-
यहोवा—“धर्मी और उद्धारकर्त्ता ईश्वर”यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
-
-
3. यशायाह 45:1-3क किन साफ शब्दों में कुस्रू की जीत का वर्णन करता है?
3 “यहोवा अपने अभिषिक्त कुस्रू के विषय यों कहता है, मैं ने उस के दहिने हाथ को इसलिये थाम लिया है कि उसके साम्हने जातियों को दबा दूं और राजाओं की कमर ढीली करूं, उसके साम्हने फाटकों को ऐसा खोल दूं कि वे फाटक बन्द न किए जाएं। मैं तेरे आगे आगे चलूंगा और ऊंची ऊंची भूमि को चौरस करूंगा, मैं पीतल के किवाड़ों को तोड़ डालूंगा और लोहे के बेड़ों को टुकड़े टुकड़े कर दूंगा। मैं तुझ को अन्धकार में छिपा हुआ और गुप्त स्थानों में गड़ा हुआ धन दूंगा।”—यशायाह 45:1-3क.
4. (क) यहोवा, कुस्रू को अपना “अभिषिक्त” क्यों कहता है? (ख) कुस्रू को हर हाल में जीत दिलाने के लिए यहोवा क्या करेगा?
4 यहोवा, यशायाह के ज़रिए कुस्रू से ऐसे बात करता है मानो कुस्रू उस वक्त ज़िंदा हो, जबकि यशायाह के समय तक वह पैदा भी नहीं हुआ था। (रोमियों 4:17) कुस्रू को परमेश्वर का “अभिषिक्त” कहा जा सकता है क्योंकि उसके पैदा होने से पहले ही यहोवा ने उसे एक खास ज़िम्मेदारी सौंपी थी। परमेश्वर, कुस्रू को मार्गदर्शन देगा इसलिए वह जातियों को परास्त करके उनके राजाओं को इतना कमज़ोर कर देगा कि वे उसका सामना नहीं कर पाएँगे। फिर जब कुस्रू, बाबुल पर हमला करने आएगा, तो यहोवा इस बात का ध्यान रखेगा कि उस नगर के फाटक खुले रहें। इस तरह, फाटकों का होना बेकार साबित होगा मानो उनके टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए हों। यहोवा, कुस्रू के आगे-आगे चलेगा और उसके सामने आनेवाली हर बाधा को दूर कर देगा। अंत में, कुस्रू की सेनाएँ शहर पर कब्ज़ा कर लेंगी और कोठरियों में “गड़ा हुआ धन” ले जाएँगी। इन्हीं घटनाओं के बारे में यशायाह भविष्यवाणी करता है। क्या उसके कहे वचन सच निकलते हैं?
5, 6. बाबुल के गिरने की भविष्यवाणी कब और कैसे पूरी हुई?
5 यशायाह के यह भविष्यवाणी दर्ज़ करने के कुछ 200 साल बाद, सा.यु.पू. 539 में कुस्रू, बाबुल पर धावा बोलने के लिए सचमुच उसकी शहरपनाह तक पहुँच जाता है। (यिर्मयाह 51:11,12) मगर बाबुलियों को इसकी कोई फिक्र नहीं है। वे सोचते हैं कि उनके शहर पर कोई कब्ज़ा कर ही नहीं सकता। आखिर उनके शहर की हिफाज़त के लिए चारों तरफ ऊँची-ऊँची दीवारें और दीवार के बाहर गहरी खाइयों में फरात नदी का पानी जो है। और फिर सौ से भी ज़्यादा साल गुज़र चुके हैं, लेकिन बाबुल का एक भी दुश्मन उस पर हमला करने में कामयाब नहीं हुआ है! इसलिए बाबुल शहर में मौजूद उसका शासक, बेलशस्सर खुद को इतना सुरक्षित महसूस करता है कि वह अपने दरबारियों के साथ जश्न मना रहा है। (दानिय्येल 5:1) मगर जश्न की उसी रात यानी अक्टूबर 5/6 को, कुस्रू की लाजवाब रणनीति रंग लाती है।
6 कुस्रू के इंजीनियर, बाबुल की तरफ बहकर आनेवाली फरात नदी के पानी का रुख मोड़ देते हैं। वे बाबुल से बहुत पहले दूर एक जगह पर नदी के किनारे एक नहर खोद देते हैं जिससे उसका पानी दक्षिण में बाबुल शहर की तरफ जाने के बजाय उस नहर में जाने लगता है। देखते ही देखते, बाबुल के अंदर और उसके चारों ओर बहनेवाली फरात का पानी इतना कम हो जाता है कि कुस्रू के सैनिक नदी में से पैदल चलते हुए शहर के अंदर तक पहुँच जाते हैं। (यशायाह 44:27; यिर्मयाह 50:38) ठीक जैसे यशायाह ने बताया, नदी के पास के फाटक खुले हुए हैं! कुस्रू की फौज बाबुल पर टूट पड़ती है, महल पर कब्ज़ा कर लेती है और राजा बेलशस्सर को मौत के घाट उतार देती है। (दानिय्येल 5:30) एक ही रात में बाबुल पर जीत हासिल कर ली जाती है। बाबुल गिर जाता है और भविष्यवाणी का एक-एक शब्द पूरा होता है!
-
-
यहोवा—“धर्मी और उद्धारकर्त्ता ईश्वर”यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
-
-
यहोवा, कुस्रू की मदद क्यों करेगा
8. यहोवा ने कुस्रू को बाबुल पर जीत क्यों दिलायी, इसका एक कारण बताइए।
8 बाबुल पर कब्ज़ा कौन करेगा और कैसे करेगा यह बताने के बाद, यहोवा अब एक कारण समझाता है कि वह कुस्रू को क्यों जीत दिलाएगा। यहोवा, भविष्यवाणी में कुस्रू से कहता है: “जिस से तू जाने कि मैं इस्राएल का परमेश्वर यहोवा हूं जो तुझे नाम लेकर बुलाता है।” (यशायाह 45:3ख) कुस्रू, बाइबल के इतिहास में चौथी विश्वशक्ति का सम्राट है। और उसका यह कबूल करना वाजिब होगा कि उसकी सबसे शानदार जीत के पीछे, उससे भी महान हस्ती, यहोवा का हाथ है जो सारे विश्व का सम्राट है। कुस्रू को मानना चाहिए कि उसे बुलानेवाला, या इस काम के लिए ठहरानेवाला इस्राएल का परमेश्वर, यहोवा है। जैसा बाइबल में दिया गया रिकॉर्ड दिखाता है, कुस्रू ने सचमुच कबूल किया कि उसने यहोवा की बदौलत ही यह शानदार जीत हासिल की है।—एज्रा 1:2,3.
-