मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका के लिए हवाले
5-11 मार्च
पाएँ बाइबल का खज़ाना | मत्ती 20-21
“तुममें जो बड़ा बनना चाहता है, उसे तुम्हारा सेवक होना चाहिए”
अ.बाइ. मत 20:3 तसवीर
बाज़ार
1 कुछ बाज़ार सड़क पर लगते थे, जैसे यहाँ चित्र में दिखाया गया है। दुकानदार इतना सामान लगा देते थे कि रास्ता जाम हो जाता था। आस-पास के लोग बाज़ार से घरेलू सामान, मिट्टी के बरतन, काँच की महँगी चीज़ें और ताज़ी साग-सब्ज़ियाँ भी खरीदते थे। उस ज़माने में फ्रिज नहीं होते थे, इसलिए लोगों को साग-सब्ज़ी खरीदने हर दिन बाज़ार जाना होता था। बाज़ार में लोगों को व्यापारियों या दूसरी जगहों से आए लोगों से खबरें भी मिल जाती थीं, यहाँ बच्चे खेलते थे और बेरोज़गार लोग इंतज़ार करते थे कि कोई उन्हें काम पर ले जाए। बाज़ार में यीशु ने बीमारों को ठीक किया और पौलुस ने लोगों को प्रचार किया। (प्रेष 17:17) लेकिन घमंडी शास्त्रियों और फरीसियों को ऐसी सार्वजनिक जगहों पर लोगों की नज़रों में छाना और उनसे नमस्कार सुनना अच्छा लगता था।
अ.बाइ. मत 20:20, 21 अध्ययन नोट
जब्दी की पत्नी: यानी प्रेषित याकूब और यूहन्ना की माँ। मरकुस के ब्यौरे के मुताबिक याकूब और यूहन्ना ने यीशु से गुज़ारिश की। ज़ाहिर है कि गुज़ारिश उन दोनों की ही थी, लेकिन ऐसा करने के लिए उन्होंने अपनी माँ सलोमी से कहा। सलोमी शायद यीशु की मौसी थी।—मत 27:55, 56; मर 15:40, 41; यूह 19:25.
एक तेरे दाएँ और दूसरा तेरे बाएँ: यहाँ दोनों पद सम्मान और अधिकार को दर्शाते हैं, मगर दायीं तरफ होना सबसे ज़्यादा सम्मान की बात समझी जाती है।—भज 110:1; प्रेष 7:55, 56; रोम 8:34.
अ.बाइ. मत 20:26, 28 अध्ययन नोट
सेवक: बाइबल में अकसर यूनानी शब्द दीआकोनोस का मतलब होता है, ऐसा व्यक्ति जो नम्र होकर दूसरों की सेवा करने में लगा रहता है। यह शब्द मसीह (रोम 15:8), मसीह के सेवकों (1कुर 3:5-7; कुल 1:23), सहायक सेवकों (फिल 1:1; 1ती 3:8), घर के सेवकों (यूह 2:5, 9) और सरकारी अधिकारियों (रोम 13:4) के लिए इस्तेमाल हुआ है।
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अ.बाइ. मत 21:9 अध्ययन नोट
हम बिनती करते हैं . . . बचा ले: शा., “होसन्ना।” यह यूनानी शब्द उन इब्रानी शब्दों से निकला है जिनका मतलब है, “हम बिनती करते हैं, बचा ले” या “दया करके बचा ले।” यहाँ इस शब्द का मतलब है, उद्धार या जीत के लिए परमेश्वर से बिनती करना। इसका अनुवाद “दया करके उद्धार दिला” भी किया जा सकता है। बाद में यह शब्द प्रार्थना और महिमा करने में इस्तेमाल होने लगा। इसके इब्रानी शब्द भज 118:25 में आते हैं। यह आयत ‘हालेल के भजनों’ का भाग है जो हर साल फसह के त्योहार के दौरान गाए जाते थे। इसलिए ये शब्द इस मौके पर आसानी से लोगों को याद आ गए होंगे। परमेश्वर ने दाविद के वंशज को बचाने की बिनती का जवाब कई तरीकों से दिया, उनमें से एक था कि उसने इस वंशज को दोबारा ज़िंदा किया। मत 21:42 में यीशु ने भज 118:22, 23 की बातें बताकर ज़ाहिर किया कि ये मसीहा के बारे में हैं।
दाविद के वंशज: इन शब्दों से पता चलता है कि यीशु किसके वंश से आया और वही वादा किया हुआ मसीहा है।
जीज़स द वे पेज 244 पै 4-6
अंजीर का पेड़—विश्वास के बारे में एक सीख
लेकिन यीशु उस पेड़ को ऐसा शाप क्यों देता है, जिससे वह सूख जाता है? यीशु विश्वास के बारे में एक अहम बात समझाना चाहता है। वह कहता है, “मैं तुमसे सच कहता हूँ, अगर तुममें विश्वास हो और तुम शक न करो, तो तुम न सिर्फ वह करोगे जो मैंने इस अंजीर के पेड़ के साथ किया, बल्कि अगर तुम इस पहाड़ से कहोगे, ‘यहाँ से उखड़कर समुंदर में जा गिर,’ तो ऐसा हो जाएगा। और तुम विश्वास के साथ प्रार्थना में जो कुछ माँगोगे, वह तुम्हें मिल जाएगा।” (मत्ती 21:21, 22) यही बात उसने पहले भी एक बार बतायी थी कि विश्वास होने से पहाड़ भी हटाया जा सकता है।—मत्ती 17:20.
अंजीर के सूखे पेड़ की तरफ इशारा करके यीशु विश्वास के बारे में एक अहम सीख देता है। वह कहता है, “जो कुछ तुम प्रार्थना में माँगते हो और उसके बारे में विश्वास रखो कि वह तुम्हें ज़रूर मिलेगा वह तुम्हें मिल जाएगा।” (मरकुस 11:24) यह बात यीशु के सभी चेलों को गाँठ बाँध लेनी चाहिए, खासकर प्रेषितों को क्योंकि उन पर जल्द ही बड़ी-बड़ी मुसीबतें आनेवाली हैं। अंजीर का पेड़ जिस तरह सूख गया था, वह इस बात को भी दर्शाता है कि विश्वास न होने से इसराएल राष्ट्र का क्या हाल होगा।
इसराएल राष्ट्र भी उस अंजीर के पेड़ की तरह सिर्फ ऊपर से बहुत अच्छा दिख रहा है। उस राष्ट्र के लोग परमेश्वर के साथ एक करार में बँधे हुए हैं और ऐसा लगता है कि वे परमेश्वर का कानून माननेवाले लोग हैं। लेकिन उस राष्ट्र के ज़्यादातर लोगों में विश्वास नहीं है और उन्होंने अच्छे फल पैदा नहीं किए हैं यानी उनके काम बहुत बुरे हैं। उन्होंने परमेश्वर के बेटे को भी ठुकरा दिया है! इस तरह अंजीर के पेड़ की मिसाल से यीशु यह भी बता रहा है कि इसराएल राष्ट्र का कितना बुरा अंजाम होगा।
12-18 मार्च
पाएँ बाइबल का खज़ाना | मत्ती 22-23
“दो सबसे बड़ी आज्ञाओं का पालन कीजिए”
अ.बाइ. मत 22:37 अध्ययन नोट
दिल: लाक्षणिक भाषा में “दिल” आम तौर पर अंदरूनी इंसान को दर्शाता है। लेकिन जब इसका ज़िक्र “जान” और “दिमाग” के साथ होता है तो ज़ाहिर है कि इसका एक खास मतलब होता है और वह है, एक इंसान की भावनाएँ और इच्छाएँ। यहाँ इस्तेमाल हुए तीनों शब्दों (दिल, जान और दिमाग) के मतलब पूरी तरह अलग नहीं हैं बल्कि उनके कुछ मतलब मिलते-जुलते हैं। इस तरह इन तीनों शब्दों का इस्तेमाल करके ज़बरदस्त तरीके से यह बताया गया है कि एक इंसान को दिलो-जान से परमेश्वर से प्यार करना चाहिए, उसमें कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
जान: शब्दावली में “जीवन” देखें।
दिमाग: अगर एक इंसान परमेश्वर को जानना और उसके लिए अपना प्यार बढ़ाना चाहता है तो उसे अपनी दिमागी काबिलीयतें इस्तेमाल करनी चाहिए। (यूह 17:3, फु.; रोम 12:1) यहाँ व्य 6:5 की बात लिखी है और मूल इब्रानी पाठ में इस आयत में तीन शब्द इस्तेमाल हुए हैं, ‘दिल, जान और ताकत।’ लेकिन जब मत्ती ने यूनानी में इस आयत का अनुवाद किया तो उसने “ताकत” की जगह “दिमाग” शब्द इस्तेमाल किया। ऐसा करने की कई वजह हो सकती हैं। पहली वजह, प्राचीन इब्रानी भाषा में “दिमाग” के लिए कोई खास शब्द नहीं था, लेकिन इसका भाव अकसर “दिल” और “मन” के इब्रानी शब्द में शामिल होता था। लाक्षणिक भाषा में “दिल” के इब्रानी शब्द का मतलब है, अंदरूनी इंसान जिसमें उसकी सोच, भावनाएँ, उसका रवैया और उसके इरादे शामिल हैं। (व्य 29:4; भज 26:2; 64:6; इसी आयत में दिल पर अध्ययन नोट देखें।) इसलिए इब्रानी पाठ में जहाँ-जहाँ शब्द “दिल” और “मन” इस्तेमाल हुए हैं, वहाँ यूनानी सेप्टुआजेंट में अकसर “दिमाग” का यूनानी शब्द इस्तेमाल हुआ है। (उत 8:21; 17:17; नीत 2:10; यश 14:13) दूसरी वजह, “ताकत” के इब्रानी शब्द में शारीरिक और दिमागी ताकत दोनों शामिल हो सकती हैं। वजह चाहे जो भी रही हो, इन इब्रानी और यूनानी शब्दों के कुछ मतलब मिलते-जुलते थे और कुछ मतलब बिलकुल अलग थे, इसलिए खुशखबरी की किताबों के लेखकों ने व्यवस्थाविवरण की बात लिखते वक्त एक-जैसे शब्द इस्तेमाल नहीं किए।
अ.बाइ. मत 22:39 अध्ययन नोट
दूसरी: यीशु ने फरीसी के सवाल का जो सीधा-सीधा जवाब दिया वह मत 22:37 में लिखा है। लेकिन यीशु जवाब में एक और आज्ञा के बारे में बताता है (लैव 19:18) और इस तरह सिखाता है कि इन दोनों आज्ञाओं का आपस में गहरा नाता है और इन्हीं पर पूरा कानून और भविष्यवक्ताओं की शिक्षाएँ आधारित हैं।—मत 22:40.
पड़ोसी: शा., “पासवाले।” इसके यूनानी शब्द का मतलब सिर्फ पड़ोस में रहनेवाले लोग नहीं बल्कि इसमें वे लोग भी शामिल हो सकते हैं जिनसे एक इंसान का मिलना-जुलना होता है।—लूक 10:29-37; रोम 13:8-10.
अ.बाइ. मत 22:40 अध्ययन नोट
कानून और भविष्यवक्ताओं: “कानून” का मतलब है, बाइबल में उत्पत्ति से लेकर व्यवस्थाविवरण तक की किताबें। “भविष्यवक्ताओं” का मतलब है, इब्रानी शास्त्र में भविष्यवक्ताओं की लिखी किताबें। लेकिन जब इन दोनों का ज़िक्र साथ में आता है तो इसका मतलब पूरा इब्रानी शास्त्र हो सकता है।—मत 7:12; 22:40; लूक 16:16.
आधारित हैं: इनकी यूनानी क्रिया का शाब्दिक मतलब है, “पर टंगा होना।” मगर यहाँ यह क्रिया लाक्षणिक तौर पर इस्तेमाल हुई है जिसका मतलब है, “पर आधारित होना; पर टिका होना।” इस तरह यीशु ने समझाया कि न सिर्फ वह कानून, जिसमें दस आज्ञाएँ हैं, बल्कि पूरा इब्रानी शास्त्र प्यार पर आधारित है।—रोम 13:9.
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अ.बाइ. मत 22:21 अध्ययन नोट
जो सम्राट का है वह सम्राट को: यही एक ब्यौरा है (मत 22:21; मर 12:17; लूक 20:25) जिसमें यीशु ने रोमी सम्राट का ज़िक्र किया। ‘जो सम्राट का है उसे चुकाने’ का मतलब है, सरकार के ज़रिए दी गयी सेवाओं की कीमत चुकाना, सरकारी अधिकारियों का आदर करना और सिर्फ ऐसे मामलों में उनके अधीन रहना जिनमें उनकी आज्ञा यहोवा की आज्ञा के खिलाफ न हो।—रोम 13:1-7.
जो परमेश्वर का है वह परमेश्वर को: इसमें यह सब शामिल है: पूरे दिल से उसे प्यार करना, तन-मन से उसकी उपासना करना, उसके वफादार रहना और उसकी हर बात मानना।—मत 4:10; 22:37, 38; प्रेष 5:29; रोम 14:8.
अ.बाइ. मत 23:24 अध्ययन नोट
मच्छर को तो छानकर निकाल देते हो, मगर ऊँट को निगल जाते हो: इसराएलियों के लिए मच्छर सबसे छोटा अशुद्ध जीव था और ऊँट सबसे बड़ा। (लैव 11:4, 21-24) यीशु न सिर्फ अतिशयोक्ति अलंकार का इस्तेमाल कर रहा था बल्कि व्यंग भी कर रहा था। वह कह रहा था कि धर्म गुरु अपने पेय पदार्थों को छानकर मच्छर तो निकाल देते हैं ताकि अशुद्ध न हो जाएँ, मगर कानून की बड़ी-बड़ी बातों को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर देते हैं जो ऊँट को निगलने जैसा है।
19-25 मार्च
पाएँ बाइबल का खज़ाना | मत्ती 24
“इन आखिरी दिनों में जागते रहिए”
इंसाइट-2 पेज 279 पै 6
प्यार
प्यार ठंडा पड़ सकता है। जब यीशु मसीह अपने चेलों को भविष्य में होनेवाली घटनाओं के बारे में बता रहा था, तो उसने यह भी बताया कि परमेश्वर को मानने का दावा करनेवाले ज़्यादातर लोगों का प्यार (आघापी) ठंडा पड़ जाएगा। (मत 24:3, 12) प्रेषित पौलुस ने भी कहा कि जब संकटों का दौर आएगा, तो कई लोग “पैसे से प्यार करनेवाले” होंगे। (2ती 3:1, 2) इससे पता चलता है कि एक इंसान का ध्यान बड़ी आसानी से सही उसूलों से हट सकता है और उसमें पहले जो प्यार था, वह मिट सकता है। इस वजह से ज़रूरी है कि एक इंसान अपने प्यार को कभी ठंडा न पड़ने दे और लगातार यह गुण दर्शाए। परमेश्वर के वचन पर मनन करते रहने और उसके सिद्धांतों के मुताबिक जीवन में बदलाव करते रहने से उसका प्यार कभी ठंडा नहीं पड़ेगा।—इफ 4:15, 22-24.
क्या आप परमेश्वर के प्रति अपना सम्पूर्ण कर्त्तव्य निभा रहे हैं?
5 यीशु मसीह ने आज के इस बुरे समय के बारे में कहा था: “जैसे नूह के दिन थे, वैसा ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा। क्योंकि जैसे जल-प्रलय से पहिले के दिनों में, जिस दिन तक कि नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते-पीते थे, और उन में ब्याह शादी होती थी। और जब तक जल-प्रलय आकर उन सब को बहा न ले गया, तब तक उन को कुछ भी मालूम न पड़ा; वैसे ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा।” (मत्ती 24:37-39) यूँ तो खाना-पीना अपने आप में गलत नहीं, वैसे ही शादी भी आखिर परमेश्वर का किया हुआ एक इंतज़ाम है। (उत्पत्ति 2:20-24) लेकिन अगर हम अपना सारा वक्त इन्हीं बातों के पीछे बरबाद कर रहे हैं तो क्यों न इस बारे में दोबारा सोचने और ज़िंदगी में बदलाव करने के लिए यहोवा से प्रार्थना करें और उससे मदद माँगे? यहोवा हमारी मदद करेगा ताकि हम उसकी सेवा को अपनी ज़िंदगी में सबसे पहला स्थान दे पाएँ। इस तरह हम, जो सही है उसे करते हुए यहोवा के प्रति अपने फर्ज़ को पूरा कर सकेंगे।—मत्ती 6:33; रोमियों 12:12; 2 कुरिन्थियों 13:7.
जीज़स द वे पेज 259 पै 5
यीशु से प्रेषित कहते हैं कि वह उन्हें निशानी बताए
यीशु बताता है कि उसके चेलों को सतर्क रहना है, जागते रहना है और तैयार रहना है। यीशु ने यही बात समझाने के लिए एक और मिसाल दी, “एक बात जान लो कि अगर घर के मालिक को पता होता कि चोर किस पहर आनेवाला है, तो वह जागता रहता और अपने घर में सेंध नहीं लगने देता। इस वजह से तुम भी तैयार रहो क्योंकि जिस घड़ी तुमने सोचा भी न होगा, उस घड़ी इंसान का बेटा आ रहा है।”—मती 24:43, 44.
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अ.बाइ. मत 24:8 अध्ययन नोट
प्रसव-पीड़ा की तरह मुसीबतों: इनके यूनानी शब्द का शाब्दिक मतलब है, बच्चे को जन्म देते समय होनेवाली भयंकर पीड़ा। हालाँकि यहाँ मुसीबतों और दुख-तकलीफों की बात की गयी है, लेकिन इस शब्द का इस्तेमाल शायद यह समझाने के लिए किया गया है कि मत 24:21 में बताए महा-संकट से पहले ये मुसीबतें और दुख-तकलीफें प्रसव-पीड़ा की तरह बहुत बढ़ जाएँगी, ज़बरदस्त होंगी और लंबे समय तक रहेंगी।
अ.बाइ. मत 24:20 अध्ययन नोट
सर्दियों के मौसम में: इस मौसम में ज़ोरदार बारिश, बाढ़ और कड़ाके की ठंड पड़ती थी। ऐसे में सफर करना और खाने और ठहरने की जगह का बंदोबस्त करना मुश्किल हो सकता था।—एज 10:9, 13.
सब्त के दिन: सब्त के नियम की वजह से यहूदिया जैसे इलाकों में कई पाबंदियाँ थीं, इसलिए एक व्यक्ति के लिए लंबा सफर करना या बोझ उठाना मुश्किल हो सकता था। साथ ही, सब्त के दिन शहरों के फाटक भी बंद रहते थे।—प्रेष 1:12 और अति. ख12 देखें।
26 मार्च–1 अप्रैल
पाएँ बाइबल का खज़ाना | मत्ती 25
“जागते रहो”
ढूँढ़ें अनमोल रत्न
मसीह के भाइयों के वफादार रहिए और उनकी मदद कीजिए
7 आज हम भेड़ों और बकरियों की मिसाल और अच्छी तरह समझते हैं। हम जानते हैं कि “इंसान का बेटा” या “राजा” यीशु है। राजा के ‘भाई’ वे लोग हैं जिन्हें पवित्र शक्ति से अभिषिक्त किया गया है और जो यीशु के साथ स्वर्ग से राज करेंगे। (रोमि. 8:16, 17) और ‘भेड़ें’ और ‘बकरियाँ’ सब राष्ट्रों के लोगों को दर्शाती हैं। इनका न्याय कब किया जाएगा? करीब-करीब महा-संकट के आखिर में, जो बहुत जल्द शुरू होनेवाला है। लेकिन कुछ लोगों को भेड़ और बाकी लोगों को बकरियाँ क्यों कहा जाता है? वजह है, लोगों का अभिषिक्त मसीहियों के साथ व्यवहार, यानी वे धरती पर बचे अभिषिक्त मसीहियों के साथ जिस तरह व्यवहार करते हैं, उसके आधार पर उनका न्याय किया जाएगा। हम यहोवा के कितने एहसानमंद हैं कि उसने कई सालों के दौरान यह मिसाल और मत्ती अध्याय 24 और 25 में दर्ज़ दूसरी मिसालें और अच्छी तरह समझने में हमारी मदद की है।
“तुम मेरे दोस्त हो”
16 क्या आप उस समय धरती पर जीने की उम्मीद करते हैं, जब परमेश्वर का राज हुकूमत करेगा? अगर हाँ, तो आप कैसे दिखा सकते हैं कि आप मसीह के भाइयों के दोस्त हैं? आइए सिर्फ तीन तरीकों पर गौर करें। पहला, प्रचार काम में तन-मन से हिस्सा लेकर। मसीह ने अपने भाइयों को आज्ञा दी कि वे खुशखबरी का प्रचार सारे जगत में करें। (मत्ती 24:14) आज इस धरती पर मसीह के कुछ ही भाई रह गए हैं। इसलिए अगर उनके साथी, यानी दूसरी भेड़ के सदस्य उनकी मदद नहीं करते, तो यह ज़िम्मेदारी पूरी करना उनके लिए काफी मुश्किल होता। जी हाँ, जब कभी दूसरी भेड़ के सदस्य प्रचार काम में हिस्सा लेते हैं, वे मसीह के भाइयों को उनका पवित्र काम पूरा करने में हाथ बँटा रहे होते हैं। मसीह के साथ-साथ विश्वासयोग्य और सूझ-बूझ से काम लेनेवाला दास, उनकी इस दोस्ती की बहुत कदर करता है।
17 मसीह के भाइयों के साथ दोस्ती निभाने का दूसरा तरीका है, प्रचार काम में आर्थिक मदद देना। यीशु ने अपने चेलों को उकसाया कि वे “बेईमानी की दौलत” से अपने लिए दोस्त बनाएँ। (लूका 16:9) इसका मतलब यह नहीं कि हम यहोवा और यीशु की दोस्ती खरीद सकते हैं। इसके बजाय इसका मतलब है, प्रचार काम को आगे बढ़ाने के लिए अपनी संपत्ति लगाना। इस तरह, हम न सिर्फ अपनी बातों से बल्कि “अपने कामों से और सच्चे दिल से” दोस्ती और प्यार का सबूत देते हैं। (1 यूह. 3:16-18) आर्थिक मदद देने के तरीके हैं, प्रचार काम में हिस्सा लेना, उपासना की जगह के निर्माण और देखभाल के लिए, साथ ही पूरी दुनिया में किए जानेवाले प्रचार के लिए दान देना। चाहे हम थोड़ा दें या ज़्यादा, जब हम खुशी-खुशी देते हैं, तो यहोवा और यीशु उसकी बहुत कदर करते हैं।—2 कुरिं. 9:7.
18 हम यीशु के भाइयों के दोस्त हैं, यह साबित करने का तीसरा तरीका है मंडली के प्राचीनों की हिदायतें मानना। इन प्राचीनों को मसीह के निर्देशन में और पवित्र शक्ति के ज़रिए ठहराया जाता है। (इफि. 5:23) प्रेषित पौलुस ने लिखा: “तुम्हारे बीच जो अगुवाई करते हैं उनकी आज्ञा मानो और उनके अधीन रहो।” (इब्रा. 13:17) प्राचीन हमें बाइबल पर आधारित कई निर्देशन देते हैं। पर कभी-कभी उन्हें मानना हमें मुश्किल लग सकता है। हम शायद उनकी कमियों से वाकिफ हों और इस वजह से हम उनकी सलाह का गलत मतलब निकाल सकते हैं। मगर ऐसे में हमें याद रखना चाहिए कि मंडली का सिर, मसीह इन असिद्ध पुरुषों का इस्तेमाल करने में खुश है। इसलिए उनके अधिकार के लिए हम जो रवैया दिखाते हैं, उसका मसीह के साथ हमारी दोस्ती पर गहरा असर पड़ता है। जब हम प्राचीनों की खामियों को नज़रअंदाज़ करते हैं और खुशी-खुशी उनके निर्देश मानते हैं, तो हम मसीह के लिए अपना प्यार ज़ाहिर कर रहे होते हैं।