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“वह बगैर मिसाल के उनसे बात नहीं करता था”मेरा चेला बन जा और मेरे पीछे हो ले
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13 ‘यरूशलेम से यरीहो’ जानेवाले रास्ते के बारे में यीशु ने कुछ और जानी-पहचानी बातें बतायीं। यीशु ने कहा कि उस रास्ते से पहले एक याजक फिर एक लेवी गुज़रा, लेकिन दोनों में से एक भी उस ज़ख्मी आदमी की मदद के लिए नहीं रुका। (लूका 10:31, 32) याजक यरूशलेम के मंदिर में सेवा करते थे और लेवी उनकी मदद करते थे। जब मंदिर में उनका काम खत्म हो जाता था, तो कई याजक और लेवी यरीहो में रहते थे जो यरूशलेम से सिर्फ 23 किलोमीटर की दूरी पर था। इसलिए उनका उस रास्ते से आना-जाना होता था। यह भी ध्यान दीजिए कि यीशु ने कहा कि वह मुसाफिर “यरूशलेम से नीचे उतरकर” जा रहा था न कि ऊपर की तरफ। सुननेवाले यह बात अच्छी तरह समझ सकते थे, क्योंकि यरूशलेम यरीहो से ऊँचाई पर बसा था। इसलिए जब यीशु ने कहा कि मुसाफिर “यरूशलेम से” जा रहा था, तो लाज़िमी है कि वह “नीचे उतरकर” जा रहा होगा।b यीशु ने वाकई अपने सुननेवालों को ध्यान में रखा।
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“वह बगैर मिसाल के उनसे बात नहीं करता था”मेरा चेला बन जा और मेरे पीछे हो ले
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b यीशु ने यह भी कहा कि याजक और लेवी “यरूशलेम से” यानी मंदिर से आ रहे थे। इसलिए दोनों में से कोई भी यह बहाना नहीं कर सकता था कि उन्होंने उस आदमी की इसलिए मदद नहीं की क्योंकि कहीं अगर वह मरा होता और वे उसे छू लेते तो वे अशुद्ध हो जाते और कुछ समय के लिए मंदिर में सेवा नहीं कर पाते।—लैव्यव्यवस्था 21:1; गिनती 19:16.
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