शास्त्रों से शिक्षा: जकर्याह १:१-१४:२१
यहोवा उसके लोगों की आत्मा को उत्तेजित करता है
सामान्य युग पूर्व ५३८ के परवर्ती भाग में या सा.यु.पू. ५३७ के प्रारम्भ में फारसी राजा कुस्रू ने एक आदेश दिया कि यहूदी “यहोवा का भवन पुनःनिर्माण” करणे के लिए बाबेल से यरूशलेम लौट जाना है। (एज्रा १:३, न्यू.व.) किन्तु, सा.यु.पू. ५२० होने पर भी मन्दिर का पुनःनिर्माण नही हुआ। इसलिए यहोवा भविष्यवक्ता जकर्याह को हाग्गै के साथ साथ लोगों की आत्मा को उत्तेजित करने में कार्य करने के लिए खड़ा करता है।
जकर्याह के प्रेरित शब्दों ने, यह दिखाने के द्वारा कि यहोवा उनका समर्थन कर रहा है और उनके कार्य पर आशिष देगा, विश्वासी यहूदियों में दोबारा शक्ति प्रदान किया। यह बाइबल पुस्तक हमें भी उत्साह देती है क्योंकि इस में मसीह भविष्यवाणी और साथ ही अन्य भविष्यवाणी भी हैं जो हमारे समय में पूर्ण हो रही हैं।a यह हमें मूल्यावान् शिक्षाएं भी देती है।
यहोवा उसके लोगों को आशिष देता है
यहोवा उसके लोगों के बारे चिन्तित है। यहूदियों का यह मानने के बाद कि परमेश्वर का उन्हे अनुशासित करना उचित था, जकर्याह को तीन दर्शन होते हैं जो उनके बारे में उसकी निरन्तर चिन्ता को दिखाते हैं। पहले में वह घोड़ों को दिव्य सवारों के साथ देखता है। एक स्वर्गदूत अशान्त है क्योंकि उन राष्ट्रों में, जिन्होंने यहूदियों पर विपत्ति लाया “शान्ति और चैन है।” दूसरे में यहोवा उन “चार सींगों” को गिरा देने का निश्चय करता है—वे सरकारी शक्तियाँ हैं जो उसके लोगों को तित्तर-बित्तर किया। और तीसरा दर्शन स्पष्ट रूप से यरूशलेम पर यहोवा का प्रेममय, संरक्षक ध्यान का वर्णन करता है।—१:१-२:१३.
कोई भी परमेश्वर के वफादार सेवकों को रोक नहीं सकेगा। चौथे दर्शन में, शैतान को, यहोवा के लोगों का प्रमुख प्रतिरोधी, सख्ती से डाँटा गया है। (प्रकाशितवाक्य १२:१० से तुलना करें) पाँचवे में, जकर्याह यह सीखता है कि परमेश्वर के लोग उसकी इच्छा पर्वताकार बाधाओं के बावजूद करेंगे। कैसे? “न तो बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा होगा,” मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।”—३:१-४:१४.
परमेश्वर के सेवक “बुराई से घृणा” करते हैं। (भजन १७:१०, ११) छटवे दर्शन में परमेश्वर कुकर्मियों पर शाप देता है जो अब तक अदंडित रहे हैं। और सातवे में दुष्टता का एक प्रतिरूप को “शिनार देश” को भेज दिया गया जो झूठे बाबेली धर्मों का स्थान है। उसके लिए एक अच्छी जगह! कुकर्म यहोवा के लोगों के बीच सम्बन्ध नहीं रख सकता जो उससे घृणा करते हैं। जकर्याह फिर घोड़ों द्वारा चलाए रथों को देखता है—पृथ्वी पर के परमेश्वर के सेवकों की रक्षा करने के लिए नियुक्त दैवी आत्मिक शक्तियाँ।—५:१-६:८.
भविष्यसूचक पूर्वझलक
यहोवा के भविष्यसूचक वचन की पूर्ती रोमहर्षक और विश्वास को बढ़ानेवाला है। हमारे दिनों के लिए जकर्याह के भविष्यसूचक पूर्वझलक कितना सही है! निर्वासित यहूदियों द्वारा दिए गए सोना और चाँदी का उपयोग करके वह महा याजक यहोशू के लिए एक शानदार मुकुट बनानेवाला है। इसके अलावा “दूर दूर [बाबेल] के लोग आ आकर यहोवा के मन्दिर बनाने में सहायता करेंगे,” जैसे कि कई लोगों ने १९१९ के बाद बड़ी बाबेल को छोड़कर मन्दिर कार्य में मदद करने के लिए निकले। उपवास करने के बारे में गलत विचारों का संशोधन, यरूशलेम में आनेवाली आनन्दमय स्थिति के वर्णन की ओर ले जाता है। यह भविष्यवाणी की गई थी कि सब जातियों में से दस मनुष्य सच्ची उपासना में आध्यात्मिक यहूदियों से मिल जाएंगे। (गलतियों ६:१६; प्रकाशितवाक्य ७:४-१०) यहोवा कहता है, “हे यरुशलेम, जयजयकार कर।” उसका राजा एक गदहे पर सवार होकर आता है और “जातियों से शान्ति की बातें कहेगा।”—६:९-९:११.
परमेश्वर और चरवाहे
सर्वेक्षकों को एक भारी जिम्मेदारी है और उत्साह के साथ सेवा करना है। उसके लोगों को बचाने का वादा करने के बाद यहोवा विश्वासघाती चरवाहों के विरुद्ध अपना क्रोध व्यक्त करता है। “तीन चरवाहे” झुण्ड को इस कदर तक भ्रष्ट करता है कि परमेश्वर उसके लोगों के साथ बाँधा हुआ वाचा तोड़ देता है। यरूशलेम एक “भारी पत्थर” बन जाएगी। कोई भी जो उस पर आक्रमण करेगा “वे बहुत ही घायल होंगे।” लेकिन “यहूदा के अधिपति”—परमेश्वर के चुने लोगों के बीच में निरीक्षण करनेवाले—‘एक मशाल’ के समान होंगे, विशिष्ठ रूप से उत्साही।—९:१२-१२:१४.
यहोवा कूटकारकों से घृणा करता है। परमेश्वर की मण्डली में कोई भी जो ‘झूठ’ बोलते रहते हैं बेध डाले जाएंगे, विश्वासघाती होने के कारण बहिष्कृत। देश की “दो तिहाई” मार डाली जाएगी जब कि बची हुई तिहाई आग में डालकर निर्मल किया जाएगा। इसके बराबर मसीही होने का दावा करनेवाले एक भारी संख्या—मसीही जगत के—यहोवा के द्वारा अलग किए गए हैं। १९१९ से लेकर केवल एक छोटी विश्वासी और अभिषिक्त मसीहियों की अल्पसंख्याने यहोवा के नाम को पुकारा है और उसके परिष्करण कार्य के आधीन हुए हैं—१३:१-९.
यहोवा के लोग उसकी रक्षा में भरोसा रख सकते हैं। जब दुष्मन सच्चे उपासकों का नाश करने की कोशिश करेंगे तब परमेश्वर उसके लोगों की रक्षा करेगा और शैतान की भीड़ को नाश कर देगा। जलपाई के पर्वत का बीचोबीच फटना एक प्रतीकात्मक घाटी को उत्पन्न करता है जिस में अभिषिक्त लोग यहोवा के सार्वभौम राज्य और उसके पुत्र का मसीही सरकार के आधीन सुरक्षा अनुभव करेंगे। परमेश्वर विश्वस्त सेवकों के लिए उजाला और राष्ट्रों के लिए अँधेरा होगा। मनुष्यजाति को चुनना है: यहोवा की उसके लोगों के साथ उपासना करना या हमेशा के लिए नाश होना।—१४:१—२१.
[फुटनोट]
a जकर्याह की भविष्यवाणी का हर आयत पर चर्चा, पॅरडाईज़ रिस्टोर्ड टु मॅनकैन्ड—बाय थीयॉक्रसी!, इस पुस्तक में पाया जाता है, जो वॉचटावर बाइबल ॲन्ड ट्रॅक्ट सोसायटी ऑफ न्यू यॉर्क द्वारा प्रकाशित किया गया है।
[पेज 32 पर बक्स]
बाइबल के मूल शास्त्रों का परीक्षण
○ १:३—यद्यपि यहूदी बाबेल से सा.यु.पू. ५३७ में लौट आए उन्हें परमेश्वर की ओर एकनिष्ठ आज्ञाकारिता और उपासना के साथ वापस जाने के लिए भी प्रेरित किया गया था। वे इस वापसी का दृश्य प्रमाण, जब तक मन्दिर पूर्ण नहीं होता तब तक पुनःनिर्माण कार्य में भाग लेने के द्वारा देंगे।
○ २:१-५—सम्भवतः वह जवान पुरुष यरूशलेम को माप रहा था ताकि उसकी चारों ओर एक संरक्षक दीवार निर्माण किया जा सके। लेकिन परमेश्वर का स्वर्गदूत सूचित करता है कि उस शहर की वृद्धि एक दीवार से सीमित नहीं किया जाना था। कोई भी मनुष्य यरूशलेम का बढ़ता विकास रोक नहीं सकता। यहोवा उसका बचाव होगा जैसे आज भी वह अभिषिक्त अवशेष की रक्षा करता है, जो स्वर्गीय नई यरूशलेम का भाग होनेवाले हैं—प्रकाशितवाक्य २१:२.
○ ६:११-१५—महा याजक यहोशू का अभिषेक उसे एक याजक-राजा नहीं बनाता क्योंकि वह दाऊद का राजसी वंश का नहीं था। बल्कि, यह यहोशू को मसीहा का एक भविष्यसूचक रूप बनाता है जिस में “शाख” से सम्बन्धित भविष्यवाणी पूर्ण रूप से कार्यान्वित हुए हैं (जकर्याह ३:८; यिर्मयाह २३:५) यहोशू ने यरूशलेम के मन्दिर के पुनःनिर्माण को पूर्ण करने के लिए सहायता दी। स्वर्गीय याजक राजा, यीशु मसीह, आत्मिक मन्दिर के कार्य को पूर्ण करता है।
○ ११:४-११—भेड़ समान लोग “घात होनेवाली भेड़-बक़रियों” के जैसे इस अर्थ में था कि सरकारी चरवाहें उनका शोषण कर रहे थे। एक लाठी का नाम “अनुग्रह” और दूसरी लाठी का नाम “एकता” रखते हुए, जकर्याह एक चरवाहे के रूप में कार्य किया जो एक लाठी को लिए झुण्ड का मार्गदर्शन करता है और एक छड़ी को लिए पशुओं को दूर करता है। (भजन २३:४) वह यीशु का पूर्वसंकेत था जिसे एक आध्यात्मिक चरवाहा होने के लिए भेजा गया लेकिन यहूदियों द्वारा अस्वीकृत किया गया। जब जकर्याह ने “अनुग्रह” की लाठी तोड़ दी, परमेश्वर यहूदियों के साथ अनुग्रह पूर्ण रूप से व्यवहार करना बन्द किया, उनके साथ उसके वाचा को तोड़ते हुए। और जब जकर्याह “एकता” की लाठी तोड़ दी जो परमेश्वर का इस्राएल के साथ के नियम वाचा को रद्द किया तब यहूदी, एकता का एक ईश्वरशासित बन्धन के बिना रह गए। उनका धार्मिक विच्छेद उनके लिए अनर्थकारी सिद्ध हुआ जब सा.यु. ७० में रोमियोंने यरूशलेम का नाश किया।
○ १२:११—“हदद्रिम्मोन का रोना पीटना” शायद यहूदा का राजा योशिय्याह की मृत्यु के शोक को सूचित करता है। हदद्रिम्मोन स्पष्ट मगिद्दो की घाटी में एक स्थल है जहाँ वह फिरौन नको के साथ की लड़ाई में मारा गया। योशिय्याह की मृत्यु पर विलाप किया गया। यिर्मयाह भजन करता है और गायक राजा को शोकगीतों में उल्लेख करते है।
[पेज 32 पर तसवीरें]
जैसे जकर्याह ने भविष्यवाणी की सभी जातियों के लोग अब आत्मिक इस्राएल के साथ मिल रहे हैं