अध्ययन लेख 36
क्या आप प्रचारक बनने के लिए तैयार हैं?
“मत डर। अब से तू जीते-जागते इंसानों को पकड़ा करेगा।”—लूका 5:10.
गीत 73 हमें निडरता का वरदान दे!
लेख की एक झलकa
1. चार मछुवारों को यीशु ने क्या न्यौता दिया और उन्होंने क्या किया?
यीशु के चेले पतरस, अन्द्रियास, याकूब और यूहन्ना मछुवाई का कारोबार करते थे। एक दिन यीशु ने उनसे कहा, “मेरे पीछे हो लो और जिस तरह तुम मछलियाँ पकड़ते हो, मैं तुम्हें इंसानों को पकड़नेवाले बनाऊँगा।” यह सुनकर वे हैरान रह गए होंगे। उन्होंने क्या किया? बाइबल कहती है, “वे फौरन अपने जाल छोड़कर उसके पीछे चल दिए।” (मत्ती 4:18-22) इस फैसले से उनकी पूरी ज़िंदगी बदल गयी। अब वे मछलियाँ पकड़ने के बजाय ‘जीते-जागते इंसानों को पकड़ते’ यानी चेला बनाने का काम करते। (लूका 5:10) आज भी यीशु नेकदिल लोगों को न्यौता दे रहा है कि वे चेला बनाने का काम करें। (मत्ती 28:19, 20) क्या आपने यीशु का यह न्यौता कबूल किया है?
2. (क) आपको प्रचारक बनने का फैसला क्यों सोच-समझकर करना चाहिए? (ख) क्या बात जानने से आप यह कदम उठा पाएँगे?
2 हो सकता है, आप काफी समय से बाइबल अध्ययन कर रहे हैं और आपने अपनी ज़िंदगी में कुछ बदलाव भी किए हैं। अब आपको फैसला करना है कि क्या आप प्रचारक बनेंगे। मगर शायद आप यह कदम उठाने से झिझक रहे हैं। अगर ऐसा है, तो निराश मत होइए। प्रचारक बनना बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है, शायद इसीलिए आप झिझक रहे हैं। यह सच है कि पतरस और उसके साथी “फौरन” अपने जाल छोड़कर यीशु के पीछे हो लिए थे। मगर पतरस और उसके भाई अन्द्रियास ने जल्दबाज़ी में यह फैसला नहीं किया था। उन्होंने छ: महीने पहले यीशु को जाना था और उसे मसीहा स्वीकार किया था। (यूह. 1:35-42) आपने भी अब तक यहोवा और यीशु के बारे में काफी कुछ सीख लिया होगा और आप यहोवा के साथ एक अच्छा रिश्ता बनाना चाहते होंगे। मगर एक प्रचारक बनने का फैसला आपको सोच-समझकर करना चाहिए, न कि जल्दबाज़ी में। अगर आप जानें कि पतरस, अन्द्रियास और बाकी लोग यीशु के चेले बनने का फैसला क्यों कर पाए, तो आप भी यह फैसला कर पाएँगे।
3. एक अच्छा प्रचारक बनने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
3 पतरस और उसके साथियों को मछुवाई का काम बहुत पसंद था। वे अपना काम अच्छी तरह जानते थे, वे बड़े हिम्मतवाले थे और लगन के पक्के थे। इन्हीं बातों की वजह से वे चेला बनाने का काम भी अच्छी तरह कर पाए। इस लेख में बताया जाएगा कि आप किस तरह उनके जैसे अच्छे प्रचारक बन सकते हैं।
अपनी इच्छा बढ़ाइए
4. पतरस क्यों मछली पकड़ने का काम करता था?
4 पतरस अपने परिवार का गुज़ारा चलाने के लिए मछलियाँ पकड़ता था। लेकिन वह यह काम सिर्फ रोज़ी-रोटी के लिए नहीं करता था। ऐसा मालूम होता है कि उसे यह काम बहुत पसंद था। (यूह. 21:3, 9-15) जब वह प्रचारक बना, तो उसने चेले बनाने का काम भी दिल लगाकर किया। यहोवा की मदद से वह इस काम में काफी कुशल बन गया।—प्रेषि. 2:14, 41.
5. (क) लूका 5:8-11 के मुताबिक पतरस को किस बात का डर था? (ख) हम अपनी घबराहट कैसे दूर कर सकते हैं?
5 आज हम प्रचार काम क्यों करते हैं? इसकी सबसे खास वजह यह है कि हम यहोवा से प्यार करते हैं। अगर यहोवा से प्यार होगा, तो हम दूसरों को ज़रूर उसके बारे में बताएँगे, भले ही हमें लगे कि यह काम हमसे नहीं होगा। जब यीशु ने पतरस को प्रचारक बनने का न्यौता दिया, तो उसने उससे यह भी कहा, “मत डर।” (लूका 5:8-11 पढ़िए।) पतरस यह सोचकर नहीं डर गया कि अगर मैं यीशु का चेला बन गया, तो पता नहीं मेरे साथ क्या होगा। बस उसे इस बात का डर था कि मैं इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी कैसे निभाऊँगा। दरअसल हुआ यह कि जब यीशु के कहने पर जाल में इतनी सारी मछलियाँ आ गयीं, तो पतरस वह चमत्कार देखकर दंग रह गया। तब उसके मन में आया कि यीशु जैसे महान व्यक्ति के सामने मैं कुछ भी नहीं हूँ, मैं उसके साथ काम करने के काबिल नहीं हूँ। पतरस की तरह आप भी कुछ बातें सोचकर घबराते होंगे। शायद आप सोचते हों कि अगर मैं यीशु का चेला बन गया, तो क्या मैं अपनी ज़िम्मेदारी निभा पाऊँगा? अगर ऐसा है, तो यहोवा, यीशु और लोगों के लिए अपने दिल में और प्यार बढ़ाइए। तब आप ज़रूर चाहेंगे कि आप यीशु का न्यौता स्वीकार करें और प्रचारक बनें।—मत्ती 22:37, 39; यूह. 14:15.
6. प्रचार करने की कुछ और वजह क्या हैं?
6 प्रचार करने की कुछ और वजह भी हैं। एक तो यह कि हम यीशु की यह आज्ञा मानना चाहते हैं, “जाओ और . . . लोगों को मेरा चेला बनना सिखाओ।” (मत्ती 28:19, 20) एक और वजह यह है कि लोगों की हालत बहुत खराब है। वे ऐसी भेड़ों की तरह हैं जिनकी “खाल खींच ली गयी हो और जिन्हें बिन चरवाहे के यहाँ-वहाँ भटकने के लिए छोड़ दिया गया हो।” (मत्ती 9:36) उन्हें राज के बारे में सच्चाई बताना बहुत ज़रूरी है। यहोवा चाहता है कि सब किस्म के लोग सच्चाई का सही ज्ञान पाएँ और उनका उद्धार हो।—1 तीमु. 2:4.
7. रोमियों 10:13-15 के मुताबिक प्रचार काम कितना ज़रूरी है?
7 अगर हम इस बारे में सोचें कि कैसे हमारे प्रचार काम से लोगों का भला होता है, तो हम ज़रूर प्रचारक बनना चाहेंगे। मछुवारे सिर्फ अपने खाने या बेचने के लिए मछलियाँ पकड़ते हैं। लेकिन हम प्रचार काम के रूप में जो मछुवाई करते हैं, उससे लोगों की जान बचती है।—रोमियों 10:13-15 पढ़िए; 1 तीमु. 4:16.
प्रचार करना सीखिए
8-9. एक मछुवारे को क्या जानना ज़रूरी होता है और क्यों?
8 यीशु के दिनों में एक इसराएली मछुवारे को यह जानकारी रखनी होती थी कि किस तरह की मछलियाँ पकड़नी हैं। (लैव्य. 11:9-12) उसे यह भी पता होना था कि समुंदर में मछलियाँ किस जगह मिलती हैं। ऐसी जगह पर बहुत मछलियाँ होती हैं जहाँ पानी उनके लिए सही रहता है और जहाँ खाने के लिए बहुत कुछ मिलता है। एक मछुवारे को यह भी पता रहता है कि किस समय जाने से ज़्यादा मछलियाँ मिलती हैं। यह बात समझने के लिए एक अनुभव पर गौर कीजिए। एक बार प्रशांत महासागर के एक द्वीप में रहनेवाले एक भाई ने एक मिशनरी को अपने साथ मछली पकड़ने के लिए बुलाया। मिशनरी भाई ने उससे कहा, “ठीक है, मैं कल सुबह नौ बजे तक तैयार रहूँगा।” लेकिन ध्यान दीजिए कि भाई ने मिशनरी से क्या कहा, “भाई, हम मछलियाँ पकड़ने तब जाते हैं जब मछलियाँ मिलती हैं, न कि अपने समय के हिसाब से।”
9 पहली सदी में यीशु के चेले भी प्रचार करते वक्त कुछ ऐसा ही करते थे। वे ऐसी जगहों पर प्रचार करने जाते थे जहाँ ज़्यादातर लोग होते थे और वह भी ऐसे समय पर जब वे मिलते थे। उदाहरण के लिए यीशु के चेलों ने मंदिर में, सभा-घरों में, घर-घर जाकर और बाज़ारों में प्रचार किया। (प्रेषि. 5:42; 17:17; 18:4) हमें भी पता होना चाहिए कि हमारे प्रचार के इलाके में लोग कब और कहाँ मिलेंगे। फिर उस हिसाब से हमें प्रचार करने जाना चाहिए।—1 कुरिं. 9:19-23.
10. यहोवा के संगठन ने प्रचार करने के लिए हमें क्या दिया है?
10 मछलियाँ पकड़ने के लिए एक मछुवारे के पास जाल और सही किस्म के औज़ार होने चाहिए और उसे उनका इस्तेमाल करना पता होना चाहिए। उसी तरह प्रचार करने के लिए हमारे पास सही प्रकाशन होने चाहिए और हमें उनका इस्तेमाल करना आना चाहिए। यीशु ने जब अपने चेलों को प्रचार करने भेजा, तो उसने साफ शब्दों में कुछ निर्देश दिए थे। उसने बताया कि उन्हें किस इलाके में प्रचार करना है, लोगों से क्या कहना है और अपने साथ क्या रखना है और क्या नहीं। (मत्ती 10:5-7; लूका 10:1-11) आज यहोवा के संगठन ने हमें प्रकाशनों का पिटारा दिया है। इसमें दिए प्रकाशनों का इस्तेमाल करने से कई अच्छे नतीजे मिले हैं।b संगठन हमें यह भी सिखाता है कि हमें कैसे इन प्रकाशनों का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे हम प्रचार करने में कुशल बनते हैं और हमारा भरोसा बढ़ता है कि हम यह काम अच्छे से कर सकते हैं।—2 तीमु. 2:15.
हिम्मत बढ़ाइए
11. प्रचारकों में हिम्मत क्यों होनी चाहिए?
11 मछुवारों को हिम्मत से काम लेना होता है। एक तो वे रात के अँधेरे में मछुवाई करते हैं और फिर समुंदर का कोई भरोसा नहीं रहता कि कब वहाँ तूफान आ जाएगा। प्रचारकों में भी हिम्मत होनी चाहिए। जब हम प्रचार में जाना शुरू करते हैं और सबको बताते हैं कि हम यहोवा के साक्षी हैं, तब शायद परिवार के लोग हमारा विरोध करें, जान-पहचानवाले हमारा मज़ाक उड़ाएँ और यह भी हो सकता है कि प्रचार में लोग हमारा संदेश न सुनें। इस तरह का कोई तूफान आने पर हमें हैरान नहीं होना चाहिए। यीशु ने पहले ही बताया था कि जब उसके चेले प्रचार करने जाएँगे, तो लोग उनका विरोध करेंगे।—मत्ती 10:16.
12. यहोशू 1:7-9 के मुताबिक हम हिम्मत कैसे बढ़ा सकते हैं?
12 इन तूफानों का सामना करने के लिए आपको हिम्मत की ज़रूरत होगी। आप हिम्मत कैसे बढ़ा सकते हैं? सबसे पहले, इस बात का यकीन रखिए कि यीशु स्वर्ग से प्रचार काम की अगुवाई कर रहा है। (यूह. 16:33; प्रका. 14:14-16) यहोवा के इस वादे पर भी अपना विश्वास मज़बूत कीजिए कि वह आपको हर हाल में सँभालेगा। (मत्ती 6:32-34) जब आपका विश्वास मज़बूत होगा, तब आपकी हिम्मत बढ़ेगी। पतरस और उसके साथियों का विश्वास बहुत मज़बूत था, इसलिए उन्होंने यीशु के पीछे चलने के लिए मछुवाई का कारोबार छोड़ दिया। इसमें कोई शक नहीं कि आपका विश्वास भी बहुत मज़बूत है, तभी तो आपने अपने दोस्तों और परिवारवालों को बताया कि आप यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल अध्ययन कर रहे हैं और सभाओं में जा रहे हैं। इतना ही नहीं, आपने अपने चालचलन में बदलाव किया होगा ताकि आप यहोवा के स्तरों के मुताबिक जी सकें। यह सब आप इसलिए कर पाए क्योंकि आपमें विश्वास और हिम्मत है। अपने अंदर इसी तरह हिम्मत बढ़ाते रहिए, फिर आप इस बात का यकीन रख सकते हैं कि आपका परमेश्वर यहोवा हमेशा आपके साथ रहेगा।—यहोशू 1:7-9 पढ़िए।
13. प्रार्थना और मनन करने से कैसे आपकी हिम्मत बढ़ेगी?
13 हिम्मत बढ़ाने के लिए आप और क्या कर सकते हैं? यहोवा से प्रार्थना कीजिए कि वह आपको हिम्मत दे। (प्रेषि. 4:29, 31) यहोवा ज़रूर आपकी प्रार्थना सुनेगा और आपकी मदद करेगा। वह कभी आपका साथ नहीं छोड़ेगा। इस बात पर भी मनन कीजिए कि कैसे यहोवा ने बीते ज़माने में अपने लोगों की रक्षा की। यह भी याद कीजिए कि कैसे उसने मुश्किलों का सामना करने में आपकी मदद की है और आपको हिम्मत दी है ताकि आप अपनी ज़िंदगी में बदलाव कर सकें। ज़रा सोचिए, अगर यहोवा अपने लोगों को लाल सागर पार करा सकता है, तो क्या वह मसीह का चेला बनने में आपकी मदद नहीं कर सकता? (निर्ग. 14:13) भजन के एक लेखक की तरह यहोवा पर मज़बूत विश्वास रखिए और कहिए, “यहोवा मेरी तरफ है, मैं नहीं डरूँगा। इंसान मेरा क्या कर सकता है?”—भज. 118:6.
14. बहन मेसे और टोमोयो के अनुभव से आपने क्या सीखा?
14 हिम्मत बढ़ाने के लिए आप एक और काम कर सकते हैं। आप ऐसे भाई-बहनों के अनुभव पर गौर कर सकते हैं जो शर्मीले स्वभाव के हैं मगर यहोवा की मदद से वे हिम्मत बढ़ा पाए हैं। मेसे नाम की एक बहन का ही उदाहरण लीजिए। वह शर्मीले स्वभाव की थी और उसे लगता था कि वह कभी अजनबियों को प्रचार नहीं कर पाएगी। अजनबियों से बात करने के खयाल से ही उसे डर लगता था। उसने सोचा कि वह कभी इस मुश्किल को पार नहीं कर पाएगी। तो क्या उसने हार मान ली? नहीं। इसके बजाय, उसने यहोवा और लोगों के लिए अपने दिल में प्यार बढ़ाया। उसने इस बात पर भी मनन किया कि वक्त बहुत कम रह गया है, इसलिए जल्द-से-जल्द प्रचार करना ज़रूरी है। उसने यहोवा से प्रार्थना की कि प्रचार करने के लिए उसके दिल में इच्छा और बढ़ाए। इस तरह वह अपने डर पर काबू कर पायी और यहाँ तक कि पायनियर सेवा भी कर पायी। यहोवा नए प्रचारकों को भी हिम्मत दे सकता है। बहन टोमोयो ने इस बात को सच होते देखा। जब वह पहली बार प्रचार में गयी थी, तो पहले ही घर में एक औरत उस पर बरस पड़ी। उस औरत ने कहा, “मुझे यहोवा के साक्षियों से बात नहीं करनी!” और धड़ाम से दरवाज़ा बंद कर दिया। लेकिन टोमोयो डरी नहीं, बल्कि उसने अपने साथ आयी बहन से कहा, “क्या बात है! मैंने कुछ कहा भी नहीं और वह समझ गयी कि मैं एक यहोवा की साक्षी हूँ।” टोमोयो आज पायनियर सेवा कर रही है।
सही काम करने के लिए संघर्ष कीजिए
15. (क) लगन के पक्के होने का क्या मतलब है? (ख) मसीहियों में यह जज़्बा क्यों होना चाहिए?
15 आम तौर पर मछुवारे लगन के पक्के होते हैं। जो इंसान लगन का पक्का होता है, उसे जो करना होता है वह करके ही रहता है। ज़्यादातर मछुवारों में यही जज़्बा होता है। मछली पकड़ने के लिए वे सुबह जल्दी उठ जाते हैं और तब तक लगे रहते हैं जब तक कि उनका काम पूरा नहीं हो जाता। यहाँ तक कि खराब मौसम में भी वे डटे रहते हैं। यह सब करने के लिए उन्हें खुद के साथ सख्ती बरतनी पड़ती है। प्रचार काम के लिए हमारे अंदर भी उनके जैसा जज़्बा होना चाहिए। तभी हम इस काम में लगे रहेंगे और इसे पूरा कर पाएँगे।—मत्ती 10:22.
16. जो काम हमें मुश्किल लगते हैं, उन्हें करने के लिए हमें कौन-सा गुण बढ़ाना होगा?
16 अकसर ऐसा होता है कि जो काम हमें मुश्किल लगता है उसे हम टाल देते हैं। यह कमज़ोरी हम सबमें जन्म से होती है। लेकिन हमें खुद को समझाना होगा कि जो काम ज़रूरी होते हैं, उन्हें हम यूँ ही टाल नहीं सकते। अगर हम संयम का गुण बढ़ाएँगे, तो हम अपनी कमज़ोरी पर काबू पा सकेंगे। यहोवा हमें पवित्र शक्ति देगा ताकि हम संयम का गुण बढ़ा सकें। तब हम वे काम करने के लिए भी आगे बढ़ेंगे जो हमें आसान नहीं लगते।—गला. 5:22, 23.
17. पहला कुरिंथियों 9:25-27 के मुताबिक पौलुस को सही काम करने के लिए क्या करना पड़ा?
17 प्रेषित पौलुस हमारे लिए एक अच्छी मिसाल है। जो काम मुश्किल होता है उसे भी करने की उसने आदत बना ली थी। मगर इसके लिए उसे कई बार संघर्ष करना पड़ता था। उसने कहा कि वह अपने शरीर को “मारता-कूटता” था। (1 कुरिंथियों 9:25-27 पढ़िए।) उसने दूसरों को भी बढ़ावा दिया कि जो सही है उसे करने के लिए वे संघर्ष करें और सारे काम “कायदे से और अच्छे इंतज़ाम के मुताबिक” करें। (1 कुरिं. 14:40) हमारे अंदर भी ऐसा जज़्बा होना चाहिए, तभी हम यहोवा की उपासना करते रहेंगे। इसमें नियमित तौर पर लोगों को प्रचार करना और सिखाना भी शामिल है।—प्रेषि. 2:46.
देर मत कीजिए
18. यहोवा किसे अच्छा प्रचारक मानता है?
18 आम तौर पर जो मछुवारा ज़्यादा मछलियाँ पकड़ता है, उसे ही अच्छा मछुवारा माना जाता है। लेकिन जहाँ तक प्रचार काम की बात है, सिर्फ उन लोगों को अच्छा प्रचारक नहीं माना जाता जो सच्चाई अपनाने में बहुत लोगों की मदद करते हैं। (लूका 8:11-15) यहोवा ऐसे हर भाई और बहन को अच्छा प्रचारक मानता है जो खुशखबरी सुनाने और सिखाने में लगा रहता है। वह इसलिए कि वे यहोवा और यीशु की आज्ञा मान रहे हैं।—मर. 13:10; प्रेषि. 5:28, 29.
19-20. प्रचार करना आज और भी ज़रूरी क्यों है?
19 कुछ देशों में मछुवारों को साल के कुछ ही महीनों में मछली पकड़ने दिया जाता है। इसलिए जब मछुवाई का समय खत्म होनेवाला होता है, तो मछुवारे ज़्यादा-से-ज़्यादा मछलियाँ पकड़ने की कोशिश करते हैं और पहले से ज़्यादा मेहनत करते हैं। आज प्रचार काम के लिए भी समय बहुत कम रह गया है, क्योंकि दुनिया का अंत बहुत जल्दी होनेवाला है। जो थोड़ा-बहुत समय बचा है, उसमें हमें ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों की जान बचानी है। इसलिए यह काम शुरू करने में अब और देर मत कीजिए। ऐसा मत सोचिए कि जब आपके सामने से सारी रुकावटें दूर हो जाएँगी, तब आप यह काम शुरू करेंगे।—सभो. 11:4.
20 प्रचार काम करने के लिए अपनी इच्छा बढ़ाइए, बाइबल का अच्छा ज्ञान लीजिए, हिम्मत बढ़ाइए और सही काम करने के लिए संघर्ष कीजिए। यह सब जल्द-से-जल्द कीजिए। पूरी दुनिया में 80 लाख से भी ज़्यादा लोग यह काम कर रहे हैं। आप भी उनके साथ जुड़ जाइए और वह खुशी पाइए जो यहोवा देता है। (नहे. 8:10) ठान लीजिए कि आप यह काम जी-जान से करेंगे और तब तक करते रहेंगे जब तक यहोवा नहीं कहता कि काम पूरा हो चुका है। अगले लेख में बताया जाएगा कि प्रचार काम में लगे रहने के लिए हमें क्या करना होगा। हम तीन बातों पर चर्चा करेंगे।
गीत 66 खुशखबरी का ऐलान करें
a यीशु ने ऐसे मछुवारों को अपने चेले बनने के लिए बुलाया जो नम्र थे और बहुत मेहनती थे। आज भी यीशु प्रचारक बनने के लिए ऐसे लोगों को बुला रहा है जो नम्र हैं और मेहनती हैं। इस लेख में बताया जाएगा कि जो बाइबल विद्यार्थी प्रचारक बनने से पीछे हट रहे हैं, उन्हें यह कदम उठाने के लिए क्या करना चाहिए।
b अक्टूबर 2018 की प्रहरीदुर्ग के पेज 11-16 में दिया लेख, “सच्चाई सिखाइए” पढ़ें।