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यहोवा पर आशा लगाए रखोयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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22. भविष्य में यहोवा जहाँ एक तरफ वफादार लोगों को आशीषें देगा, वहीं दूसरी तरफ वह दुष्टों के साथ क्या करेगा?
22 यशायाह के संदेश में एक बार फिर बदलाव आता है। वह कहता है, “देखो,” मानो अपने सुननेवालों का ध्यान खींच रहा हो। “यहोवा दूर से चला आता है, उसका प्रकोप भड़क उठा है, और धूएं का बादल उठ रहा है; उसके होंठ क्रोध से भरे हुए और उसकी जीभ भस्म करनेवाली आग के समान है।” (यशायाह 30:27) अब तक, यहोवा ने अपने लोगों के दुश्मनों को मनमानी करने दी है, उनके मामलों में दखल नहीं दिया है। लेकिन अब वह न्यायदंड देने के लिए पास आ रहा है, जैसे कोई भयानक आँधी चली आ रही हो। “उसकी सांस ऐसी उमण्डनेवाली नदी के समान है जो गले तक पहुंचती है; वह सब जातियों को नाश के सूप से फटकेगा, और देश देश के लोगों को भटकाने के लिये उनके जभड़ों में लगाम लगाएगा।” (यशायाह 30:28) परमेश्वर के लोगों के दुश्मनों को एक “उमण्डनेवाली नदी” घेर लेगी, उन्हें बड़े ही ज़बरदस्त तरीके से ‘सूप से फटका’ जाएगा और “लगाम” लगाकर उन्हें काबू में किया जाएगा। उनका सर्वनाश होगा।
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यहोवा पर आशा लगाए रखोयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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[पेज 312 पर तसवीर]
यहोवा जब आएगा तब उसका ‘प्रकोप भड़क उठेगा, और धूएं का बादल उठेगा’
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