यहोवा के दिव्य रथ के क़दम से क़दम मिलाइए
“सो चाहे वे सुनें या न सुनें; तौभी तू मेरे वचन उन से कहना।”—यहेज़केल २:७.
१, २. यहेज़केल ने कौनसे शाही वाहन को देखा, और उसे क्या बताया गया?
यहोवा का दिव्य रथ अब उनके दासों के सामने खड़ा है। विश्वास की आँखों के साथ, वे अपने सर्वश्रेष्ठ प्रभु के उस शाही वाहन को देखते हैं। यह शानदार, विस्मयकारी और प्रतापी है।
२ यही शाही वाहन तक़रीबन २,६०० साल पहले एक दर्शन में परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता यहेज़केल के सामने आ खड़ा हुआ था। इस सिंहासन-वहन रथ से—आत्मिक प्राणियों से बना परमेश्वर के स्वर्गीय संगठन से—यहोवा ने यहेज़केल को यह प्रभावशाली आदेश दिया: “इस पीढ़ी के लोग जिनके पास मैं तुझे भेजता हूँ, वे निर्लज्ज और हठीले हैं; और तू उन से कहना, प्रभु यहोवा यों कहता है, इस से वे, जो बलवा करनेवाले घराने के हैं, चाहे वे सुनें व न सुनें, तौभी वे इतना जान लेंगे कि हमारे बीच एक भविष्यद्वक्ता प्रगट हुआ है।”—यहेज़केल २:४, ५.
३. यहेज़केल को कौनसी आधुनिक प्रतिमूर्ति है?
३ यहेज़केल ने उस नियतकार्य को दृढ़प्रतिज्ञ रूप से पूरा किया, और ईश्वरीय नियंत्रण में एक अकेले साधन के तौर से काम किया। उसी तरह, अब परमेश्वर के पास अपने नियंत्रण में एक ही संगठनात्मक साधन है। यहेज़केल वर्ग, शेष अभिषिक्त लोग, आख़री गवाही देने के कार्य में अग्रणी कर रहे हैं, और साथ ही “अन्य भेड़ों” की “बड़ी भीड़” एक होकर समर्थन कर रही है। (प्रकाशितवाक्य ७:९, १०; यूहन्ना १०:१६) मिलकर वे “एक झुण्ड” हैं, और शानदार रथ-सवार, यहोवा परमेश्वर की प्रभुसत्ता के अधीन उत्तम चरवाहा, यीशु मसीह, उनकी अगुवाई कर रहा है।
४, ५. परमेश्वर का दृश्य संगठन अस्तित्व में कैसे आ गया, और यशायाह ६०:२२ के अनुसार उनका कैसा तजर्बा रहा है?
४ यहोवा के निर्देशों के अधीन, इसकी लघु शुरुआत से यह विश्वव्यापी संगठन इस आदेश को घोषित करने के लिए एक ताक़तवर माध्यम बनने तक बढ़ चुका है, कि “परमेश्वर से डरो और उस की महिमा करो, क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ पहुँचा है।’ (प्रकाशितवाक्य १४:७) जिस तरह यहेज़केल ने अपने आप को एक भविष्यद्वक्ता नहीं बनाया और ना ही नियुक्त किया, उसी तरह परमेश्वर के दृश्य संगठन ने अपने आप को न बनाया और ना ही नियुक्त किया। यह मानवीय इच्छा या कोशिश से उत्पन्न नहीं हुआ। ईश्वरीय रथ-सवार इस संगठन को अस्तित्व में ले आए। परमेश्वर की पवित्र आत्मा से सामर्थ्य और पवित्र स्वर्गदूतों द्वारा समर्थन पाकर, यहोवा के लोगों को ऐसे प्रभावशाली विस्तार का तजर्बा हुआ है कि ‘सब से दुर्बल एक सामर्थी जाति बन गयी है।’—यशायाह ६०:२२.
५ यहोवा के ४०,००,००० से ज़्यादा गवाह २१२ देशों में राज्य संदेश की घोषणा कर रहे हैं। वे ६३,००० से ज़्यादा मण्डलियों में एकत्रित हैं, जो कि सर्किटों और ज़िलों में संगठित किए गए हैं। मुख्यालय संगठन के केंद्र के तौर से कार्य कर रहे शासी वर्ग के निर्देशन के अधीन, सविस्तृत शाखा कार्यालय और मुद्रण सहूलियतें चलती हैं। मानो वे एक ही व्यक्ति हैं, सभी लोग आगे बढ़ रहे हैं, सुसमाचार प्रचार करने में, और अनुकूल प्रतिक्रिया दिखानेवालों को तालीम देने में तथा सभा स्थान बाँधने में। जी हाँ, यहोवा का दृश्य संगठन दिव्य रथ और उसके सवार के क़दम से क़दम मिलाकर चल रहा है।
६. यहोवा के दृश्य संगठन के क़दम से क़दम मिलाने में क्या सम्मिलित हैं?
६ अगर आप यहोवा के एक गवाह हैं, क्या आप परमेश्वर के दृश्य संगठन के क़दम से क़दम मिला रहे हैं? ऐसा करने का मतलब सिर्फ़ मसीही सभाओं में उपस्थित होना और सेवकाई में समय बिताना ही नहीं है। मुख्य रूप से, क़दम से क़दम मिलाना प्रगति और आध्यात्मिक वृद्धि से सम्बद्ध है। इस में एक सकारात्मक नज़रिया होना, उचित प्राथमिकताएँ निर्धारित करना, और आधुनिकतम जानकारी रखना सम्मिलित है। अगर हम यहोवा के दिव्य रथ के क़दम से क़दम मिला रहे हैं, तो हमारी ज़िन्दगी उस संदेश से समनुरूप होगी जो हम घोषित करते हैं।
७. परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता के तौर से यहेज़केल के आचरण पर क्यों ग़ौर किया जाना चाहिए?
७ क़दम से क़दम मिलाने के मामले में, यहोवा के आधुनिक दास यहेज़केल की मिसाल से बहुत कुछ सीख सकते हैं। हालाँकि एक भविष्यद्वक्ता के तौर से यहोवा द्वारा ख़ास तौर से नियुक्त किया गया था, यहेज़केल को फिर भी जज़बात, फ़िक्र और ज़रूरतें थीं। मिसाल के तौर पर, एक अपेक्षाकृत जवान शादी-शुदा मर्द होने के नाते, उसने अपनी पत्नी की मौत का ग़म सहा। फिर भी, वह यहोवा के भविष्यद्वक्ता के तौर से अपने नियतकार्य को कभी भूल न गया। यहेज़केल अन्य सम्बन्ध में भी किस तरह पेश आया, इस पर ग़ौर करने से हम परमेश्वर के दृश्य संगठन के क़दम से क़दम मिलाने के लिए अपना बल बढ़ा सकते हैं। इस से हम उनके अदृश्य संगठन के क़दम से क़दम मिला सकेंगे।
नियतकार्य स्वीकार करके पूरा किया गया
८. अपने नियतकार्य के सम्बन्ध में, यहेज़केल ने कौनसी मिसाल पेश की?
८ यहेज़केल ने अपने नियतकार्य को स्वीकार करने और उसे पूरा करने में एक बढ़िया मिसाल पेश की। बहरहाल, उसे पूरा करने के लिए आज्ञा-पालन और हिम्मत की ज़रूरत थी, इसलिए कि हम पढ़ते हैं: “हे मनुष्य के सन्तान, तू उन से न डरना; चाहे तुझे काँटों, ऊँटकटारों और बिच्छुओं के बीच भी रहना पड़े, तौभी उनके वचनों से न डरना; यद्यपि वे बलवई घराने के हैं, तौभी न तो उनके वचनों से डरना, और न उनके मुँह देखकर तेरा मन कच्चा हो। सो चाहे वे सुनें या न सुनें; तौभी तू मेरे वचन उन से कहना, वे तो बड़े बलवई हैं। परन्तु हे मनुष्य के सन्तान, जो मैं तुझ से कहता हूँ, उसे तू सुन ले, उस बलवई घराने के समान तू भी बलवई न बनना।”—यहेज़केल २:६-८.
९. सिर्फ़ क्या करने से यहेज़केल हत्यारेपन के दोष से मुक्त होता?
९ यहेज़केल को अपना नियतकार्य पूरा करने के लिए सतत उकसाए जाने की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए थी, और न उसे उदासीन होना या भयभीत होना था। वह हत्यारेपन के दोष से तभी मुक्त होता अगर वह तत्परता से और निडर होकर यहोवा के वचन सुनाता। यहेज़केल को बताया गया: “पर यदि तू दुष्ट को चिताए, और वह अपनी दुष्टता और दुष्ट मार्ग से न फिरे, तो वह तो अपने अधर्म में फँसा हुआ मर जाएगा; परन्तु तू अपने प्राणों को बचाएगा।”—यहेज़केल ३:१९.
१०. यहेज़केल वर्ग किस तरह भविष्यद्वक्ता के समान साबित हुआ है?
१० जैसे यहेज़केल के मामले में हुआ, वैसे अभिषिक्त यहेज़केल वर्ग ने अपने ईश्वर-प्रदत्त नियतकार्य को स्वीकार किया है और उसे पूरा कर रहे हैं। अगर हम यहोवा के गवाह हैं, तो हमें याद रखना चाहिए कि हमारी ज़िन्दगी और दूसरों की ज़िन्दगी हमारे आज्ञा-पालन पर निर्भर है। (१ तीमुथियुस ४:१५, १६) प्रत्येक गवाह को यहोवा के संगठन के क़दम से क़दम मिलाकर चलना चाहिए। यहोवा हमें अपने रर्थ को बाँधकर हमें घसीटते हुए न ले जाएँगे। उदासीनता और एक विभक्त दिल रथ-सवार की प्रतिष्ठा को कम करते हैं। इसलिए यहोवा का दृश्य संगठन हमें ईश्वरीय हितों को अपनी ज़िन्दगी का केंद्र बनाने का प्रोत्साहन देता है। ऐसे प्रोत्साहन की ओर एक समनुरूप प्रतिक्रिया हमें परमेश्वर के संगठन के क़दम से क़दम मिलाए हुए रखती है और हमारी पावन सेवकाई को रोज़मर्राह, मशीनी होने से ऊपर उठाती है। निश्चय ही, आम तौर से यहोवा के लोग उल्लेखनीय भक्ति दर्शाते हैं। हमारा व्यक्तिगत भाग क़दम से क़दम मिलाते हुए चलना है।
परमेश्वर के वचनों को मन में लिया जाता है
११. परमेश्वर के वचनों के सम्बन्ध में यहेज़केल ने कौनसी मिसाल पेश की?
११ परमेश्वर के वचनों को अपने मन में लेने के द्वारा भी यहेज़केल ने एक बढ़िया मिसाल पेश किया। आदेश पाने पर, उस ने ईश्वर-प्रदत्त लपेटी हुई पुस्तक, या खर्रे को खा लिया। “मेरे मुँह में वह मधु के तुल्य मीठी लगी,” यहेज़केल ने कहा। हालाँकि वह लपेटी हुई पुस्तक ‘विलाप और शोक और दुःखभरे वचनों’ से भरी हुई थी, यह यहेज़केल के लिए मीठी थी, इसलिए कि वह यहोवा का प्रतिनिधित्व करने के सम्मान की क़दर करता था। अपने ईश्वर-प्रदत्त नियतकार्य को पूरा करना भविष्यद्वक्ता के लिए एक मीठा तर्जबा था। परमेश्वर ने उस से कहा: “हे मनुष्य के सन्तान, जितने वचन मैं तुझ से कहूँ, वे सब हृदय में रख और कानों से सुन।” (यहेज़केल २:९-३:३, १०) उन दर्शनों से यहेज़केल सूक्ष्म रूप से अवगत हुआ कि परमेश्वर ने उसे किस बात में हिस्सा लेने दिया था और इस से यहोवा के साथ उसका रिश्ता शक्तिशाली हुआ।
१२. भविष्यद्वक्ता की सेवा के दो से ज़्यादा दशकों में यहेज़केल ने क्या किया?
१२ यहेज़केल को तरह-तरह के मक़सदों और श्रोताओं के लिए दर्शन और संदेश दिए गए थे। उसे ध्यानपूर्वक सुनना था और फिर जैसे निर्देश मिलता था, वैसे कार्य करना था। भविष्यद्वक्ता की सेवा के तक़रीबन २२ सालों में एक प्रगतिशील रूप से नयी जानकारी और पद्धति उसे प्रकट की गयी थी। कभी-कभी यहेज़केल ने ख़ास शब्दों में व्यक्त संदेश दिया। अन्य समय, उसने मूकाभिनय का सहारा लिया, जैसे कि जब यरूशलेम की प्रतीक-रूपी ईंट के सामने उसे लेटे रहना पडा। (यहेज़केल ४:१-८) निजी मामलों में भी उसका आदर्श, जैसा उसकी पत्नी की मौत के प्रति उसकी प्रतिक्रिया में भी एक संदेश था। (यहेज़केल २४:१५-१९) उसे हमेशा सही संदेश पेश करते हुए और सही समय पर सही कार्य करते हुए, सामयिक होना था। यहेज़केल यहोवा के साथ एक बहुत ही क़रीबी, प्रगतिशील कामचलाऊ रिश्ते में बँधा हुआ था।
१३. हम किस तरह यहोवा के साथ एक क़रीबी रिश्ता विकसित कर सकते हैं?
१३ उसी तरह, यहोवा के संगी-कर्मचारियों के तौर से उन के साथ के क़रीबी रिश्ते को विकसित करने और बनाए रखने के लिए, हमें परमेश्वर के वचन को हमारे हृदय में लेना चाहिए। (१ कुरिन्थियों ३:९) इस सम्बन्ध में परमेश्वर के दृश्य संगठन के क़दम से क़दम मिलाकर चलने से आध्यात्मिक भोजन की प्रवाह के साथ-साथ रहना, जैसे यह सही समय पर दी जाती है, आवश्यक होता है। (मत्ती २४:४५-४७) “शुद्ध भाषा” सतत बढ़ती जा रही है। (सपन्याह ३:९) हम अगर आधुनिकतम जानकारी रखेंगे, तभी हम सचमुच रथ-सवार के निर्देशन के प्रति आज्ञाकारिता से अनुक्रिया दिखा पाएँगे।
१४, १५. परमेश्वर के संगठन के द्वारा स्थापित की गयी गति के साथ क़दम से क़दम मिलाने के लिए कैसी नित्यचर्या की ज़रूरत है?
१४ उस लक्ष्य से, हमें निजी प्रार्थना, वैयक्तिक अभ्यास, और सुसमाचार की पवित्र सेवकाई में हिस्सेदारी की एक अच्छी नित्यचर्या की ज़रूरत है। (रोमियों १५:१६) परमेश्वर के संदेश को समाविष्ट करनेवाले खर्रे को खाने में यहेज़केल की मिसाल को याद कीजिए। यहेज़केल ने पूरे खर्रे को खा डाला, न कि उसके ही एक अंश को। उसने ऐसे निवालों को चुन-चुनकर नहीं खाया जो शायद उसके निजी ज़ायके के ज़्यादा अनुरूप थे। उसी तरह, बाइबल और मसीही प्रकाशनों के हमारे व्यक्तिगत अभ्यास को इस तरह नियंत्रित किया जाना चाहिए कि यह आध्यात्मिक भोजन की प्रवाह के साथ-साथ रह सके, और हमें आध्यात्मिक मेज़ पर रखे गए हर चीज़ को खाना चाहिए, जिन में गहरी सच्चाइयाँ भी शामिल हैं।
१५ क्या हम ठोस आहार का मतलब समझने के लिए प्रार्थनापूर्ण कोशिश करते हैं? क़दम से क़दम मिलाने से यह आवश्यक हो जाता है कि हमारी जानकारी और समझ आधारभूत बातों से आगे प्रगति करे, इसलिए कि हम पढ़ते हैं: “क्योंकि दूध पीनेवाले बच्चे को तो धर्म के वचन की पहिचान नहीं होती, क्योंकि वह बालक है। पर अन्न सयानों के लिए है, जिन के ज्ञानेन्द्रिय अभ्यास करते करते, भले बुरे में भेद करने के लिए पक्के हो गए हैं।” (इब्रानियों ५:१३, १४) जी हाँ, आध्यात्मिक प्रगति करना परमेश्वर के संगठन द्वारा स्थापित की गयी गति के साथ क़दम से क़दम मिलाने का एक अहम हिस्सा है।
उदासीनता के कारण हतोत्साह हुए बग़ैर
१६, १७. यहेज़केल उदासीनता, ठट्ठा और प्रतिक्रिया के अभाव से कैसे निपटा?
१६ यहेज़केल ने आज्ञाकारी होने और अपने आप को उदासीनता या ठट्ठा के कारण हतोत्साह न होने देने के द्वारा भी एक बढ़िया मिसाल पेश की। उसी तरह, शुद्ध भाषा के विकास के साथ-साथ चलने से हम शाही रथ-सवार द्वारा ली गयी दिशा के अनुकूल होते हैं। इस प्रकार हम उनके आदेशों के प्रति अनुकूल प्रतिक्रिया दिखाने के लिए तैयार किए जाते हैं, और जिन लोगों को हम यहोवा के न्यादण्ड का संदेश सुनाते हैं, उनकी उदासीनता या ठट्ठा के कारण हतोत्साह न होने के लिए सशक्त किए जाते हैं। जैसे यहेज़केल के साथ हुआ, वैसे ही परमेश्वर ने हमें पहले ही चेतावनी दी है कि कुछ लोग, हठीले और कठोर होने के कारण, सक्रिय रूप से विरोध करते। अन्य लोग नहीं सुनते इसलिए कि वे यहोवा की सुनना नहीं चाहते। (यहेज़केल ३:७-९) और भी अन्य लोग पाखण्डी होते, जैसे कि यहेज़केल ३३:३१, ३२ में कहा गया है: “वे प्रजा की नाईं तेरे पास आते और मेरी प्रजा बनकर तेरे सामने बैठकर तेरे वचन सुनते हैं, परन्तु वे उन पर चलते नहीं; मुँह से तो वे बहुत प्रेम दिखाते हैं, परन्तु उनका मन लालच ही में लगा रहता है। और तू उनकी दृष्टि में प्रेम के मधुर गीत गानेवाले और अच्छे बजानेवाले का सा ठहरा है, क्योंकि वे तेरे वचन सुनते तो हैं, परन्तु उन पर चलते नहीं।”
१७ परिणाम क्या होता? ३३वें आयत में आगे कहा गया है: “सो जब यह बात घटेगी, और वह निश्चय घटेगी! तब वे जान लेंगे कि हमारे बीच एक भविष्यद्वक्ता आया था।” उन शब्दों से प्रकट होता है कि उन लोगों की प्रतिक्रिया के अभाव के कारण यहेज़केल ने निराश होकर अपना कार्य नहीं छोड़ा। दूसरों की उदासीनता से वह उदासीन न हुआ। चाहे लोगों ने सुना या नहीं, उसने परमेश्वर का आज्ञापालन करके अपने नियतकार्य को पूरा किया।
१८. आप अपने आप से क्या सवाल पूछ सकते हैं?
१८ यहोवा का दृश्य संगठन अब उस घोषणा को अधिक तीव्रता से सुना रहा है कि हर एक को परमेश्वर का भय मानकर उसकी महिमा करनी चाहिए। जब राज्य संदेश देने में एक साहसी स्थिति अपनाने के कारण, या आपकी जीवन-शैली में नैतिक होने के कारण आपकी आलोचना की जाती है, तब क्या आप दृढ़ रहते हैं? खून स्वीकार न करने, राष्ट्रीय चिह्नों को नहीं पूजने और सांसारिक उत्सवों को नहीं मनाने के कारण जब आपको दबाव का निशाना बनाया जाता है, तब क्या आप दृढ़ रह रहे हैं?—मत्ती ५:११, १२; १ पतरस ४:४, ५.
१९. निर्देशन के सम्बन्ध में, हम क्या करेंगे अगर हम यहोवा के दिव्य रथ के क़दम से क़दम मिला रहे हैं?
१९ यह रास्ता एक आसान रास्ता नहीं है, लेकिन जो लोग अन्त तक सहन करते हैं, उन्हें बचा दिया जाएगा। (मत्ती २४:१३) यहोवा की मदद से, हम इस दुनिया के लोगों को हमें उनकी तरह बनाने और इस प्रकार हमें यहोवा के दिव्य रथ की गति से बेमेल होने न देंगे। (यहेज़केल २:८; रोमियों १२:२१) अगर हम रथ-समान स्वर्गदूतीय संगठन के क़दम से क़दम मिलाते हुए चल रहे हैं, तो हम परमेश्वर के दृश्य संगठन द्वारा प्राप्त निर्देशन और हिदायतों का फ़ौरन अनुपालन करेंगे। अपने विश्वास पर आए हमलों का मुक़ाबला करने, जीवन के वचन पर अपनी पकड़ को बनाए रखने, और दिव्य रथ के शाही सवार पर केंद्रित होनेवाली आध्यात्मिक असलियतों पर हमारी नज़र को दृढ़ रखने के लिए हमें जो कुछ भी चाहिए, वह यहोवा हमें देते हैं।
क़दम से क़दम मिलाकर चलने की प्रेरणा मिलती है
२०. यहेज़केल द्वारा लेखबद्ध ऐसी कुछ बातें क्या हैं जिन से हमें क़दम से क़दम मिलाने के लिए प्रेरित होना चाहिए?
२० यहेज़केल के दर्शनों से हमें क़दम से क़दम मिलाकर चलने की प्रेरणा मिलनी चाहिए। उस ने परमेश्वर के न्यायदण्ड न सिर्फ़ इस्राएल को सुनाए लेकिन पुनरुद्धार की भविष्यद्वाणियों को लेखबद्ध भी किया। यहेज़केल ने उस व्यक्ति की ओर संकेत किया जिसे नियुक्त समय पर यहोवा के सिंहासन पर राज्य करने का क़ानूनी हक़ होता। (यहेज़केल २१:२७) वह शाही दास, “दाऊद,” परमेश्वर के लोगों को फिर से एकत्रित करके उनकी चरवाही करता। (यहेज़केल ३४:२३, २४) हालाँकि मागोग का गोग उन पर हमला करता, परमेश्वर उनको छुटकारा देता, और उनके बैरियों को, उस समय भी जैसे उनका नाश हो रहा होता, ‘यहोवा को जानने’ के लिए मजबूर किया जाता। (यहेज़केल ३८:८-१२; ३९:४, ७) फिर परमेश्वर के दास एक आत्मिक मंदिर को सम्मिलित करनेवाली शुद्ध उपासना की व्यवस्था में अन्तहीन जीवन का आनन्द उठाते। पवित्रस्थान से बहनेवाला जीवन का पानी पोषण और स्वास्थ्य-लाभ का एक स्रोत होता, और उनकी आशिष के लिए ज़मीन को विरासत के तौर से बाँट दिया जाता।—यहेज़केल ४०:२; ४७:९, १२, २१.
२१. यहोवा के आधुनिक समय के गवाहों की भूमिका यहेज़केल की भूमिका से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण क्यों है।
२१ उन भविष्यद्वाणियों को लेखबद्ध करने के लिए यहेज़केल कितना पुलकित हुआ होगा! फिर भी, यहोवा के आधुनिक समय के गवाहों की भूमिका इस से भी ज़्यादा बड़ी है। हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब उन में से कुछेक भविष्यद्वाणियाँ पूरा हो रही हैं। दरअसल, हम कुछेक पूर्तियों में सक्रिय हिस्सेदार हैं। हम जिस रीति से जीते हैं, क्या हम व्यक्तिगत रूप से अपने पक्के विश्वास को दर्शाते हैं कि यीशु अब उस व्यक्ति के तौर से हुक़ूमत कर रहा है जिसका क़ानूनी हक़ है? क्या हम व्यक्तिगत रूप से क़ायल हैं कि यहोवा जल्दी ही अपना पवित्रीकरण करेंगे और अपनी नयी दुनिया में उन लोगों का छुटकारा करेंगे जो उनके संगठन के क़दम से क़दम मिलाकर चल रहे हैं? (२ पतरस ३:१३) ऐसी दृढ़ धारणा के साथ-साथ विश्वास के कामों से यह दर्शाया जाता है कि हम सचमुच ही यहोवा के दिव्य रथ के क़दम से क़दम मिला रहे हैं।
क़दम से क़दम मिलाए रखें
२२. एक निर्मल आध्यात्मिक नज़रिए को बनाए रखने के लिए विकर्षणों से दूर रहने के लिए क्या किया जा सकता है?
२२ चूँकि हम ने ‘अपना हाथ हल पर रखा है,’ हमें पीछे मुड़कर ऐसी किसी बात की ओर लालसा से देखना नहीं चाहिए, जो दुनिया दे सकती है। (लूका ९:६२; १७:३२; तीतुस २:११-१३) तो आइए हम पृथ्वी पर धन जमा करने की किसी भी प्रवृत्ति पर रोक लगाएँ, और अपनी आँख को राज्य पर फ़ोकस् करके सरल रखें। (मत्ती ६:१९-२२, ३३) अपनी ज़िन्दगी को सरल बनाने और जहाँ-जहाँ सम्भव हो वहाँ सांसारिक बोझ को दूर करने से हमें यहोवा के संगठन के क़दम से क़दम मिलाकर चलने में मदद होगी। (इब्रानियों १२:१-३) विकर्षण दिव्य रथ और उसके सवार की हमारी नज़र को धुँधला बना सकते हैं। लेकिन परमेश्वर की मदद से, हम यहेज़केल के जैसे, एक निर्मल आध्यात्मिक नज़रिया बनाए रख सकते हैं।
२३. विश्वसनीय गवाहों को नए लोगों की ख़ातिर क्या करना चाहिए?
२३ यहोवा के गवाह होने के नाते हमारी ज़िम्मेदारी के एक भाग में अनेक नए लोगों को परमेश्वर के दिव्य रथ के क़दम से क़दम मिलाकर चलने की मदद करना शामिल है। १९९० में तक़रीबन १,००,००,००० लोग यीशु मसीह की मृत्यु के स्मारक समारोह में उपस्थित हुए। हालाँकि इन में से कई व्यक्ति कुछेक मसीही सभाओं में उपस्थित हो रहे होंगे, उन्हें यहोवा के दृश्य संगठन के साथ प्रगति करने के महत्त्व को देखने की ज़रूरत है। विश्वसनीय गवाह होने के तौर से, हम जो मनोवृत्ति दिखाते हैं और जो प्रोत्साहन देते हैं, उसके द्वारा हम उनकी मदद कर सकते हैं।
२४. इन चरम समयों में हमें क्या करना चाहिए?
२४ ये चरम समय है। विश्वास की आँखों से, हम ने अपने सामने दिव्य रथ को रुकते देखा है। शाही रथ-सवार ने अपने दृश्य संगठन को अन्यजातियों को प्रचार करने का नियतकार्य सौंपा है ताकि, आख़िर में, वे जानेंगे कि यहोवा कौन हैं। (यहेज़केल ३९:७) यहोवा के दिव्य रथ के क़दम से क़दम मिलाने के द्वारा परमेश्वर की प्रभुसत्ता की सत्य-सिद्धि और उनके पवित्र नाम के पवित्रीकरण में इस शानदार मौक़े का पूरा-पूरा फ़ायदा उठाइए।
आप किस प्रकार जवाब देंगे?
◻ जहाँ तक उसके नियतकार्य का सवाल था, यहेज़केल ने कौनसी मिसाल पेश की?
◻ यहोवा के संगठन के क़दम से क़दम मिलाने का मतलब क्या है?
◻ यहेज़केल ने यहोवा के वचनों के बारे में क्या सोचा?
◻ उदासीनता से निपटते समय हम यहेज़केल की मिसाल का अनुकरण किस तरह कर सकते हैं?
◻ यहोवा के दासों को उनके दिव्य रथ के क़दम से क़दम मिलाने के लिए किस बात से प्रेरित होना चाहिए?
[पेज 14 पर तसवीरें]
यहोवा के दिव्य रथ के क़दम से क़दम मिलाकर चलने के लिए क्या आवश्यक है?
[पेज 15 पर तसवीरें]
यहेज़केल ने अपने ईश्वर-प्रदत्त ख़ास अनुग्रहों की क़दर की। क्या आप करते हैं?