पाठ 59
आप ज़ुल्मों का सामना कर सकते हैं!
आज नहीं तो कल लोग सभी मसीहियों को यहोवा की सेवा करने से रोकेंगे। वे हमारा विरोध करेंगे, हमें सताएँगे या हम पर ज़ुल्म ढाएँगे। क्या इस बात से हमें घबरा जाना चाहिए? आइए जानें।
1. जब हम पर ज़ुल्म किए जाते हैं, तो हमें क्यों हैरानी नहीं होती?
बाइबल में साफ बताया गया है, “जितने भी मसीह यीशु में परमेश्वर की भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं उन सब पर . . . ज़ुल्म ढाए जाएँगे।” (2 तीमुथियुस 3:12) यीशु पर ज़ुल्म किए गए क्योंकि वह शैतान की दुनिया का नहीं था। हम भी इस दुनिया के नहीं हैं, इसलिए जब सरकारें और धार्मिक संगठन हम पर ज़ुल्म करते हैं, तो हमें हैरानी नहीं होती।—यूहन्ना 15:18, 19.
2. ज़ुल्मों का सामना करने के लिए हम अभी से क्या कर सकते हैं?
हमें अभी से यहोवा पर अपना भरोसा बढ़ाना होगा। हमें हर दिन उससे प्रार्थना करने और उसका वचन पढ़ने के लिए समय निकालना होगा। इसके अलावा, हमें लगातार सभाओं में जाना होगा। यह सब करने से हम हिम्मत के साथ किसी भी ज़ुल्म का सामना कर पाएँगे। अगर हमारे परिवारवाले भी हमें सताएँ या हमारा विरोध करें, तब भी हम कमज़ोर नहीं पड़ेंगे। प्रेषित पौलुस को भी कई बार ज़ुल्म सहने पड़े लेकिन उसने लिखा, “यहोवा मेरा मददगार है, मैं नहीं डरूँगा।”—इब्रानियों 13:6.
नियमित तौर पर प्रचार करने से भी हमारी हिम्मत बढ़ेगी। प्रचार करने से हम यहोवा पर भरोसा करना सीखते हैं और अपने मन से लोगों का डर निकाल पाते हैं। (नीतिवचन 29:25) अगर हम आज हिम्मत जुटाकर प्रचार करेंगे, तो हम तब भी प्रचार करने से पीछे नहीं हटेंगे जब सरकार हमारे काम पर पाबंदी लगा दे।—1 थिस्सलुनीकियों 2:2.
3. ज़ुल्म सहकर भी जब हम वफादार रहते हैं, तो क्या अच्छे नतीजे निकलते हैं?
हमें ज़ुल्म सहने का कोई शौक नहीं है लेकिन जब हम ज़ुल्म सहकर भी यहोवा के वफादार रहते हैं, तो हमारा विश्वास और मज़बूत हो जाता है। वह कैसे? ज़ुल्म सहते वक्त जब हमें लगता है कि हम और नहीं सह पाएँगे, तब हम महसूस कर पाते हैं कि यहोवा हमें सँभाले हुए है। इस तरह हम यहोवा के और करीब आ जाते हैं। (याकूब 1:2-4 पढ़िए।) जब हम दुख सहते हैं, तो यह देखकर यहोवा को बहुत दुख होता है। लेकिन ऐसे में भी जब हम वफादार रहते हैं, तो उसे बहुत खुशी होती है। बाइबल में लिखा है, “अगर तुम अच्छा काम करने की वजह से दुख सहते हो, तो परमेश्वर की नज़र में यह अच्छी बात है।” (1 पतरस 2:20) अगर हम वफादार रहेंगे, तो यहोवा हमें ऐसी ज़िंदगी देगा जिसमें हम बिना रोक-टोक उसकी उपासना हमेशा तक कर पाएँगे।—मत्ती 24:13.
और जानिए
जब हमारा विरोध किया जाता है या हम पर ज़ुल्म किए जाते हैं, तब भी हम यहोवा के वफादार रह सकते हैं और वह हमें इसका इनाम भी देगा। आइए जानें कैसे।
4. जब परिवारवाले विरोध करें, तब आप उसे सह सकते हैं
जब हम यहोवा की सेवा करने का फैसला करते हैं, तो हमारे परिवार में से कुछ लोग शायद इस फैसले से खुश न हों। यीशु इस बात को अच्छी तरह जानता था। मत्ती 10:34-36 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
जब एक व्यक्ति यहोवा की सेवा करने का फैसला करता है, तो शायद उसके परिवारवाले क्या करें?
इस बात को और अच्छी तरह समझने के लिए वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
अगर कोई दोस्त या रिश्तेदार आपको यहोवा की सेवा करने से रोके, तो आप क्या करेंगे?
भजन 27:10 और मरकुस 10:29, 30 पढ़िए। हर वचन को पढ़ने के बाद आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
जब परिवारवाले या दोस्त आपका विरोध करें, तो इस वादे से कैसे आपको मदद मिल सकती है?
5. जब आप पर ज़ुल्म किए जाते हैं, तब भी यहोवा की उपासना करना मत छोड़िए
जब लोग हमारा विरोध करते हैं, तब भी यहोवा की उपासना करते रहने के लिए हमें हिम्मत की ज़रूरत होती है। वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
इन अनुभवों में बतायी गयी किन बातों से आपको हिम्मत मिली?
प्रेषितों 5:27-29 और इब्रानियों 10:24, 25 पढ़िए। हर वचन को पढ़ने के बाद आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
जब सरकार प्रचार काम और सभाओं के लिए इकट्ठा होने पर पाबंदियाँ लगाती है, तब भी हमें क्यों यहोवा की सेवा करते रहना चाहिए?
6. यहोवा आपको सहने की ताकत देगा
दुनिया-भर में अलग-अलग उम्र के साक्षियों पर ज़ुल्म ढाए जाते हैं, फिर भी वे यहोवा के वफादार रहते हैं और उसकी सेवा करना नहीं छोड़ते। किस बात से उन्हें मदद मिली? जानने के लिए वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
वीडियो में दिखाए गए भाई-बहन ज़ुल्मों को कैसे सह पाए?
रोमियों 8:35, 37-39 और फिलिप्पियों 4:13 पढ़िए। हर वचन को पढ़ने के बाद आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
इस वचन से कैसे आपका भरोसा बढ़ता है कि चाहे कोई भी परीक्षा आए, आप उसका सामना कर पाएँगे?
मत्ती 5:10-12 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
ज़ुल्म होने पर भी आप क्यों खुश रह सकते हैं?
कुछ लोग कहते हैं: “अगर मुझ पर ज़ुल्म होंगे, तो मुझे नहीं लगता कि मैं सह पाऊँगा।”
आप कौन-सा वचन दिखाकर उसका हौसला बढ़ा सकते हैं?
अब तक हमने सीखा
जब हम पर ज़ुल्म किए जाते हैं, फिर भी हम यहोवा की सेवा करना नहीं छोड़ते, तो यहोवा इस बात को कभी नहीं भूलता। उसकी मदद से हम ज़ुल्मों का सामना कर पाएँगे।
आप क्या कहेंगे?
जब हम मसीहियों पर ज़ुल्म किए जाते हैं, तो हमें क्यों हैरानी नहीं होती?
ज़ुल्मों का सामना करने के लिए आप अभी से क्या कर सकते हैं?
आपको किस बात से यकीन हुआ है कि चाहे जो भी परीक्षा आए, आप यहोवा के वफादार रह पाएँगे?
ये भी देखें
एक जवान भाई को निष्पक्ष रहने की वजह से जेल की सज़ा हुई। वीडियो में वह बताता है कि यहोवा ने कैसे उस मुश्किल हालात का सामना करने में उसकी मदद की।
ज़ुल्मों के लंबे दौर में एक पति-पत्नी किस तरह यहोवा के वफादार रहे और उसकी सेवा में लगे रहे? आइए जानें।
जानिए कि अभी से हम अपनी हिम्मत कैसे बढ़ा सकते हैं ताकि आनेवाले ज़ुल्मों का सामना कर सकें।
“आनेवाले ज़ुल्मों की अभी से तैयारी कीजिए!” (प्रहरीदुर्ग, जुलाई 2019)
जब परिवारवाले हमारा विरोध करते हैं, तो क्या बात समझना ज़रूरी है? ऐसे में आप हालात का सामना कैसे कर सकते हैं?
“सच्चाई ‘शांति नहीं लाती बल्कि तलवार चलवाती है’” (प्रहरीदुर्ग, अक्टूबर 2017)