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मसीह के भाइयों के वफादार रहिए और उनकी मदद कीजिएप्रहरीदुर्ग—2015 | मार्च 15
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4 सन् 1881 की ज़ायन्स वॉच टावर में बताया गया था कि “इंसान का बेटा” या “राजा” यीशु है। और राजा के ‘भाई’ वे लोग हैं जो स्वर्ग में यीशु के साथ राज करेंगे। साथ ही, वे लोग भी हैं जो सिद्ध होने के बाद धरती पर जीएँगे। उस प्रहरीदुर्ग में यह भी बताया गया था कि भेड़ समान लोगों का बकरी समान लोगों से अलग किया जाना मसीह के हज़ार साल के राज के दौरान होगा। और भेड़ें उन लोगों को कहा जाएगा जो ज़िंदगी के हर मामले में परमेश्वर के जैसा प्यार दिखाते हैं।
5. सन् 1923 में यहोवा के लोगों को कैसे इस मिसाल की और भी खुलकर समझ मिली?
5 कुछ समय बाद, यहोवा ने अपने लोगों को यह मिसाल और भी अच्छी तरह समझने में मदद दी। सन् 1923 में, 15 अक्टूबर की प्रहरीदुर्ग में बताया गया कि “इंसान का बेटा” यीशु ही है। लेकिन राजा के “भाइयों” की बात करें तो बाइबल की आयतों से समझाया गया कि ये सिर्फ वे लोग हैं जो मसीह के हज़ार साल के शासन के दौरान उसके साथ स्वर्ग से राज करेंगे। उसमें यह भी बताया गया था कि भेड़ें वे लोग होंगे जो यीशु पर विश्वास करते हैं और यह यकीन करते हैं कि परमेश्वर के राज में ही इंसान बेहतर ज़िंदगी जी पाएगा। ये लोग यीशु और उसके भाइयों की हुकूमत में धरती पर जीएँगे। तो फिर भेड़ों को बकरियों से अलग कब किया जाएगा? मसीह का हज़ार साल का शासन शुरू होने से पहले। यह हम कैसे कह सकते हैं? मिसाल में बताया गया है कि भेड़ समान लोग राजा के भाइयों की मदद करते हैं। और उनकी मदद ये लोग तभी कर सकते हैं जब राजा के ये भाई धरती पर मौजूद हों।
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मसीह के भाइयों के वफादार रहिए और उनकी मदद कीजिएप्रहरीदुर्ग—2015 | मार्च 15
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7. आज हम भेड़ों और बकरियों की मिसाल किस तरह समझते हैं?
7 आज हम भेड़ों और बकरियों की मिसाल और अच्छी तरह समझते हैं। हम जानते हैं कि “इंसान का बेटा” या “राजा” यीशु है। राजा के ‘भाई’ वे लोग हैं जिन्हें पवित्र शक्ति से अभिषिक्त किया गया है और जो यीशु के साथ स्वर्ग से राज करेंगे। (रोमि. 8:16, 17) और ‘भेड़ें’ और ‘बकरियाँ’ सब राष्ट्रों के लोगों को दर्शाती हैं। इनका न्याय कब किया जाएगा? करीब-करीब महा-संकट के आखिर में, जो बहुत जल्द शुरू होनेवाला है। लेकिन कुछ लोगों को भेड़ और बाकी लोगों को बकरियाँ क्यों कहा जाता है? वजह है, लोगों का अभिषिक्त मसीहियों के साथ व्यवहार, यानी वे धरती पर बचे अभिषिक्त मसीहियों के साथ जिस तरह व्यवहार करते हैं, उसके आधार पर उनका न्याय किया जाएगा। हम यहोवा के कितने एहसानमंद हैं कि उसने कई सालों के दौरान यह मिसाल और मत्ती अध्याय 24 और 25 में दर्ज़ दूसरी मिसालें और अच्छी तरह समझने में हमारी मदद की है।
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मसीह के भाइयों के वफादार रहिए और उनकी मदद कीजिएप्रहरीदुर्ग—2015 | मार्च 15
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9 सबसे पहले ध्यान दीजिए कि यीशु मिसाल देकर कोई-न-कोई सीख देता था। इस मिसाल में वह सचमुच की भेड़ों और बकरियों की बात नहीं कर रहा था। उसी तरह उसके कहने का यह मतलब नहीं था कि जब एक व्यक्ति सचमुच में अभिषिक्त मसीहियों को खाना और कपड़ा देगा या बीमारी के वक्त उनकी देखभाल करेगा या जेल में उनसे मिलने जाएगा तभी उसका न्याय भेड़ के तौर पर किया जाएगा। इसके बजाय, वह यह सिखा रहा था कि भेड़ समान लोगों को उसके भाइयों की तरफ कैसा रवैया दिखाना चाहिए। उसने भेड़ समान लोगों को “नेक” कहा। वह क्यों? क्योंकि वे धरती पर मौजूद अभिषिक्त मसीहियों को यीशु के भाई समझते हैं और संकटों से भरे इन आखिरी दिनों में उनके वफादार रहते हैं।—मत्ती 10:40-42; 25:40, 46; 2 तीमु. 3:1-5.
10. भेड़ें यीशु के भाइयों की मदद कैसे कर सकती हैं?
10 भेड़ों और बकरियों की मिसाल देने से पहले यीशु ने बताया कि दुनिया की व्यवस्था के आखिरी वक्त में क्या-क्या घटनाएँ घटेंगी। (मत्ती 24:3) उदाहरण के लिए उसने कहा, “राज की इस खुशखबरी का सारे जगत में प्रचार किया जाएगा।” (मत्ती 24:14) फिर उसने तोड़ों की मिसाल दी और उसके बाद भेड़ों और बकरियों की। जैसे हमने पिछले लेख में देखा, तोड़ों की मिसाल देकर यीशु ने अभिषिक्त मसीहियों को समझाया कि उन्हें प्रचार काम में कड़ी मेहनत करनी चाहिए। अभिषिक्त मसीहियों से कहा गया है कि वे अंत आने से पहले “सब राष्ट्रों” के लोगों को खुशखबरी सुनाएँ। लेकिन आज धरती पर बहुत कम अभिषिक्त मसीही रह गए हैं और अभी बहुत काम बाकी है! भेड़ों और बकरियों की मिसाल में हमने सीखा कि ‘भेड़ें’ यीशु के भाइयों की मदद करती हैं। तो फिर प्रचार काम में उनका हाथ बँटाने से बढ़िया और क्या मदद हो सकती है! लेकिन क्या सिर्फ इस काम के लिए दान देना या इसके लिए उनका हौसला बढ़ाना काफी है?
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