मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका के लिए हवाले
5-11 जून
पाएँ बाइबल का खज़ाना | यिर्मयाह 51-52
“यहोवा की कही हर बात पूरी होती है”
इंसाइट-2 पेज 360 पै 2-3
मादी, मादै
फारसियों के साथ मिलकर बैबिलोन को हराया। ईसा पूर्व आठवीं सदी में यशायाह ने भविष्यवाणी की थी कि यहोवा बैबिलोन के खिलाफ “मादियों” को लाएगा “जिनकी नज़रों में चाँदी का कोई मोल नहीं, जिन्हें सोने से कोई लगाव नहीं। वे अपने धनुष से जवानों के टुकड़े-टुकड़े कर देंगे।” (यश 13:17-19; 21:2) यहाँ शब्द “मादियों” का मतलब मादी और फारसी लोग, दोनों हैं। प्राचीन यूनानी इतिहासकार भी ‘मादी’ शब्द का इस्तेमाल इन दोनों के लिए करते थे। उनकी नज़र में सोने और चाँदी का कोई मोल न होना दिखाता है कि उनका अहम मकसद बैबिलोन को हराना था, न कि उसे लूटना। इसलिए उन्होंने जब ठान लिया कि वे अपना यह मकसद हर हाल में पूरा करेंगे, तो कोई भी उन्हें घूस देकर उनका इरादा नहीं बदल सकता था। फारसियों की तरह मादियों का भी मुख्य हथियार धनुष था। ये धनुष लकड़ी से बने होते थे जिन पर कभी-कभी काँसा या ताँबा मढ़ा होता था। (भज 18:34 से तुलना कीजिए।) शायद इन्हीं से ‘बैबिलोन के जवानों के टुकड़े-टुकड़े कर’ दिए गए यानी उन पर ऐसे तीरों की बौछार की गयी जिन्हें अंदर तक भेदने के लिए पैना किया गया था।—यिर्म 51:11.
गौर करने लायक बात है कि यिर्मयाह ने (51:11, 28 में) बैबिलोन के हमलावरों के बारे में बताते वक्त “मादै के राजाओं” का ज़िक्र किया। शब्द “राजाओं” से यह इशारा मिल सकता है कि उस वक्त शायद कुस्रू के अधीन एक या कई मादी राजा रहे होंगे। प्राचीन समय में ऐसा होना एक आम बात थी। (यिर्म 25:25 से तुलना कीजिए।) इसलिए हम देखते हैं कि जब मादी, फारस, एलाम और दूसरे पड़ोसी गोत्रों की सेनाओं ने मिलकर बैबिलोन पर कब्ज़ा किया तो उसके बाद दारा नाम के मादी आदमी को “कसदियों के राज्य का राजा बनाया गया था।” शायद फारस के राजा कुस्रू ने ही उसे राजा ठहराया था।—दान 5:31; 9:1. दारा नं. 1 देखें।
इंसाइट-2 पेज 459 पै 4
नेबोनाइडस
दिलचस्पी की बात है कि [नेबोनाइडस] शिला बताती है कि जिस रात बैबिलोन गिरा था तो क्या हुआ था: “कुस्रू की सेना युद्ध किए बगैर बैबिलोन में घुस गयी थी।” शायद इसका मतलब है कि कोई लड़ाई नहीं हुई। यह बात यिर्मयाह की इस भविष्यवाणी से मेल खाती है: “बैबिलोन के योद्धाओं ने लड़ना छोड़ दिया है।”—यिर्म 51:30.
इंसाइट-1 पेज 237 पै 1
बैबिलोन
उस यादगार साल से, यानी ईसा पूर्व 539 से जब बैबिलोन शहर की हालत खराब होने लगी तो उसकी शानो-शौकत भी फीकी पड़ने लगी। उसने दो बार फारसी सम्राट, दारा प्रथम (हिस्तासपिस) से बगावत की और जब दूसरी बार उसने बगावत की तो उसे नष्ट कर दिया गया। शहर का एक हिस्सा दोबारा बसाया गया था, मगर जब उस हिस्से के लोगों ने क्षयर्ष प्रथम से बगावत की तो उनके शहर को लूट लिया गया। सिकंदर महान बैबिलोन को अपनी राजधानी बनाना चाहता था, लेकिन ईसा पूर्व 323 में अचानक उसकी मौत हो गयी। ईसा पूर्व 312 में निकेटोर ने बैबिलोन पर कब्ज़ा कर लिया और उस शहर का लगभग सारा माल उठाकर टिग्रिस नदी के किनारे ले गया ताकि इसका इस्तेमाल अपनी नयी राजधानी सिलूकिया को बनाने में कर सके। फिर भी बैबिलोन शहर और वहाँ रहनेवाले यहूदियों की एक बस्ती पहली सदी के मसीहियों के समय तक बन रही। इसलिए प्रेषित पतरस बैबिलोन का दौरा करने गया, ठीक जैसा उसने अपने खत में बताया। (1पत 5:13) वहाँ मिले शिलालेखों से पता चलता है कि ईसवी सन् 75 तक बैबिलोन में बाल देवता का मंदिर वजूद में था। ईसवी सन् चौथी सदी तक बैबिलोन शहर खंडहर बन चुका था और धीरे-धीरे उसका वजूद पूरी तरह मिट गया। वह “पत्थरों का ढेर” बन गया।—यिर्म 51:37.
ढूँढ़े अनमोल रत्न
इंसाइट-2 पेज 444 पै 9
पहाड़
हुकूमतों को दर्शाता है। बाइबल में पहाड़ राज, राज्य या सरकारों को दर्शा सकते हैं। (दान 2:35, 44, 45. यश 41:15; प्रक 17:9-11, 18 से तुलना कीजिए।) बैबिलोन की सेना ने कई देशों से युद्ध करके उन्हें उजाड़ दिया था, इसलिए उसे ‘उजाड़नेवाला पहाड़’ कहा गया है। (यिर्म 51:24, 25) एक भजन में बताया गया है कि यहोवा युद्ध लड़नेवालों के खिलाफ क्या करेगा। उसी भजन में यह भी बताया गया है कि यहोवा ‘तेज़ चमकता है, वह शिकार के पहाड़ों से कहीं ज़्यादा वैभवशाली है।’ (भज 76:4) ‘शिकार के पहाड़’ शायद उन हुकूमतों के दर्शाते हैं जो बहुत क्रूर थीं। (नहू 2:11-13 से तुलना कीजिए।) यहोवा के बारे में जब दाविद ने कहा कि “तूने मुझे पहाड़ जैसा मज़बूत किया,” तो शायद उसके कहने का मतलब था कि यहोवा ने दाविद की हुकूमत को बुलंद और मज़बूती से कायम किया है। (भज 30:7. 2शम 5:12 से तुलना कीजिए।) पहाड़ हुकूमतों को दर्शा सकते हैं, इससे हम यह समझ पाते हैं कि प्रकाशितवाक्य 8:8 में लिखी इस बात का क्या मतलब है: “आग से जलता हुआ एक बड़े पहाड़ जैसा कुछ।” यहाँ बताया आग से जलता पहाड़ शायद एक ऐसी हुकूमत को दर्शाता है जो आग की तरह सबकुछ नष्ट कर देती है।
इंसाइट-2 पेज 882 पै 3
समुंदर
बड़ी-बड़ी सेनाएँ। यिर्मयाह ने बताया कि बैबिलोन के हमलावरों का शोर “समुंदर के गरजन जैसा” है। (यिर्म 50:42) इसलिए जब उसने भविष्यवाणी की कि बैबिलोन पर “समुंदर” चढ़ आएगा तो ज़ाहिर है कि उसका मतलब था कि मादियों और फारसियों की बड़ी-बड़ी सेनाएँ उस पर हमला करेंगी।—यिर्म 51:42. दान 9:26 से तुलना कीजिए।
12-18 जून
पाएँ बाइबल का खज़ाना | विलापगीत 1-5
“यहोवा के वक्त का इंज़ार कीजिए”
प्र12 6/1 पेज 14 पै 3-4
‘तू नीचे झुककर मेरे पास आएगा’
दुख की घड़ी में भी यिर्मयाह ने आस नहीं छोड़ी। उसने यहोवा से बिनती की, “तू ज़रूर ध्यान देगा और नीचे झुककर मेरे पास आएगा।” (आयत 20) यिर्मयाह को कोई शक नहीं था। उसे यकीन था कि यहोवा उसे और सच्चा पश्चाताप करनेवाले अपने लोगों को कभी नहीं भूलेगा। लेकिन सवाल था कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर क्या करेगा?—प्रकाशितवाक्य 15:3.
यिर्मयाह को पूरा भरोसा था कि यहोवा “नीचे झुककर” उन लोगों के पास ज़रूर आएगा जिन्होंने सच्चा पश्चाताप किया है। इन शब्दों से हमारे मन में एक तसवीर उभर आती है। यहोवा, जो “सारी धरती के ऊपर परमप्रधान है,” मानो अपनी जगह से उतरकर नीचे आएगा और अपने उपासकों को उनकी बुरी हालत से बाहर निकालेगा और उन्हें फिर से अपनी मंज़ूरी देगा। (भजन 83:18) यह आशा, यिर्मयाह के लिए एक लंगर जैसी थी और इससे उसके दुखी दिल को तसल्ली मिली। इस वफादार भविष्यवक्ता ने ठान लिया था कि वह यहोवा के ठहराए वक्त का इंतज़ार करेगा जब वह आपने लोगों को छुड़ाएगा।—आयत 21.
19-25 जून
पाएँ बाइबल का खज़ाना | यहेजकेल 1-5
“यहेजकेल को परमेश्वर का संदेश सुनाने में बहुत खुशी हुई”
इंसाइट-1 पेज 1214
अंतड़ियाँ
खाने का पाचन अंतड़ियों में होता है। यहेजकेल को मिले दर्शन में यही उदाहरण दिया गया है और उसका मतलब है, परमेश्वर का संदेश अच्छी तरह समझना और दिल में उतारना। उस दर्शन में यहेजकेल से कहा गया कि वह एक खर्रा खा ले और उससे अपना पेट भर ले (“अपनी अन्तड़ियां इस से भर लें,” हिंदी—ओ.वी.)। उसे खर्रे में लिखी बातों पर मनन करना था और उन्हें अच्छी तरह याद करना था जिससे उसे ताकत मिलती। इस तरह उसका विश्वास मज़बूत हुआ और उसे लोगों को सुनाने के लिए एक संदेश सौंपा गया।—यहे 3:1-6. प्रक 10:8-10 से तुलना कीजिए।