बातचीत शुरू करने के लिए
पाठ 1
लोगों के बारे में सोचिए
सिद्धांत: “प्यार . . . सिर्फ अपने फायदे की नहीं सोचता।”—1 कुरिं. 13: 4, 5.
यीशु ने क्या किया?
1. वीडियो देखिए या यूहन्ना 4:6-9 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों के बारे में सोचिए:
क. यीशु ने उस औरत से बात करने से पहले किन बातों पर ध्यान दिया?
ख. यीशु ने कहा, “मुझे पानी पिला।” यह बातचीत शुरू करने का एक अच्छा तरीका क्यों था?
यीशु से हम क्या सीखते हैं?
2. अगर हम किसी ऐसे विषय पर बात करें, जिसमें सामनेवाले को रुचि है तो एक अच्छी बातचीत हो सकती है।
यीशु की तरह हमें क्या करना है?
3. विषय बदलने के लिए तैयार रहिए। यह मत सोचिए कि आपने जिस विषय पर बात करने की तैयारी की है आप बस उसी पर बात करेंगे। इसके बजाय, किसी ऐसे विषय पर बात कीजिए जिसके बारे में ज़्यादातर लोग सोच रहे हैं। खुद से पूछिए:
क. ‘आजकल खबरों में क्या आ रहा है?’
ख. ‘मेरे पड़ोसी, साथ काम करनेवाले या साथ पढ़नेवाले किस बारे में बात कर रहे हैं?’
4. लोगों पर ध्यान दीजिए। खुद से पूछिए:
क. ‘यह व्यक्ति अभी क्या कर रहा है? यह किस बारे में सोच रहा होगा?’
ख. ‘उसके कपड़ों, चेहरे और घर से क्या पता चलता है? वह किस जगह से है और किस धर्म को मानता है?’
ग. ‘क्या इस वक्त उससे बात करना सही होगा?’
5. ध्यान से सुनिए।
क. खुद ही बोलते मत रहिए।
ख. सामनेवाले को बात करने दीजिए। जब ज़रूरी हो, तब सवाल कीजिए।