अध्याय 25
यीशु एक कोढ़ी पर करुणा करता है
मत्ती 8:1-4 मरकुस 1:40-45 लूका 5:12-16
यीशु एक कोढ़ी को चंगा करता है
यीशु और उसके चेले “पूरे गलील के सभा-घरों में” प्रचार करते हुए जाते हैं। (मरकुस 1:39) यीशु के बड़े-बड़े कामों की चर्चा दूर-दूर तक फैल जाती है। एक शहर में यीशु को एक ऐसा आदमी मिलता है जिसे कोढ़ की बीमारी है। वैद्य लूका बताता है कि उस आदमी का “पूरा शरीर कोढ़ से भरा था!” (लूका 5:12) यह बीमारी बहुत खतरनाक होती है। जब यह बहुत बढ़ जाती है, तो कोढ़ी का शरीर गलने लगता है।
इस कोढ़ी की हालत बहुत खराब है। इतना ही नहीं, कानून के मुताबिक उसे लोगों से अलग रहना पड़ता है। और अगर वह कहीं देखे कि लोग आस-पास हैं, तो उसे चिल्लाना होता है, “मैं अशुद्ध हूँ, अशुद्ध!” (लैव्यव्यवस्था 13:45, 46) वह इसलिए कि लोग उसके नज़दीक न आएँ और उन्हें भी यह बीमारी न लग जाए। मगर यीशु के बारे में सुनकर यह कोढ़ी क्या करता है? वह यीशु के पास जाता है और मुँह के बल गिरकर कहता है, “प्रभु, बस अगर तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है।” (मत्ती 8:2) सच में, इस कोढ़ी को यीशु पर कितना विश्वास है!
मगर बेचारा कोढ़ी। कितनी दर्दनाक हालत हो गयी है उसकी। अब यीशु क्या करेगा? अगर आप यीशु की जगह होते, तो क्या करते? यीशु का दिल करुणा से भर जाता है। वह अपना हाथ बढ़ाकर उसे छूता है और कहता है, “हाँ, मैं चाहता हूँ। शुद्ध हो जा।” (मत्ती 8:3) उसी पल उस आदमी का कोढ़ गायब हो जाता है और वह बिलकुल ठीक हो जाता है। यह ऐसा चमत्कार है कि इसे देखने के बाद भी शायद लोगों को अपनी आँखों पर विश्वास नहीं होता।
क्या आप नहीं चाहेंगे कि आपका यीशु जैसा काबिल और दयालु राजा हो? बेशक चाहेंगे। इस कोढ़ी के लिए यीशु के दिल में कितनी दया थी! उसने उसे प्यार से छूकर ठीक किया। इससे हमें यकीन होता है कि जब यीशु पूरी धरती पर राज करेगा, तो वह सब लोगों पर दया करेगा। जैसे भविष्यवाणी की गयी है, “वह दीन-दुखियों और गरीबों पर तरस खाएगा, गरीबों की जान बचाएगा।” (भजन 72:13) तब यीशु सब दुखी लोगों की मदद करेगा, क्योंकि वह दिल से यही चाहता है।
आपको याद होगा कि इस कोढ़ी के ठीक होने से पहले ही लोगों में यीशु के प्रचार काम को लेकर काफी चर्चे हो रहे थे। अब जब लोग इस अनोखे चमत्कार के बारे में सुनेंगे, तो उनकी उत्सुकता और बढ़ जाएगी। मगर यीशु नहीं चाहता कि लोग सिर्फ सुनी-सुनायी बातों की वजह से उस पर विश्वास करें। वह जानता है कि उसके बारे में भविष्यवाणी की गयी है कि वह ‘सड़कों पर अपनी आवाज़ ऊँची नहीं करेगा’ यानी वह लोगों में मशहूर होने की कोशिश नहीं करेगा। (यशायाह 42:1, 2) इसलिए यीशु कोढ़ी को ठीक करने के बाद उससे साफ-साफ कहता है, “देख, किसी को मत बताना। मगर जाकर खुद को याजक को दिखा और मूसा ने जो भेंट चढ़ाने के लिए कहा है, वह चढ़ा ताकि उन्हें गवाही मिले।”—मत्ती 8:4.
क्या आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि वह आदमी कैसे खुशी से फूला नहीं समा रहा होगा? हालाँकि यीशु ने उससे कहा है कि वह किसी को कुछ न बताए, लेकिन वह खुद को रोक नहीं पाता और जाकर सबको बता देता है। इससे लोगों की उत्सुकता और बढ़ जाती है और जिसे देखो वह यीशु से मिलना चाहता है। एक वक्त ऐसा आता है कि यीशु खुलेआम किसी शहर में नहीं जा पाता, क्योंकि लोग हमेशा उसके पास आते रहते हैं। वह एकांत इलाकों में रहने लगता है। मगर लोग उसे वहाँ भी ढूँढ़ लेते हैं और हर कहीं से आने लगते हैं। वे चाहते हैं कि यीशु उन्हें सिखाए और उनकी बीमारियाँ दूर करे।