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एक सामरी अच्छा पड़ोसी साबित होता हैप्रहरीदुर्ग—1998 | जुलाई 1
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यीशु कहता गया: “एक सामरी यात्री वहां आ निकला।” बेशक सामरी के ज़िक्र ने उस व्यवस्थापक की जिज्ञासा को बढ़ा दिया। क्या यीशु इस जाति के बारे में नकारात्मक नज़रिए की हिमायत करेगा? इसके विपरीत, उस सामरी ने उस बेचारे यात्री को देखकर “तरस खाया।” यीशु ने कहा: “[उसने] उसके पास आकर और उसके घावों पर तेल और दाखरस ढालकर पट्टियां बान्धी, और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय में ले गया, और उस की सेवा टहल की।b दूसरे दिन उस ने दो दीनार निकालकर भटियारे को दिए, और कहा; इस की सेवा टहल करना, और जो कुछ तेरा और लगेगा, वह मैं लौटने पर तुझे भर दूंगा।”—लूका १०:३३-३५.
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