यीशु का जीवन और सेवकाई
क्या यूहन्ना में विश्वास की कमी थी?
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला, जो अब कैदखाने में करीब एक वर्ष बिता चुका है, नाईन में की विधवा के बेटे के पुनरुत्थान की खबर पाता है। लेकिन यूहन्ना सीधा यीशु से इसके अर्थ के बारे में सुनना चाहता है, इसलिए वह अपने शिष्यों में से दो को यह पूछने के लिए भेजता है: “क्या आनेवाला तू ही है या हम किसी दूसरे की बाट देखे?”
यह एक आश्चर्यजनक प्रश्न प्रतीत होगा, विशेष रूप से इसलिए कि यूहन्ना ने परमेश्वर की आत्मा को यीशु पर उतरते हुए देखा था और करीब दो वर्ष पहले उसे बपतिस्मा देने के समय परमेश्वर का अनुमोदन की वाणी सुनी थी। यूहन्ना का प्रश्न कुछों को यह निष्कर्ष निकालने का कारण बन सकता है कि उसका विश्वास कमज़ोर हो गया है। लेकिन यह सही नहीं है। अगर यूहन्ना ने सन्देह करना शुरू किया होता तो यीशु उसकी इतनी प्रशंसा नहीं करते, जितनी इस अवसर पर उसने किया। फिर, यूहन्ना यह प्रश्न क्यों पूछता है?
यूहन्ना शायद यीशु से केवल एक प्रमाणीकरण चाहता है कि वही मसीहा है। जैसे यूहन्ना कैदखाने में दुःख में दिन काट रहा है, यह उसके लिए बहुत शक्तिदायक सिद्ध हो सकता है। लेकिन स्पष्टतः यूहन्ना के प्रश्न में इससे कुछ अधिक था। वह स्पष्ट रूप से यह जानना चाहता है कि अगर कोई और आनेवाला है, मानो एक उत्तराधिकारी जो उन सब बातों की पूर्ति को सम्पादित करेगा जिनकी मसीहा द्वारा पूरा किए जाने की भविष्यवाणी की गयी थी।
उन बाइबल भविष्यवाणियों के अनुसार जिनसे यूहन्ना परिचित है, परमेश्वर का अभिषिक्त, एक राजा, एक उद्धारक बनना था। फिर भी, यूहन्ना यीशु के बपतिस्मा के कई महीनों बाद भी एक कैदी बना हुआ है। इसलिए यूहन्ना स्पष्ट रूप से यीशु को पूछता है: “क्या तुम ही हो जो परमेश्वर के राज्य के दृश्य सत्ता को स्थापित करेगा या कोई और है, जो मसीहा की महिमा से सम्बन्धित सभी भविष्यवाणियों की पूर्ति करेगा, जिनके लिए हमें रूकना है?’
यूहन्ना के शिष्यों से यह कहने के बजाय कि, ‘हाँ, मैं ही वही हूँ जो आनेवाला था!’ यीशु उसी समय कई लोगों को सभी प्रकार की बीमारी और कष्टों से चंगा करने का एक अनोखा प्रदर्शन प्रस्तुत किया। फिर वह उन शिष्यों से कहता है: “जो कुछ तुम ने देखा और सुना है, जाकर यूहन्ना से कह दो; कि अन्धे देखते हैं, लंगड़े चलते फिरते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं, बहिरे सुनते हैं, मुरदे जिलाए जाते हैं, और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है। और धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर न खाए।”
अर्थात्, इसलिए कि यूहन्ना के प्रश्न में ऐसी प्रतीक्षा समाविष्ट है कि यीशु जो अब कर रहा है, उससे अधिक करेगा जैसे यूहन्ना को मुक्त करना, यीशु यूहन्ना से कहता है कि वह इन सब से अधिक की प्रतीक्षा न करें।
जब यूहन्ना के शिष्य चले जाते हैं, यीशु जनसमूह की ओर मुड़ता है और उन से कहता है कि यूहन्ना मलाकी ३:१ में भविष्यवाणी की गई यहोवा का संदेशवाहक है और मलाकी ४:५, ६ में भविष्यवाणी की गई भविष्यवक्ता एलिय्याह भी है। इस तरह यह कहते हुए वह, उसके पहले के किसी भी भविष्यवक्ता के बराबर होने के रूप में यूहन्ना की प्रशंसा करता है:
“मैं तुम से सच कहता हूँ कि जो स्त्रियों से जन्मे हैं, उन में से यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से कोई बड़ा नहीं हुआ, पर जो स्वर्ग के राज्य में छोटे से छोटा है वह उससे बड़ा है। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के दिनों से अब तक स्वर्ग के राज्य पर जोर होता रहा है, और बलवान उसे छीन लेते हैं।”
यीशु यहाँ दिखाता है कि यूहन्ना स्वर्गीय राज्य में नहीं होगा, क्योंकि वहाँ छोटे से छोटा यूहन्ना से बड़ा है। यूहन्ना ने यीशु के लिए मार्ग तैयार किया था लेकिन इससे पहले कि मसीह अपने शिष्यों के साथ उसके राज्य में सह-शासक होने का वाचा या अनुबन्ध को प्रमाणित कर सके, उसकी मृत्यु होती है। इसलिए यीशु कहता है कि यूहन्ना स्वर्गीय राज्य में नहीं होगा। इसके बजाय यूहन्ना परमेश्वर के राज्य का एक पार्थिव नागरिक होगा। लूका ७:१८-३०; मत्ती ११:२-१५.
◆ यूहन्ना यह क्यों पूछता है कि आनेवाला यीशु ही है या किसी और की प्रतीक्षा करनी थी?
◆ यूहन्ना द्वारा पूर्ण की गई कौनसी भविष्यवाणियों के बारे में यीशु कहता है?
◆ यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला यीशु के साथ स्वर्ग में क्यों नहीं होगा?