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एक सामरी अच्छा पड़ोसी साबित होता हैप्रहरीदुर्ग—1998 | जुलाई 1
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उन्होंने यहोवा की इच्छा पूरी की
एक सामरी अच्छा पड़ोसी साबित होता है
यीशु के दिनों में, यहूदियों और अन्यजाति के लोगों के बीच का बैर साफ नज़र आता था। कुछ समय बाद, यहूदियों के मिशनाह में इस्राएली स्त्रियों को गैर-यहूदी स्त्रियों की दाई बनने से मना करनेवाला नियम भी शामिल किया गया, क्योंकि इससे अन्यजातियों के एक और मनुष्य को संसार में आने में मदद दी जाती।—अबोदाह ज़ारा २:१.
अन्यजाति के लोगों से ज़्यादा, सामरिया के लोगों का धर्म और जाति के नाते से यहूदियों के साथ करीब का रिश्ता था। लेकिन उन्हें भी नीची जाति का समझा जाता था। प्रेरित यूहन्ना ने लिखा, “यहूदी सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते।” (यूहन्ना ४:९) जी हाँ, तालमुद सिखाता था कि “सामरी से मिला रोटी का टुकड़ा, सूअर के मांस से ज़्यादा अशुद्ध है।” कुछ यहूदी तो “सामरी” शब्द का इस्तेमाल तिरस्कार करने और धिक्कार देने के लिए करते थे।—यूहन्ना ८:४८.
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एक सामरी अच्छा पड़ोसी साबित होता हैप्रहरीदुर्ग—1998 | जुलाई 1
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यीशु कहता गया: “एक सामरी यात्री वहां आ निकला।” बेशक सामरी के ज़िक्र ने उस व्यवस्थापक की जिज्ञासा को बढ़ा दिया। क्या यीशु इस जाति के बारे में नकारात्मक नज़रिए की हिमायत करेगा? इसके विपरीत, उस सामरी ने उस बेचारे यात्री को देखकर “तरस खाया।” यीशु ने कहा: “[उसने] उसके पास आकर और उसके घावों पर तेल और दाखरस ढालकर पट्टियां बान्धी, और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय में ले गया, और उस की सेवा टहल की।b दूसरे दिन उस ने दो दीनार निकालकर भटियारे को दिए, और कहा; इस की सेवा टहल करना, और जो कुछ तेरा और लगेगा, वह मैं लौटने पर तुझे भर दूंगा।”—लूका १०:३३-३५.
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