पाठ 32
परमेश्वर का राज शुरू हो चुका है!
सन् 1914 में परमेश्वर के राज ने स्वर्ग में अपना शासन शुरू कर दिया है। तब से इंसान की हुकूमत के आखिरी दिन शुरू हो गए। हम यह कैसे जानते हैं? जवाब जानने के लिए आइए ध्यान दें कि बाइबल की भविष्यवाणियों में क्या बताया गया है और 1914 से दुनिया के हालात और लोगों के रवैए से क्या पता चलता है।
1. बाइबल में क्या भविष्यवाणी की गयी थी?
बाइबल में दानियेल नाम की किताब में भविष्यवाणी की गयी थी कि “सात काल” का एक दौर बीतेगा और उसके खत्म होने पर परमेश्वर का राज शुरू होगा। (दानियेल 4:16, 17) सदियों बाद यीशु ने इसी दौर को “राष्ट्रों के लिए तय किया गया वक्त” कहा। यीशु ने सिखाया कि वह दौर उसके दिनों में भी चल रहा था। (लूका 21:24) जैसा हम आगे चर्चा करेंगे, सात काल का यह दौर 1914 में खत्म हुआ।
2. सन् 1914 से दुनिया के हालात और लोगों का रवैया कैसा हो गया है?
यीशु के शिष्यों ने उससे पूछा था, “तेरी मौजूदगी की और दुनिया की व्यवस्था के आखिरी वक्त की क्या निशानी होगी?” (मत्ती 24:3) तब यीशु ने भविष्यवाणी की कि जब वह स्वर्ग में परमेश्वर के राज का राजा बनेगा, तो उसके बाद धरती पर क्या घटनाएँ घटेंगी। जैसे युद्ध होंगे, अकाल पड़ेंगे और भूकंप होंगे। (मत्ती 24:7 पढ़िए।) बाइबल में यह भी भविष्यवाणी की गयी थी कि “आखिरी दिनों” में लोगों का रवैया ऐसा होगा कि सबका जीना ‘मुश्किल हो जाएगा।’ (2 तीमुथियुस 3:1-5) खासकर 1914 से यह साफ नज़र आ रहा है कि दुनिया के हालात और लोगों का रवैया वैसा ही हो गया है, जैसा भविष्यवाणी में बताया गया था।
3. जब से परमेश्वर का राज स्वर्ग में शुरू हुआ है, तब से धरती पर हालात क्यों बिगड़ गए हैं?
राजा बनने के कुछ ही समय बाद, यीशु ने स्वर्ग में शैतान और दुष्ट स्वर्गदूतों से युद्ध किया। इस युद्ध में शैतान हार गया। बाइबल में लिखा है कि शैतान को “नीचे धरती पर फेंक दिया गया और उसके दुष्ट स्वर्गदूत भी उसके साथ फेंक दिए गए।” (प्रकाशितवाक्य 12:9, 10, 12) शैतान बहुत गुस्से में है क्योंकि वह जानता है कि उसे खत्म कर दिया जाएगा। गुस्से में आकर वह दुनिया में तबाही मचा रहा है और लोगों को बहुत दुख और दर्द दे रहा है। उसकी वजह से दुनिया के हालात इतने बिगड़ गए हैं। लेकिन बहुत जल्द परमेश्वर अपने राज के ज़रिए सारी समस्याओं को मिटा देगा।
और जानिए
हम क्यों कह सकते हैं कि 1914 से परमेश्वर के राज ने स्वर्ग में शासन करना शुरू कर दिया है? यह जानकर हमें क्या करना चाहिए? आइए देखें।
4. बाइबल की भविष्यवाणी के मुताबिक 1914 में परमेश्वर का राज शुरू हुआ
पुराने ज़माने में बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर को परमेश्वर ने एक सपना दिखाया कि भविष्य में क्या होनेवाला है। जब दानियेल ने वह सपना और उसका मतलब बताया, तो यह ज़ाहिर हुआ कि सपने की बातें दो बार पूरी होनी थीं। एक, नबूकदनेस्सर के शासन पर और दो, परमेश्वर के राज पर।—दानियेल 4:17 पढ़िए।a
दानियेल 4:20-26 पढ़िए। फिर चार्ट देखकर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
(1) नबूकदनेस्सर ने अपने सपने में क्या देखा?—वचन 20 और 21 देखिए।
(2) सपने में दिखाए गए पेड़ का क्या हुआ?—वचन 23 देखिए।
(3) “सात काल” के बीतने पर क्या होता?—वचन 26 देखिए।
पेड़ के बारे में सपना परमेश्वर के राज से कैसे जुड़ा है?
भविष्यवाणी (दानियेल 4:20-36)
हुकूमत
(1) एक बड़ा पेड़
हुकूमत रुक गयी
(2) “इस पेड़ को काट डालो” और ‘सात काल बीतने दो’
हुकूमत दोबारा शुरू हुई
(3) “तेरा राज तुझे लौटा दिया जाएगा”
पहली बार यह भविष्यवाणी कब और कैसे पूरी हुई?
(4) पेड़ किसे दर्शाता था?—वचन 22 देखिए।
(5) उसका शासन क्यों रुक गया?—दानियेल 4:29-33 पढ़िए।
(6) “सात काल” के बीतने के बाद नबूकदनेस्सर का क्या हुआ?—दानियेल 4:34-36 पढ़िए।
पहली बार कब और कैसे पूरी हुई?
हुकूमत
(4) बैबिलोन का राजा नबूकदनेस्सर
हुकूमत रुक गयी
(5) ईसा पूर्व 606 के बाद, नबूकदनेस्सर की दिमागी हालत खराब हो गयी और वह सात साल तक राज नहीं कर पाया
हुकूमत दोबारा शुरू हुई
(6) नबूकदनेस्सर ठीक हो जाता है और फिर से राज करने लगता है
दूसरी बार यह भविष्यवाणी कब और कैसे पूरी हुई?
(7) पेड़ किसे दर्शाता था?—1 इतिहास 29:23 पढ़िए।
(8) उनका शासन क्यों रुक गया? हम कैसे जानते हैं कि जब यीशु धरती पर था, तब भी यह शासन रुका हुआ था?—लूका 21:24 पढ़िए।
(9) यह शासन कब और कहाँ दोबारा शुरू हुआ?
दूसरी बार कब और कैसे पूरी हुई?
हुकूमत
(7) परमेश्वर की तरफ से हुकूमत करनेवाले इसराएली राजा
हुकूमत रुक गयी
(8) यरूशलेम का नाश हुआ और इसराएली राजाओं की हुकूमत 2,520 साल के लिए रुक गयी
हुकूमत दोबारा शुरू हुई
(9) यीशु स्वर्ग में परमेश्वर के राज का राजा बनता है और हुकूमत करने लगता है
सात काल का दौर कितना लंबा है?
बाइबल के कुछ वचनों को समझने के लिए दूसरे वचन हमारी मदद करते हैं। जैसे, प्रकाशितवाक्य की किताब में बताया गया है कि साढ़े तीन काल 1,260 दिन के बराबर हैं। (प्रकाशितवाक्य 12:6, 14) तो साढ़े तीन काल का दुगना सात काल हुए यानी 2,520 दिन। बाइबल की कुछ भविष्यवाणियों में एक दिन को एक साल के बराबर बताया गया है। (यहेजकेल 4:6) दानियेल की भविष्यवाणी भी उनमें से एक है, इसलिए सात काल का दौर 2,520 साल लंबा है।
5. सन् 1914 से दुनिया बदल गयी
यीशु ने पहले से बताया था कि जब वह राजा बनेगा, तो उसके बाद दुनिया के हालात कैसे होंगे। लूका 21:9-11 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
यहाँ जो हालात बताए गए हैं, उनमें से आपने कौन-से होते देखे हैं या उनके बारे में सुना है?
प्रेषित पौलुस ने बताया था कि इंसान के शासन के आखिरी दिनों में लोग कैसे होंगे। दूसरा तीमुथियुस 3:1-5 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
जैसा यहाँ बताया है, आपने लोगों में कैसा रवैया देखा है?
6. परमेश्वर का राज स्वर्ग में शुरू हो चुका है, यह जानकर हमें क्या करना चाहिए?
मत्ती 24:3, 14 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
ऐसा कौन-सा ज़रूरी काम हो रहा है जो दिखाता है कि परमेश्वर का राज शासन कर रहा है?
इस काम में आप कैसे हाथ बँटा सकते हैं?
परमेश्वर का राज स्वर्ग में शासन कर रहा है और बहुत जल्द पूरी धरती पर भी शासन करेगा। इब्रानियों 10:24, 25 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
‘जैसे-जैसे हम उस दिन को नज़दीक आता देख’ रहे हैं, हममें से हरेक जन को क्या करना चाहिए?
शायद कोई पूछे: “यहोवा के साक्षी 1914 के बारे में इतना क्यों बात करते हैं?”
आप क्या जवाब देंगे?
अब तक हमने सीखा
बाइबल की भविष्यवाणी और दुनिया के हालात से पता चलता है कि परमेश्वर का राज स्वर्ग में शुरू हो चुका है। हमें भी इस बात का यकीन है, इसलिए हम इस राज के बारे में प्रचार करते हैं और मंडली की सभाओं में जाते हैं।
आप क्या कहेंगे?
दानियेल की भविष्यवाणी में सात काल के बीतने पर क्या हुआ?
आपको किस बात से यकीन हुआ कि परमेश्वर का राज 1914 में शुरू हो चुका है?
अगर आपको यकीन है कि परमेश्वर का राज शासन कर रहा है, तो आप क्या करना चाहेंगे?
ये भी देखें
सन् 1914 से दुनिया किस तरह बदल गयी है, इस बारे में इतिहासकार और दूसरे लोग क्या कहते हैं? आइए जानें।
“नैतिक मूल्यों का अचानक गिरना कब शुरू हुआ?” (सजग होइए!, जुलाई-सितंबर, 2007)
मत्ती 24:14 की भविष्यवाणी का एक आदमी पर क्या असर हुआ? आइए उसकी कहानी पढ़कर देखें।
हम कैसे जानते हैं कि दानियेल अध्याय 4 की भविष्यवाणी परमेश्वर के राज के बारे में है?
“सन् 1914 क्यों यहोवा के साक्षियों के लिए खास साल है? (भाग 1)” (प्रहरीदुर्ग, जनवरी-मार्च, 2015)
किस बात से पता चलता है कि दानियेल अध्याय 4 में जो “सात काल” बताए गए हैं, वे 1914 में खत्म हुए?
“सन् 1914 क्यों यहोवा के साक्षियों के लिए खास साल है? (भाग 2)” (प्रहरीदुर्ग, अप्रैल-जून, 2015)
a इस पाठ में “ये भी देखें” भाग के आखिरी दो लेख पढ़ें।