस्टर किया जाए। विवाह अफ़सर चकित हो गया और पूछने लगा: “क्या आप निश्चित हैं कि आप वही करना चाहते हैं? इस उम्र में?”
१८ उस आदमी ने समझाया: “मैं एक यहोवा का गवाह बनना चाहता हूँ और संसार के अन्त से पहले सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य में हिस्सा लेना चाहता हूँ—परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार प्रचार का कार्य। यह कार्य अनन्त जीवन की ओर ले जाता है। यहोवा के गवाह दीवानी क़ानून का पालन करते हैं, जिसमें विवाह को रजिस्टर कराना भी सम्मिलित है। इसलिए कृपया मेरा विवाह रजिस्टर कर दीजिए।” अफ़सर स्तब्ध रह गया। उसने पंजीकरण कर दिया और वह वृद्ध आदमी ख़ुशी-ख़ुशी चला गया कि अब उसका विवाह क़ानूनी था।—रोमियों १२:२ से तुलना कीजिए.
१९ उसके बाद, विवाह रजिस्ट्रार ने उन बातों पर मनन किया जो उसने सुनी थीं। “यहोवा के गवाह . . . सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य . . . संसार का अन्त . . . परमेश्वर का राज्य . . . अनन्त जीवन।” इस उलझन में पड़कर कि इस सब का एक ९६-वर्षीय आदमी के जीवन में क्या अर्थ है, उसने गवाहों को ढूँढने का निर्णय किया ताकि इस मामले की और जानकारी ले सके। उसने एक गृह बाइबल अध्ययन स्वीकार किया और तेज़ प्रगति की। आज, यह विवाह रजिस्ट्रार एक बपतिस्मा-प्राप्त गवाह है। अतः, जब हम यहोवा की आज्ञा ऐसी बातों में भी मानते हैं जिन्हें दूसरे लोग छोटी-बातें समझते हैं, उसका परिणाम हमारे लिए और जो हमारे आचरण के चश्मदीद गवाह हैं उनके लिए, अवर्णित भला हो सकता है।—१ पतरस २:१२ से तुलना कीजिए.
२०. म्यानमार में, किस प्रकार एक युवा बहन की ईमानदारी के कारण अच्छी गवाही दी गई?
२० जिन वृद्ध लोगों ने अपने आपको सच्चाई के द्वारा ईमानदार लोगों में ढलने दिया है वे इस बेईमान संसार में युवा लोगों के लिए एक अच्छा उदाहरण रखते हैं। म्यानमार में एक ऐसी युवा बहन रहती है। वह एक ग़रीब और दीन परिवार से आती है जहाँ दस बच्चे हैं। पिता, जो पेंशन पाता है, एक नियमित पायनियर है। एक दिन स्कूल में इस बहन को एक हीरे की अंगूठी मिली, जो उसने तुरंत ले जाकर अपनी अध्यापिका को दे दी। जब दूसरे दिन कक्षा शुरू हुई तो अध्यापिका ने बताया कि अंगूठी कैसे मिली और जिसकी थी उसे देने के लिए लौटायी गयी। तब उसने उस युवा बहन से कहा कि पूरी कक्षा के सामने खड़ी होकर बताए कि उसने ऐसा क्यों किया था, यह जानते हुए कि कोई दूसरा बच्चा होता तो शायद अपने पास रख लेता। बहन ने बताया कि वह यहोवा की एक गवाह थी और कि उसका परमेश्वर चोरी या किसी क़िस्म की बेईमानी पसन्द नहीं करता है। पूरे स्कूल ने उसके बारे में सुना, और इससे हमारी बहन को अध्यापिकाओं और विद्यार्थियों दोनों को गवाही देने का एक अच्छा अवसर मिला।
२१. जब युवा लोग यहोवा पर भरोसा रखते हैं, किस प्रकार उनका आचरण उस पर प्रतिबिम्बन करता है?
२१ बेल्जियम में एक अध्यापक ने कक्षा में यहोवा के गवाहों के बारे में एक दिलचस्प टिप्पणी की। उसने अपनी एक छात्रा के आचरण पर ग़ौर किया था, यह भी एक युवा बहन थी, और कहा: “यहोवा के गवाहों के बारे में अब मेरी राय फ़रक है। पक्षपात के कारण मैं सोचता था कि वे बिलकुल सहनशील लोग नहीं होंगे। वे सबसे सहनशील लोग साबित हुए हैं, हालाँकि वे अपने सिद्धान्तों का समझौता नहीं करते।” हर साल अध्यापक अपने सर्वोत्तम छात्रों को एक पुरस्कार देते हैं। एक पुरस्कार नीतिशास्त्र में कोर्स के लिए भी है। लगातार तीन सालों तक, इस अध्यापक ने तीन श्रेष्ठ ग्रेडों के लिए पुरस्कार यहोवा के गवाहों के बच्चों को दिया। अतः, जिनका निष्ठावान् भरोसा यहोवा पर है उनके साथ अकसर ऐसा ही होता है।—भजन ३१:२३.
२२. भजन ३१ की विजयमान समाप्ति क्या है, और किस प्रकार वह इस रीति-व्यवस्था के अन्तिम दिनों में हमारी मदद करता है?
२२ भजन ३१ एक विजयमान समाप्ति की सूचना देता है: “हे यहोवा पर आशा रखनेवालो हियाव बान्धो और तुम्हारे हृदय दृढ़ रहें!” (भजन ३१:२४) इसलिए, जैसे-जैसे हम शैतान की दुष्ट व्यवस्था का सामना करते हैं, यहोवा हमें छोड़ेगा नहीं, बल्कि हमारे बहुत क़रीब आ जाएगा और अपनी शक्ति हमारे में डालेगा। यहोवा वफ़ादार है और चूकता नहीं। वह हमारी शरण है; वह हमारा कोट [दुर्ग, NW] है।—नीतिवचन १८:१०.
क्या आपको याद है?
▫ हम क्यों विश्वस्त होकर यहोवा को अपनी शरण बना सकते हैं?
▫ क्या प्रमाण है कि एक विशाल कोरस साहस के साथ राज्य स्तुति गा रहा है?
▫ हम क्यों विश्वस्त हो सकते हैं कि शैतान का जाल यहोवा के लोगों को फँसा नहीं सकता?
▫ यहोवा ने उसमें शरण लेनेवालों के लिए क्या ख़ज़ाना अलग रखा है?
[पेज 12-15 पर चार्ट]
यहोवा के विश्वव्यापी गवाहों की १९९३ सेवा वर्ष रिपोर्ट
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
[पेज 12, 13 पर तसवीरें]
यहोवा में शरण लेनेवाले राज्य उद्घोषकों का एक विशाल कोरस बनते हैं—४७,०९,८८९ जन!
१. सेनेगल
२. ब्राज़ील
३. चिली
४. बोलिविया