पाएँ बाइबल का खज़ाना | भजन 52-59
“अपना बोझ यहोवा पर डाल दे”
दाविद ने अपनी ज़िंदगी में कई झकझोर के रख देनेवाले हालात का सामना किया। जब तक उसने भजन 55 लिखा, तब तक वह इन तकलीफों से गुज़र चुका था:
अपमान
ज़ुल्म
दोष की भावना
उसके बच्चे की मौत
बीमारी
विश्वासघात
जब परेशानियाँ सहने के बाहर हो गयीं, तब भी दाविद ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि उनका सामना करने का रास्ता ढूँढ़ निकाला। जो उसके जैसे दुखों से गुज़र रहे हैं, उनके लिए भी दाविद की यही सलाह है कि वे ‘अपना बोझ यहोवा पर डाल दें।’
आज हम यह आयत कैसे लागू कर सकते हैं?
जब कोई समस्या हो या चिंता सताए, तो यहोवा से पूरे दिल से प्रार्थना करके
बाइबल और यहोवा के संगठन से सहारा और मार्गदर्शन पाकर
अपने हालात सुधारने के लिए बाइबल के सिद्धांतों के मुताबिक हमसे जो भी बन पड़ता है, वह करके