ख़तरे को कम कैसे किया जा सकता है?
परिहृद् धमनी विकार (सी.ए.डी.) कई आनुवंशिक, पर्यावरणीय, और जीवन-शैली के तत्वों से जुड़ा हुआ है। सी.ए.डी. और दिल का दौरा इनमें से एक या अधिक तत्वों से जुड़े हुए दशकों नहीं तो, कम-से-कम सालों के ख़तरों के परिणामस्वरूप हो सकता है।
उम्र, लिंग, और वंशागतता
बढ़ती उम्र के साथ दिल के दौरे का ख़तरा भी बढ़ जाता है। क़रीब ५५ प्रतिशत दिल के दौरे ६५ साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को पड़ते हैं। दिल के दौरों से मरनेवालों में से कुछ ८० प्रतिशत लोग ६५ या उससे वृद्ध होते हैं।
पचास साल के नीचे के पुरुषों को उसी उम्र की स्त्रियों से ज़्यादा ख़तरा होता है। रजोनिवृत्ति के बाद, सुरक्षात्मक हार्मोन एस्ट्रोजॆन में तेज़ कमी के कारण एक स्त्री के लिए ख़तरा बढ़ जाता है। कुछ अनुमानों के अनुसार, एस्ट्रोजॆन प्रतिस्थापन चिकित्सा स्त्रियों में हृदय विकार के ख़तरे को शायद ४० प्रतिशत या उससे अधिक कम करे, हालाँकि शायद कुछ कैंसरों का ख़तरा बढ़ जाए।
वंशागतता एक मुख्य भूमिका अदा कर सकती है। जिनके माता-पिता को ५० साल की उम्र से पहले दिल का दौरा पड़ा था उनके लिए दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है। माता-पिता को ५० साल की उम्र के बाद भी अगर दौरा पड़ा था, तो भी ख़तरा बढ़ा हुआ रहता है। जब परिवार में हृदय रोग का इतिहास होता है, तो बच्चों में ऐसी ही समस्याएँ विकसित होने की अधिक संभावना है।
कोलेस्ट्रोल तत्व
कोलेस्ट्रॉल, एक तरह का वसाभ, जीवन के लिए अत्यावश्यक है। यकृत् इसे पैदा करता है, और रक्त इसे लाइपोप्रोटिन्स नामक अणुओं में कोशिकाओं तक ले जाता है। दो तरह के लाइपोप्रोटिन्स हैं निम्न-घनत्व लाइपोप्रोटिन्स (LDL कोलेस्ट्रॉल) और अति-घनत्व लाइपोप्रोटिन्स (HDL कोलेस्ट्रॉल)। कोलेस्ट्रॉल सी.ए.डी. के लिए एक ख़तरा बन जाता है जब रक्त में अत्यधिक LDL कोलेस्ट्रॉल सान्द्रित होता है।
समझा जाता है कि HDL ऊत्तकों में से कोलेस्ट्रॉल निकालने और यकृत् में उसे वापस ले जाने के द्वारा एक सुरक्षात्मक भूमिका अदा करता है, जहाँ पर इसे परिवर्तित करके शरीर में से निकाल दिया जाता है। अगर जाँच में LDL अधिक और HDL कम नज़र आए, तो दिल के दौरे का ख़तरा अधिक है। LDL मात्रा को घटाना ख़तरे की उल्लेखनीय कमी में परिणित हो सकता है। उपचार में आहार सम्बन्धी क़दम एक मूल तत्व है, और कसरत सहायक हो सकती है। विभिन्न दवाइयों से परिणाम हो सकता है, लेकिन कुछ के दुःखद उत्तरप्रभाव होते हैं।a
कम कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त वसा के आहार की सिफ़ारिश की जाती है। उच्च संतृप्त वसावाले आहार, जैसे मक्खन के बजाय ऐसा भोजन खाना जो कम संतृप्त वसावाला है, जैसे जैतून का तेल, LDL को कम कर सकता है और HDL को सुरक्षित रख सकता है। दूसरी ओर, अमॆरिकन जरनल ऑफ़ पब्लिक हॆल्थ (अंग्रेज़ी) कहती है कि अधिकांश मारजरीन और वनस्पति-घी में पाया जानेवाला हायड्रोजनीकृत या आंशिक रूप से हायड्रोजनीकृत वनस्पति तेल LDL को बढ़ा सकता है और HDL को कम कर सकता है। उच्च वसा का मांस कम करने और उसकी जगह मुर्गी या टर्की के कम-वसा वाले भाग खाने की भी सिफ़ारिश की जाती है।
अध्ययनों ने दिखाया है कि विटामिन ई, बॆटा-कैरोटीन, और विटामिन सी जानवरों में धमनीकलाकाठिन्य को कम कर सकते हैं। एक अध्ययन ने यह निष्कर्ष निकाला कि ये मनुष्यों में दिल के दौरे की घटना को भी कम कर सकते हैं। हर रोज़ बॆटा-कैरोटीन और अन्य कैरोटॆनॉइड्स और विटामिन सी से भरपूर सब्ज़ियाँ और फल खाना, जैसे कि टमाटर, हरी-हरी पत्तियाँ, गोल मिर्च, गाजर, शकरकन्द, और तरबूज़ सी.ए.डी. से कुछ सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
यह भी कहा जाता है कि विटामिन बी६ और मैग्नॆशियम लाभप्रद हैं। जौ और जई जैसे सम्पूर्ण दाने और साथ ही बीन्स, मसूर, और कुछ बीज और गिरीदार फल भी सहायक हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह समझा जाता है कि हफ़्ते में कम-से-कम दो बार सामन, बाँगड़ा, हिलसा, या टूना जैसी मछलियाँ खाना सी.ए.डी. के ख़तरे को कम कर सकता है, क्योंकि ये ओमॆगा-३ बहु-असंतृप्त वसा अम्लों में भरपूर होती हैं।
स्थानबद्ध जीवन-शैली
स्थानबद्ध लोगों को दिल के दौरे का ख़तरा अधिक होता है। वे दिन का अधिकांश भाग शारीरिक रूप से निष्क्रिय बिताते हैं और नियमित रूप से कसरत नहीं करते। इन लोगों को अकसर मेहनत-मशक्कत के काम के बाद जैसे की बाग़बानी में भारी काम करने, जॉगिंग करने, भारी बोझ उठाने, या खुदाई करने से दिल का दौरा पड़ता है। लेकिन उन लोगों में ख़तरा कम हो जाता है जो नियमित रूप से कसरत करते हैं।
एक हफ़्ते में तीन या चार बार २०- से ३०-मिनट तक तेज़ी से पैदल चलना एक दौरे के ख़तरे को कम कर सकता है। नियमित कसरत हृदय की पम्प करने की क्षमता को सुधारती है, वज़न घटाने में मदद करती है, और शायद कोलेस्ट्रॉल मात्राओं को घटाए और रक्तदाब को कम करे।
उच्च रक्तदाब, अधिक वज़न, और मधुमेह
उच्च रक्तदाब (हायपरटॆंशन) धमनी भित्तों को घायल कर सकता है और LDL कोलेस्ट्रॉल को धमनी की झिल्ली में प्रवेश करने में समर्थ कर सकता है और प्लाक को जमने दे सकता है। जैसे-जैसे प्लाक का जमाव बढ़ता है, तब रक्त प्रवाह में ज़्यादा रुकावट होती और अतः रक्तदाब में बढ़ोतरी होती है।
रक्तदाब की नियमित रूप से जाँच की जानी चाहिए, क्योंकि समस्या का शायद कोई बाहरी लक्षण न हो। हृत्प्रसार के दबाव में हर एक-दशमलव कमी (नीचे की संख्या) से, दिल के दौरे का ख़तरा २ से ३ प्रतिशत तक कम हो सकता है। रक्तदाब कम करने के लिए चिकित्सा प्रभावकारी हो सकती है। मिताहार करना, और कुछ मामलों में नमक का सेवन कम करना, साथ ही वज़न घटाने के लिए नियमित कसरत करना उच्च रक्तदाब को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
अधिक वज़न उच्च रक्तदाब को और वसाभ असामान्यताओं को बढ़ावा देता है। स्थूलता से दूर रहना या उसका उपचार करना मधुमेह को रोकने का एक प्रमुख तरीक़ा है। मधुमेह सी.ए.डी. को बढ़ाता है और दिल के दौरे के ख़तरे को भी बढ़ाता है।
धूम्रपान
सिगरेट पीना सी.ए.डी. के विकास में एक प्रबल तत्व है। अमरीका में, यह सभी हृदय-रोग सम्बन्धी मृत्यु में से क़रीब २० प्रतिशत के लिए और ५५ साल की उम्र के नीचे की स्त्रियों में लगभग ५० प्रतिशत के दिल के दौरे के लिए सीधे रूप से ज़िम्मेदार है। सिगरेट पीना रक्तदाब को बढ़ाता है और रक्त प्रवाह में निकोटिन और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे विषैले रसायन डालता है। क्रमशः, ये रसायन धमनियों को नुक़सान पहुँचाते हैं।
धूम्रपान करनेवाले उन लोगों को भी ख़तरे में डालते हैं जो उनके धूँए के सामने अनाश्रित हैं। अध्ययन प्रकट करते हैं कि धूम्रपान करनेवालों के साथ रहनेवाले धूम्रपान न करनेवालों को भी दिल के दौरे का अत्यधिक ख़तरा है। अतः, धूम्रपान छोड़ने के द्वारा, एक व्यक्ति स्वयं अपना ख़तरा कम कर सकता है और शायद धूम्रपान न करनेवाले प्रिय जनों की जान भी बचाए।
तनाव
जब तीव्र भावात्मक और मानसिक तनाव के अधीन होते हैं, तब जिन्हें सी.ए.डी. होता है वे उन लोगों के मुक़ाबले जिनकी स्वस्थ धमनियाँ हैं, दिल के दौरे और आकस्मिक हृदीय मृत्यु के काफ़ी ज़्यादा ख़तरे का सामना करते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, तनाव के कारण प्लाक से भरी धमनियाँ संकुचित हो सकती हैं, और यह रक्त प्रवाह को २७ प्रतिशत तक घटाता है। कम रोगग्रस्त धमनियों में भी उल्लेखनीय संकुचन देखा गया था। एक और अध्ययन ने सुझाया कि तीव्र तनाव धमनी भित्तों के प्लाक के फट जाने का माहौल बना सकता है, और दिल के दौरे को प्रवर्तित कर सकता है।
कंज़्यूमर रिपोट्र्स ऑन हॆल्थ (अंग्रेज़ी) कहती है: “लगता है कि कुछ लोग एक बुरी मनोवृत्ति से ज़िन्दगी को बिताते हैं। वे लोग कटुस्वभाव, क्रोधी, और आसानी से भड़काए जाते हैं। जबकि अधिकांश लोग छोटी-मोटी नोंक-झोंक की ओर कान नहीं देते, विद्वेषी लोगों में भावात्मकता उनके सिर तक चढ़ जाती है।” क्रोधी स्वभाव और विद्वेष रक्तदाब बढ़ाते, हृदयस्पंदन बढ़ाते, और यकृत को रक्तधारा में कोलेस्ट्रॉल डालने के लिए प्रवर्तित करते हैं। यह परिहृद् धमनियों को क्षत करता है और सी.ए.डी. में योग देता है। माना जाता है कि क्रोध दिल के दौरे के ख़तरे को दुगुना करता है, और यह कम-से-कम अगले दो घंटों तक एक ख़तरा बना रहता है। कौन-सी बात मदद कर सकती है?
द न्यू यॉर्क टाइम्स (अंग्रेज़ी) के अनुसार, डॉ. मरे मिटलमैन ने कहा कि जिन लोगों ने भावात्मक संघर्षों में शान्त बने रहने की कोशिश की शायद वे दिल के दौरे के अपने ख़तरे को कम करने में समर्थ हों। यह बाइबल में सदियों पहले अभिलिखित शब्दों के जैसा सुनाई देता है: “शान्त मन, तन का जीवन है।”—नीतिवचन १४:३०.
प्रेरित पौलुस जानता था कि तनाव के अधीन होना कैसा होता है। उसने उन चिन्ताओं के बारे में बात की जो हर रोज़ उसे सताती थीं। (२ कुरिन्थियों ११:२४-२८) लेकिन उसने परमेश्वर से मदद का अनुभव किया और लिखा: “किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी।”—फिलिप्पियों ४:६, ७.
जबकि हृदय की समस्याओं से सम्बन्धित अन्य तत्व भी हैं, यहाँ चर्चा की गयी समस्याएँ ख़तरे को पहचानने में मदद कर सकती हैं ताकि एक व्यक्ति उचित क़दम उठा सके। लेकिन, कुछ लोगों ने सोचा है कि उन लोगों के लिए जीवन कैसा है जो एक दिल के दौरे के परिणाम के साथ जीते हैं। कितना स्वास्थ्यलाभ मुमकिन है?
[फुटनोट]
a सजग होइए! चिकित्सीय, कसरत, या आहार सम्बन्धी उपचार नहीं बताती परन्तु अच्छी तरह से शोध की गयी जानकारी प्रदान करती है। प्रत्येक व्यक्ति को यह फ़ैसला करना चाहिए कि वह ख़ुद क्या करेगा।
[पेज 9 पर तसवीरें]
धूम्रपान करना, जल्दी से क्रोधित हो जाना, वसायुक्त भोजन खाना, और स्थानबद्ध ज़िन्दगी गुज़ारना दिल के दौरे के ख़तरे को बढ़ाता है