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‘जो नेक हैं वे सूरज की तरह तेज़ चमकेंगे’प्रहरीदुर्ग—2010 | मार्च 15
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5. मिसाल में बताया गया दुश्मन कौन है? और जंगली पौधे किन्हें दर्शाते हैं?
5 वह दुश्मन कौन है जो जंगली पौधों के बीज बो देता है? और ये जंगली पौधे क्या हैं? यीशु बताता है कि दुश्मन “शैतान है।” जंगली पौधों को “उस दुष्ट के बेटे” बताया गया है। (मत्ती 13:25, 38, 39) यीशु ने मिसाल में जिस जंगली पौधे का ज़िक्र किया वह शायद एक किस्म का खरपतवार है। यह ज़हरीला पौधा शुरूआत में काफी हद तक गेहूँ जैसा दिखता है, लेकिन पूरी तरह बढ़ने के बाद इन दोनों के बीच फर्क दिखायी देता है। यह मिसाल नकली मसीहियों के लिए बिलकुल सही मिसाल है। क्योंकि वे दावा तो करते हैं कि वे परमेश्वर के राज के बेटे हैं मगर असली फल पैदा नहीं करते! मसीह के चेले होने का दावा करनेवाले ये ढोंगी मसीही, असल में शैतान का “वंश” हैं।—उत्प. 3:15.
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‘जो नेक हैं वे सूरज की तरह तेज़ चमकेंगे’प्रहरीदुर्ग—2010 | मार्च 15
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7. क्या गेहूँ की कुछ फसल ही जंगली पौधे बन गयी? समझाइए।
7 यीशु ने यह नहीं कहा था कि गेहूँ के कुछ पौधे ही जंगली पौधे बन जाएँगे बल्कि यह बताया था कि गेहूँ के बीच जंगली पौधों के बीज बोए गए। तो इसका मतलब, यह मिसाल उन सच्चे मसीहियों के बारे में नहीं है जो बाद में सच्चाई पर चलना छोड़ देते हैं। इसके बजाय यह मिसाल, मसीही मंडली को भ्रष्ट करने की शैतान की ज़बरदस्त कोशिश पर ध्यान दिलाती है, जिसके चलते वह दुष्ट लोगों को मसीही मंडली के अंदर ले आया था। मंडली के अंदर दुष्ट लोगों को लाकर शैतान इसे भ्रष्ट करने में काफी हद तक कामयाब रहा। सबसे आखिरी प्रेषित, यूहन्ना के काफी बूढ़े होने के वक्त तक सच्चे मसीही धर्म के खिलाफ यह धर्मत्याग या बगावत बिलकुल साफ नज़र आने लगी थी।—2 पत. 2:1-3; 1 यूह. 2:18.
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‘जो नेक हैं वे सूरज की तरह तेज़ चमकेंगे’प्रहरीदुर्ग—2010 | मार्च 15
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कटाई का वक्त, जिसका सदियों से इंतज़ार था
10, 11. (क) कटाई का वक्त कौन-सा है? (ख) गेहूँ जैसे असली मसीहियों को यहोवा के गोदाम में कैसे लाया जा रहा है?
10 यीशु हमें बताता है: “कटाई, दुनिया की व्यवस्था का आखिरी वक्त है और कटाई करनेवाले स्वर्गदूत हैं।” (मत्ती 13:39) इस दुष्ट दुनिया की व्यवस्था के आखिरी दिनों के दौरान लोगों को अलग करने का काम किया जाता है। राज के बेटों को, जो गेहूँ जैसे हैं, इकट्ठा किया जाना है और उन्हें जंगली पौधों जैसे नकली मसीहियों से अलग किया जाना है। इस बारे में प्रेषित पतरस हमें बताता है: “वह तय किया हुआ वक्त आ पहुँचा है जब न्याय हो, और इस न्याय की शुरूआत परमेश्वर के घर से होगी। अगर इसकी शुरूआत हम ही से होगी, तो उनका क्या हश्र होगा जो परमेश्वर से मिली खुशखबरी का वचन मानने से इनकार करते हैं?”—1 पत. 4:17.
11 आखिरी दिन या “दुनिया की व्यवस्था का आखिरी वक्त” शुरू होने के कुछ ही वक्त बाद उन सभी का न्याय किया जाने लगा जो असली मसीही होने का दावा करते थे। उनका फैसला किया गया कि वे असल में “राज के बेटे” हैं या “उस दुष्ट के बेटे।” कटाई के काम की शुरूआत में “पहले” महानगरी बैबिलोन गिर गयी और “उसके बाद” राज के बेटों को इकट्ठा किया गया। (मत्ती 13:30) तब से राज के इन बेटों को, जिन्हें मिसाल में गेहूँ बताया गया है, यहोवा के गोदाम में कैसे लाया जा रहा है? कटाई के बाद इन्हें मसीही मंडली में लाया जा रहा है जिसे शुद्ध कर बहाल किया गया था, जहाँ इन्हें परमेश्वर की मंज़ूरी और हिफाज़त मिलती है और उनमें से जो मर जाते हैं उन्हें स्वर्गीय जीवन का इनाम मिलता है।
12. कटाई का काम कितने समय तक चलता है?
12 न्याय करने का यह वक्त कब तक जारी रहता है? यीशु ने कटाई के “दिनों” की बात की जिसका मतलब है कि कटाई कई दिनों तक चलती है। (प्रका. 14:15, 16) अभिषिक्त जनों में से हर शख्स “राज का बेटा” है या नहीं, इसका फैसला करने का काम इन आखिरी दिनों के दौरान चलता रहेगा। और यह तब तक चलेगा जब तक उन पर आखिरी मुहर नहीं लगायी जाती।—प्रका. 7:1-4.
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